अयोध्या में 1200 स्तभों पर खड़ा होगा राम मंदिर का ढांचा

हजारों साल टिका रहे रामलला का मंदिर, इस तरह बनाई जा रही कार्य योजना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला का मंदिर 12 सौ खंभों पर खड़ा किया जाएगा। मंदिर दो-तीन हजार साल तक रहे, ऐसी योजना बनायी जा रही है। नींव को हजारों साल सुरक्षित रखने की तकनीक अपनायी जा रही है। मंदिर निर्माण की कार्यदाई संस्था लार्सन एण्ड टुब्रो इसके लिए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) व आईआईटी, चेन्नई के विशेषज्ञों की मदद ले रही है। राम मंदिर का क्षेत्रफल ढाई से तीन एकड़ में होगा।
सूत्रों ने बताया कि मंदिर की नींव के इन स्तम्भों में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। इन खंभों को एक-एक मीटर व्यास के तीस मीटर गहरे गड्ढे में स्थापित किया जाएगा। इन स्तम्भों के ऊपर दो फिट से अधिक ऊंचाई का कांकरीट का प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा। इसके ऊपर मंदिर का धरातल होगा। सीबीआरआई व आईआईटी के विशेषज्ञों ने भूकंप रोधी तकनीक की दृष्टि से जांच करने के बाद अपनी राय एलएंडटी को दी है। साठ मीटर अथवा दो सौ फिट गहराई में मिट्टी की ताकत जांचने के साथ यह भी जांच हुई कि पांच सौ सालों में मिट्टी एक सेमी. मिट्टी बैठने की स्थिति में मंदिर के ढांचे पर क्या असर होगा।

दर्शनार्थी देख सकेंगे मंदिर निर्माण कार्य

रामजन्मभूमि में समतलीकरण के कार्य के दौरान पूरे कार्यस्थल को चारों ओर से ढंक दिया गया था लेकिन अब से रामलला के दर्शनार्थियों को मंदिर निर्माण की प्रगति को दिखाने की व्यवस्था की जाएगी। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र परिसर में ही एक ऐसा स्थान तय करने की तैयारी में है जहां से श्रद्धालु मंदिर निर्माण कार्य को सुविधाजनक ढंग से देख सकेगा।

मंदिर निर्माण समिति की बैठक होगी

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति की बैठक नई दिल्ली में ट्रस्ट के ही मुख्यालय में होगी। नृपेन्द्र मिश्र की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पहले ही पहुंच चुके हैं। बैठक में पूर्व आईएएस अफसर शत्रुघ्न सिंह व दिवाकर त्रिपाठी के अलावा अक्षरधाम से जुड़े स्वामी ब्रह्मा बिहारी महाराज व एके मित्तल समेत अन्य सदस्य शामिल होंगे।

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