यह है पुलिस, डीजीपी दफ्तर के पास नशे में धुत गुंडों का तांडव, पुलिस ने की डील और छोड़ दिये अपराधी

  • डीजीपी दफ्तर से चंद कदमों की दूरी पर नशे में धुत हथियारबंद गुंडों ने की मारपीट
  • शिकायत पर थाने तो पहुंचे पर पांच लाख की डील के बाद छोड़ दिये गये अपराधी
  • थाना अंसल पुलिस के कारनामे से नाराज हैं लोग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वे अब राजधानी स्थित डीजीपी दफ्तर से चंद कदमों की दूरी पर ही तांडव मचा रहे हैं। नशे में धुत हथियारबंद गुंडों ने यहां जमकर मारपीट की। शिकायत पर पुलिस एक दर्जन से अधिक गुंडों को पकडक़र अंसल थाने लाई लेकिन थानेदार ने पांच लाख की डील कर मामले को रफा-दफा कर दिया और सभी को छोड़ दिया। जाहिर है जब अपराधियों से थाना पुलिस ही साठगांठ करेगी तो प्रदेश में अपराधों पर लगाम कैसे लगेगी। हैरानी की बात यह है कि ओमेक्स सिटी के लोगों ने सुशांत गोल्फ सिटी अंसल थाने में लिखित तहरीर भी दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं थाना पुलिस के इस कारनामे से लोगों ने जबरदस्त आक्रोश है। लोगों का गुस्सा देखकर प्रभारी निरीक्षक ओमेक्स सिटी पहुंचे तो लोगों ने गुंडों को छोडऩे का कारण पूछा। इस पर इंस्पेक्टर की बोलती बंद रही।
शहीद पथ के करीब पुलिस मुख्यालय स्थित है। यहां उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी बैठते हैं। इससे कुछ दूरी पर ओमेक्स सिटी है। बीती शाम शराब के नशे में चूर एक दर्जन से अधिक गुंडों ने ओमेक्स सिटी के गेट पर जमकर तांडव मचाया। वहां मौजूद गार्डो ने जब उन्हें रोकने का प्रयास किया तो गुंडों ने फोन कर हथियारबन्द अपने साथियों को बुला लिया। बदमाशों ने वहां मौजूद गार्डों को जमकर पीटा। एक दर्जन से अधिक गुंडों को देखकर चेक पोस्ट पर लगे सभी गार्ड डर कर भाग गए। ओमेक्स सिटी के अध्यक्ष हजारीलाल जब मौके पर पहुंचे तो गुंडों ने उनसे भी अभद्रता की। हजारीलाल ने इसकी शिकायत पुलिस से करने की चेतावनी दी तो बेखौफ गुंडों ने उनको जान से मारने की धमकी दी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने एक दर्जन से अधिक गुंडों को मौके से हिरासत में ले लिया और उनको लेकर थाने पहुंच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पुलिस उन्हें थाने ले गई लेकिन घंटे भर बाद छोड़ दिया। सूत्रों का कहना है कि थाना प्रभारी ने गुंडों से पांच लाख की डील की और गुंडों को थाने से ही छोड़ दिया गया।

लिखित शिकायत पर भी नहीं हुई कार्रवाई
डीजीपी ऑफिस के पास में स्थित ओमेक्स सिटी में बीती रात हुई गुंडागर्दी को लेकर सिक्योरिटी सुपरवाइजर ने थाने में लिखित तहरीर दी लेकिन प्रभारी निरीक्षक और गुंडों की सांठगांठ के बीच कोई कार्रवाई न हो सकी। तहरीर में सुपरवाइजर वीरेंद्र पटेल ने लिखा कि टावर नंबर 20 के फ्लैट नंबर 1302 में रहने वाले अमित सिंह, धीरज शाही व गोरखपुर निवासी अमित सिंह अपने 10 से अधिक दोस्तों के साथ आए और गेट पर मौजूद गार्डों से अभद्रता करने लगे। जब उन्होंने अन्य गार्डो को सूचित कर इसका विरोध किया तो गुंडों ने सभी गार्डों से मारपीट और अभद्रता की।

मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। आरोपों की जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डीके ठाकुर, पुलिस कमिश्नर,लखनऊ

हंगामे के बीच हुई वोटिंग, विजय सिन्हा बने बिहार विधान सभा के स्पीकर

  • महागठबंधन के अवध बिहारी को हराया, विपक्ष ने नीतीश की मौजूदगी पर उठाए सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार विधान सभा में स्पीकर के लिए हुए चुनाव में सत्ताधारी एनडीए की जीत हुई है। लखीसराय विधान सभा सीट से विधायक विजय कुमार सिन्हा बिहार विधान सभा के स्पीकर बन गए हैं। उन्होंने महागठबंधन के प्रत्याशी अवध बिहारी को हराया है। पूरी वोटिंग प्रक्रिया विपक्षी नेताओं के हंगामे के बीच संपन्न हुई। वोटिंग प्रक्रिया में 240 सदस्य शामिल हुए। इसमें से 126 विधायकों ने विजय कुमार सिन्हा को समर्थन दिया और 114 विधायकों ने अवध बिहारी को वोट दिया। नतीजों के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने स्पीकर को उनकी कुर्सी तक पहुंचाया और बधाई दी। बिहार में ऐसा पांच दशक के बाद हुआ है, जब स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ हो।
प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने स्पीकर के चुनाव के लिए पहले एनडीए के प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा के पक्ष वाले लोगों से हाथ उठाने को कहा, उसके बाद अवध बिहारी के पक्ष वाले विधायकों को हाथ उठाने को कहा गया। इसी दौरान दोनों पक्षों के विधायकों की संख्या गिन ली गई। वोटिंग के दौरान सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री मुकेश सहनी की मौजूदगी का विपक्ष विरोध करता रहा। विपक्ष का कहना है कि ये नेता विधानसभा के सदस्य नहीं हैं इसलिए इन्हें सदन में रहने का कोई हक नहीं है। इस मांग को प्रोटेम स्पीकर ने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सदन का नेता होता है, इसलिए उनका यहां रहना कहीं से भी गैरकानूनी नहीं है।

कांग्रेस के कद्दावर नेता अहमद पटेल का निधन

  • मेदांता में चल रहा था कोरोना का इलाज
  • राष्टï्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विभिन्न दलों के प्रमुखों ने जताया शोक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का निधन हो गया है। उनके पुत्र फैसल पटेल ने ये जानकारी दी है। कोरोना संक्रमित होने के बाद वह कई दिनों से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। 71 वर्षीय पटेल दशकों तक गांधी परिवार के सबसे करीबी नेता रहे। उनके निधन पर राष्टï्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती समेत विभिन्न दलों के प्रमुखों ने शोक जताया है। पटेल तीन बार लोकसभा सांसद और पांच बार राज्यसभा सांसद रह चुके थे।

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