चार मई को चुनी जाएगी शहर की सरकार, आज थम जाएगा चुनाव प्रचार

  • प्रशासनिक टीमों ने भी पूरी की अपनी तैयारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। निकाय चुनाव में पहले चरण का प्रचार मंगलवार शाम छह बजे थम जाएगा। इससे पहले सोमवार को मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशी एड़ी चोटी का जोर लगाते दिखे। उधर, प्रशासनिक टीमों ने भी अपनी तैयारी कर ली है। यदि कहीं भी छह बजे के बाद प्रचार हुआ तो कार्रवाई होगी। पहले चरण के लिए कुल 37 जिलों में चार मई को वोट डाले जाएंगे।
इन जिलों में होगा पहला चरणशामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर,अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, झांसी, जालौन, ललितपुर, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, उन्नाव, हरदोई, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, जौनपुर।

वाराणसी नगर निगम पर है सभी की नजर

वाराणसी नगर निगम के चुनाव पर पूरे प्रदेश व देश की नजर है। वाराणसी में भाजपा ने क्षेत्रीय मंत्री अशोक तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। वाराणसी में आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा दयालु, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन रवींद्र जायसवाल और श्रम कल्याण मंत्री अनिल राजभर की प्रतिष्ठा दांव पर है। वाराणसी में भितरघात की सूचना मिलने के बाद पार्टी के शीर्ष नेता सक्रिय हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के नाते मुख्यमंत्री, दोनों उप मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह वहां पूरी ताकत लगाए हैं। वाराणसी में प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह ने भी पूरी ताकत लगाई है।

दो दर्जन मंत्रियों की साख दांव पर

नगरीय निकाय चुनाव में प्रदेश सरकार के दो दर्जन से अधिक मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। मंत्रियों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में तो पार्टी को चुनाव जिताना ही है, साथ ही प्रभार वाले जिले में भी कमल खिलाने की जिम्मेदारी को बखूबी निभाना है। चुनाव में मंत्रियों के राजनीतिक कौशल के साथ प्रशासनिक दक्षता की भी परीक्षा हो रही है। भाजपा निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास मानकर लड़ रही है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि निकाय चुनाव के नतीजों का असर लोकसभा चुनाव तक रहेगा। लिहाजा पार्टी ने सभी 17 नगर निगमों और जिला मुख्यालयों की नगर पालिका परिषदों में कब्जा जमाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी 75 जिलों का चुनावी दौरा कर रहे हैं। वहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी एक एक दिन में दो से तीन जिलों में चुनावी सभाएं और संपर्क कर रहे हैं। भाजपा ने सरकार के मंत्रियों के परिवारजन को प्रत्याशी नहीं बनाया है। लेकिन मंत्रियों का जिले में वर्चस्व बनाए रखने के लिए प्रत्याशी चयन में उनकी राय को महत्व दिया गया है।

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