धौनी जैसा कोई भी नहीं

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आशुतोष चतुर्वेदी

महेंद्र सिंह धौनी ने अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करके क्रिकेट प्रेमियों को स्तब्ध कर दिया है। उन्होंने नाटकीय अंदाज में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें बैक ग्राउंड में गाना चल रहा था- मैं पल दो पल का शायर हूं…और इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। मुकेश का गाया हुआ यह गाना धौनी का पसंदीदा गाना है। कई कार्यक्रमों में उन्होंने स्टेज पर इसकी कुछ लाइनें भी गायी हैं। उन्होंने लिखा-अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिए धन्यवाद।
शाम 07:29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिए जबकि इससे एक दिन पहले ही वह आईपीएल के लिए अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स में शामिल होने के लिए विशेष विमान से रांची से चेन्नई गये थे। उसके बाद उन्हें यूएई जाना था। उन्होंने कुछ दिनों पहले कोरोना की जांच करायी थी और तब तक सब कुछ ठीक-ठाक लग रहा था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे आईपीएल के बाद जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करेंगे, लेकिन उनके दिलों दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। धौनी वह क्रिकेटर हैं, जिसे भारतीय क्रिकेट प्रशंसक कभी भुला नहीं पायेंगे। जब भी किसी मैच में भारतीय टीम परेशानी में पड़ेगी, धौनी याद आयेंगे। आप ऐसे खिलाड़ी का नाम गिनाएं, जिसने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कोई शॉट दिया हो। ऐसे गिने-चुने नाम ही हैं। धौनी ने क्रिकेट को हेलीकॉप्टर शॉट दिया और आज दुनिया के सभी दिग्गज खिलाड़ी उसे लगाने की कोशिश करते हैं। मैं पहले भी कहता आया हूं कि अगर धौनी के योगदान की समीक्षा करेंगे, तो पायेंगे कि उनका सबसे बड़ा योगदान यह है कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम का चाल, चरित्र और चेहरा बदल दिया है।
पिछले साल धौनी के जन्मदिन से ठीक पहले क्रिकेट की अंतरराष्ट्रीय संस्था आईसीसी ने ट्वीट किया और धौनी की तारीफ में लिखा- एक नाम, जिसने भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदल दिया, एक नाम, जो दुनियाभर में लोगों को प्रेरणा दे रहा है। एमएस धौनी सिर्फ एक नाम नहीं है। आईसीसी के वीडियो में आम क्रिकेट फैन के अलावा टीम के साथी खिलाड़ी और कुछ विदेशी क्रिकेटर धौनी के बारे में अपनी राय रख रहे हैं।
वीडियो में भारतीय कप्तान विराट कोहली कह रहे हैं कि जब वह पहली बार भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में गये थे, तब महेंद्र सिंह धौनी उनके कप्तान थे और वह हमेशा उनके कप्तान बने रहेंगे। धौनी कैप्टन कूल कहे जाते हैं। जब वे कप्तान नहीं भी थे, तो वे हमेशा टीम के अघोषित मेंटर की भूमिका में रहते थे। यह सही है कि धौनी जुलाई, 2019 में इंग्लैंड में हुए विश्वकप में भारत की सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हार के बाद से क्रिकेट मैदान से बाहर थे, पर ऐसा भी नहीं है कि धौनी कभी खाली बैठे हों। उन्हें भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि मिली और क्रिकेट से दो महीने का अवकाश लेकर उन्होंने टेरिटोरियल आर्मी के साथ जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी निभायी। यह सही है कि धौनी की आक्रामकता में कमी आ गयी थी, लेकिन उनकी लय बरकरार थी। धौनी में गजब का कौशल है। क्रिकेट विशेषज्ञ भी मानते हैं कि धौनी इसलिए महान हैं क्योंकि वह दबाव में भी सटीक निर्णय ले सकते हैं। उनमें मुश्किल परिस्थितियों में भी खुद को शांत रखने की गजब की क्षमता है। कठिन परिस्थितियों में भी उनके फैसलों ने भारत को अनेक बार जीत दिलायी है। कप्तान के रूप में उनके प्रशंसकों की संख्या अपार है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने धौनी को सीमित ओवर का इस दौर का सर्वश्रेष्ठ कप्तान कहा है। उनका कहना है कि सीमित ओवरों के मैच में उन्होंने जितने कप्तान देखें हैं, उनमें धौनी सर्वश्रेष्ठ हैं। जिस तरह वह विकेट के पीछे से सभी खिलाडिय़ों को प्रेरित करते हैं, नये-नये विचार लाते हैं, दबाव झेलते हैं, वह देखने योग्य है।
धौनी को उनकी कप्तानी और विकेट कीपिंग, दोनों के लिए जाना जाता है। कुछ अरसा पहले आईसीसी ने जब ट्वीट कर पूछा था कि दुनिया में सबसे बेहतरीन विकेट कीपर कौन है, तो अधिकांश का जवाब था-महेंद्र सिंह धौनी। वह विकेट के पीछे से गेंदबाजों को कैसी और कहां गेंद करें, इसकी लगातार हिदायत देते रहते हैं। स्पिनर के वक्त तो उनकी सक्रियता और बढ़ जाती है। धौनी गेंदबाजों को खराब गेदें डालने पर झिडक़ते भी हैं। हालांकि विकेट का सारा श्रेय गेंदबाजों को मिलता है और हम अक्सर धौनी के योगदान की अनदेखी कर जाते हैं। यह अनुभव और विशेषता किसी अन्य विकेटकीपर में कहां मिलेगी। जब भी कोई रिव्यू लेने की बात आती है, तो धौनी का निर्णय अंतिम होता है। वनडे मैचों में 100 से अधिक स्टंपिंग करने वाले वह दुनिया के एकमात्र विकेटकीपर हैं।

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