जहां प्रकृति ने अपने सौन्दर्य को खुल कर बिखेरा
औली उत्तराखण्ड का एक भाग है। यह 5.7 किलोमीटर में फैला छोटा सा स्की-रिसोर्ट है। इस रिसोर्ट को 9,500.10,500 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है। यहां बर्फ से ढकी चोटियां बहुत ही सुन्दर दिखाई देती हैं। इनकी ऊंचाई लगभग 23,000 फीट है। यहां पर देवदार के वृक्ष बहुतायत में पाए जाते हैं। इनकी महक यहां की ठंडी और ताजी हवाओं में महसूस की जा सकती है।
औली में प्रकृति ने अपने सौन्दर्य को खुल कर बिखेरा है। बर्फ से ढकी चोटियों और ढलानों को देखकर मन प्रसन्न हो जाता है। यहां पर कपास जैसी मुलायम बर्फ पड़ती है और पर्यटक खासकर बच्चे इस बर्फ में खूब खेलते हैं। स्थानीय लोग जोशीमठ और औली के बीच केबल कार स्थापित करना चाहते हैं। जिससे आने-जाने में सुविधा हो और समय की भी बचत हो। इस केबल कार को बलतु और देवदार के जंगलों के ऊपर से बनाया जाएगा। यात्रा करते समय आपको गहरी ढ़लानों से होकर जाना पड़ता है और ऊंची चढ़ाइयां चढऩी पड़तीं हैं। यहां पर सबसे गहरी ढलान 1,640 फुट और सबसे ऊंची चढ़ाई 2,620 फुट की है। पैदल यात्रा के अलावा यहां पर चेयर लिफ्ट का विकल्प भी है। जिंदादिल लोगों के लिए औली बहुत ही आदर्श स्थान है। यहां पर बर्फ गाड़ी और स्लेज आदि की व्यवस्था नहीं है। यहां पर केवल स्कीइंग और केवल स्कीइंग की जा सकती है। इसके अलावा यहां पर अनेक सुन्दर दृश्यों का आनंद भी लिया जा सकता है। नंदा देवी के पीछे सूर्योदय देखना एक बहुत ही सुखद अनुभव है। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान यहां से 41 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा बर्फ गिरना और रात में खुले आकाश को देखना मन को प्रसन्न कर देता है। शहर की भागती-दौड़ती जिंदगी से दूर औली एक बहुत ही बेहतरीन पर्यटक स्थल है। यहां पर स्की करना सिखाया जाता है। गढ़वाल मण्डल विकास निगम ने यहां स्की सिखाने की व्यवस्था की है। मण्डल द्वारा 7 दिन की नॉन-सर्टिफिकेट और 14 दिन की सर्टिफिकेट ट्रेनिंग दी जाती है। यह ट्रेनिंग हर वर्ष जनवरी-मार्च में दी जाती है। मण्डल के अलावा निजी संस्थान भी ट्रेनिंग देते हैं। यह पर्यटक के ऊपर निर्भर करता है कि वह कौन सा विकल्प चुनता है। स्की सीखते समय सामान और ट्रेनिंग के लिए रू.500 देने पड़ते हैं। इस फीस में पर्यटकों के लिए रहने, खाने और स्की सीखने के लिए आवश्यक सामान आदि की आवश्यक सुविधाएं दी जाती हैं। इसके अलावा यहां पर कई डीलक्स रिसोर्ट भी हैं। यहां पर भी ठहरने का अच्छा इंतजाम है। पर्यटक अपनी इच्छानुसार कहीं पर भी रूक सकते हैं। बच्चों के लिए भी औली बहुत ही आदर्श जगह है। यहां पर पड़ी बर्फ किसी खिलौने से कम नहीं होती है। इस बर्फ से बच्चे बर्फ के पुतले और महल बनाते हैं और बहुत खुश होते हैं।