महाराष्ट्र में नहीं कम हो रहीं BJP की मुश्किलें, लग रहे झटके पर झटके

मुंबई। देश के अंदर सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों के पहले चरण के मतदान में अब सिर्फ 4 दिनों का ही समय बाकी रह गया है। 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के साथ ही देश के अंदर लोकसभा चुनावों का आगाज हो जाएगा। यही वजह है कि सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रचार-प्रसार में तेजी लाना शुरू कर दिया है। देश के बड़े-बड़े नेता लगातार अलग-अलग राज्यों के चक्कर लगा रहे हैं और अपनी राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इस बार के चुनाव में देश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर देश की सत्ता के सिंघासन पर एक बार फिर विराजमान होना चाह रही है।

अपनी इस हैट्रिक विक्ट्री को खास बनाने के लिए भाजपा अबकी बार 400 पार का लक्ष्य लेकर चल रही है। यानी बीजेपी एक ऐतिहासिक जीत के साथ देश की सत्ता में लगातार तीसरी बार वापसी करना चाह रही है। तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष है जो काफी हद तक एकजुट हो गया है। वो किसी भी कीमत में भाजपा को दिल्ली की गद्दी पर फिरसे नहीं बैठने देना चाह रहा है। विपक्ष की ये कोशिश है कि वो कैसे भी करके भाजपा को सत्ता में आने से रोक सके और एक मजबूती के साथ देश की सत्ता में वापसी कर सके। इसी को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच सियासी जंग जारी है।

इस बीच देश में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाले राज्य महाराष्ट्र में सियासी हलचल काफी तेज है और सियासी गतिविधियां आए दिन बदल रही हैं। महाराष्ट्र की सियासत में आए दिन हो रहे बदलाव के चलते प्रदेश की सियासत और भी गरमाई हुई है। और 400 पार के लक्ष्य को लेकर चल रही भाजपा के लिए प्रदेश में हालात आए दिन खराब होते जा रहे हैं। भाजपा ने दो क्षेत्रीय पार्टियों एनसीपी और शिवसेना को तोड़कर अपने पाले में मिलाया है। लेकिन फिर भी जब चुनाव सिर पर आए हैं तो भाजपा को इसका लाभ मिलने की वजाय और नुकसान होता नजर आ रहा है।

यही कारण है कि जितना-जितना चुनाव करीब आता जा रहा है। उतना ही प्रदेश में भाजपा की हालत और कमजोर होती जा रही है। और उसके लिए मुसीबतें कम होने की जगह और बढ़ती जा रही हैं। तो वहीं महायुति गठबंधन में भी भाजपा अपने सहयोगी एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पा रही है। जिस वजह से पहले चरण में सिर्फ 4 दिन बचे होने के बावजूद भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन अभी तक प्रदेश में अपने सीट बंटवारे का भी ऐलान नहीं कर पाया है। और राज्य की कुछ सीटों को लेकर अभी तक गठबंधन में रैंच मची हुई है। वहीं दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी ने अपने सीट बंटवारे का भी ऐलान कर दिया है। और आए दिन अपने सियासी दांव से भाजपा में सेंधमारी कर उसे और कमजोर करने का प्रयास भी किया जा रहा है।

इस बीच राजनीति के कुशल पुरोधा माने जाने वाले एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने अपने सियासी दांव से भाजपा में बड़ी सेंधमारी की है और प्रदेश में बीजेपी को एक बड़ा झटका दिया है। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने एक बार फिर अपना पवार गेम दिखाते हुए भाजपा में बड़ी सेंधमारी की है। जिससे उसे तगड़ा झटका देते हुए बीजेपी नेता धैर्यशील मोहिते पाटिल को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने धैर्यशील मोहिते पाटिल का पार्टी में स्वागत किया। धैर्यशील अब महाराष्ट्र की माढा सीट से चुनाव लड़ेंगे। धैर्यशील मोहिते का शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में आने को बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती के तौर देखा जा रहा है। क्योंकि धैर्यशील के भाजपा से शरद पवार के साथ आने से बीजेपी को राज्य में कई सीटों पर भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

इस मौके पर धैर्यशील मोहिते ने पार्टी में शामिल होने के पीछे की वजह भी बताई। मोहिते ने इस मौके पर कहा कि मैंने दिवाली पर अपनी इच्छा व्यक्त की थी। इसमें मैंने कहा था कि मेरी सांसद बनने में दिलचस्पी है। मैं सभी विधानसभा क्षेत्रों में घूमता रहा हूं। बीजेपी के उम्मीदवार की घोषणा के बाद मैंने फैसला किया था कि चलो अब घर पर बैठते हैं। देखते हैं अगली बार कब मौका मिलेगा? इसके बाद शरद पवार जी ने दादा से बातचीत और मुझे प्रत्याशी बनने का ऑफर दिया। इससे पहले धैर्यशील मोहिते पाटिल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा कि देश के नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरदचंद्र जी पवार (साहब) आज आदरणीय विजय दादा से मिलने आए। स्नेहपूर्ण दोपहर का भोजन लेने अकलुज आए थे। इस मौके पर मोहिते पाटिल परिवार ने हेलीपैड पर उनका स्वागत किया।

बता दें कि इससे पहले माढा सीट से बीजेपी में टिकट के लिए दावेदारी करने वाली धैर्यशील मोहिते पाटिल ने 12 अप्रैल को भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ही उनके शरद पवार की पार्टी में शामिल होने की अटकलें सामने आई थीं। बीजेपी ने माढा से रंजीत नाइक निंबालकर को उम्मीदवार बनाया है। 2019 में इस सीट से निंबालकर ही जीते थे। तब अविभाजित एनसीपी दूसरी नंबर पर रही थी। शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी को महाराष्ट्र में कुल 10 लोकसभा सीटें बंटवारे में मिली हैं। इनमें माढा सीट भी शामिल है।

वहीं चुनाव करीब आता देख राजनेताओं द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और सियासी बयानवाजी का दौर भी लगातार जारी है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। शरद पवार ने पीएम मोदी पर देश में धीरे-धीरे लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनमें और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कोई फर्क नहीं है। सीनियर पवार ने आगे कहा कि मोदी नहीं चाहते कि विपक्ष से कोई भी निर्वाचित हो। प्रधानमंत्री का इस तरह का रुख दिखाता है कि उनमें और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन में कोई अंतर नहीं है। पवार ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने पर मौजूदा मुख्यमंत्री (अरविंद केजरीवाल) की गिरफ्तारी दिखाती है कि मोदी धीरे-धीरे संसदीय लोकतंत्र नष्ट कर रहे हैं और देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में सत्तारूढ़ पार्टी की तरह विपक्ष भी बराबर का महत्वपूर्ण है। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के घोषणापत्र के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि यह उनके घोषणापत्र पर टिप्पणी करने के लिए उचित समय नहीं है। हालांकि, वादे करना भाजपा की विशेषता है।

वहीं चुनाव प्रचार अभियान के दौरान शिवसेना (यूबीटी) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। आदित्य ठाकरे ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि जनता के असली मुद्दों पर बात नहीं की जा रही है। एक चुनावी जनसभा में बोलते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि विरोधी पक्ष आज प्रचार कर रहा है कि कौन मीट खा रहा है, कौन चिकन खा रहा है। क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए। ये लोग बेरोजगारी और महंगाई की बात नहीं कर रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि लद्दाख में हजारों लोग आंदोलन कर रहे है, उनकी सरकार नहीं सुन रही है।

क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए ये बता रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अमोल कीर्तिकर पर ईडी का दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन वो हिम्मत नहीं हारे, लड़ रहे हैं और हम उन्हें दिल्ली पहुंचाएंगे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने आगे ये भी कहा कि दक्षिण भारत में बीजेपी के लिए दरवाजे बंद हो गए हैं। महाराष्ट्र में मैं घूम रहा हूं, बीजेपी से लोग नाराज हैं। आप देखना दिल्ली में आघाड़ी की सरकार बनेगी। केजरीवाल की गिरफ्तारी से लोग नाराज हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि दिल्ली की एक सीट भी बीजेपी नहीं जीतेगी।

जाहिर है कि लोकसभा चुनाव की तारीख जितनी-जितनी करीब आ रही महाराष्ट्र में भाजपा के लिए मुश्किलें उतनी ही बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में 400 पार की उम्मीदें लगाए बैठी भाजपा पर 48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में बड़ी हार का खतरा मंडरा रहा है। अगर बीजेपी महाराष्ट्र में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई तो उसके लिए 400 और 370 सीटें पाना तो दूर, सत्ता में बने रहना तक मुश्किल हो जाएगा। फिलहाल अब क्या होता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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