संजय राउत का बड़ा दावा, सभी 48 सीटों पर होगी MVA की जीत

मुंबईः लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है… जिसको लेकर सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारी पूरी कर ली है…. वहीं लोकसभा चुनाव की पहले चरण के मतदान की तारीख नजदीक है… जिसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी तैयारियों के लेकर कमर कस ली है… और राज्यों के सभी क्षेत्रीय पार्टियां सीट बंटवारे को लेकर कर रही मंथन को विराम देने की ओर हैं… आपको बता दें कि देश के दूसरे सबसे बड़ा लोकतंत्र महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे को लेकर लगातार राजनीति जारी है… इसी बीच उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की सभी 48 सीटें महाविकास अघाड़ी है… न कि शिवसेना या कांग्रेस की है…. बता दें कि शिवसेना का नजरिया बिल्कुल स्पष्ठ है…. महाविकास अघाड़ी को पूरी 48 सीटें जीतनी है… वहीं सांगली सीट शिवसेना के पास है…. जिसको लेकर कुछ लोग नाराज हो सकते है… लेकिन हम सांगली सीट को भी जीतने का प्रयास करेंगे और सांगली सीट को जीतेंगे….

सांगली सीट को लेकर कुछ लोगों में नाराजगी- संजय राउत

वहीं सांसद संजय राउत ने स्पष्ठ करते हुए कहा कि कुछ सीटों को लेकर लोगों में नाराजगी थी जिसको लेकर मैने लोंगो को समझाया है… कि सांगली को हमे जीतना है… उसके साथ ही साथ हमें महाराष्ट्र की सभी 48 सीटों को जीतना है…. जिसको लेकर हमारी सारी तैयारी पूरी है…. अब हमारा शीट बंटवारे का मुद्दा भी सुलझ चुका है… अब चुनाव को लेकर हमे प्रचार प्रसार करना सीट बंटवारे पर कोई भी बात नहीं करनी है… वहीं कुछ दिन पहले ऐसी जानकारी सामने आई थी जिससे यह स्पष्ठ था कि सांगली सीट को लेकर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों में मंथन जारी था… और कांग्रेस सांगली सीट से अपना उम्मीदवार उतराना चाहता था… लेकिन सीट शेयरिंग का मुद्दा फाइनल हो गया है…. और सांगली सीट शिवसेना को दे दी गई है… जिसके बाद अब सारा रास्ता साफ है सीट बंटवारे को लेकर किसी भी प्रकार का कोई मुद्दा नहीं बचा है…और सभी दलों में सहमति बन गई है…

संजय राउत का दावा, सभी सीटे जीतने का लक्ष्य

आपको बता दें कि संजय राउत ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) की… और (एमवीए) का सभी सीटें जीतने की स्पष्ट दृष्टि है…. वहीं सांगली सीट को लेकर कांग्रेस के कुछ लोग नाराज है… क्योंकि सांगली सीट शिवसेना के पास है…. जिससे कांग्रेस में नाराजगी है…. वहीं अमरावती और कोल्हापुर हमारी सीटें थीं…. लेकिन हमने अपने कार्यकर्ताओं को समझाया….. वहीं अगर सांगली में कांग्रेस के कुछ लोग नाराज हैं…. तो उन्हें समझाना शीर्ष नेतृत्व की जिम्मेदारी है….. हम सांगली की सीट जीतने की पूरी कोशिश करेंगे…. और सांगली सीट जीतेंगे…. वहीं अब संजय राउत के बयान से स्पष्ठ है कि महा विकास अघाड़ी में शीट शेयरिंग का फार्मूला फाइनल हो गया है… और अब पूरी तैयारी के साथ बीजेपी के परास्त करने के लिए कमर कस चुकी है….

बीजेपी को जनता ने समझा

बता दें कि प्रदेश की जनता बीजेपी की कार्यप्रणाली पूरी तरह से समझ चुकी है… जिसका परिणाम चार जून को देखने को मिलेगा… वहीं देश समेत प्रदेश में व्याप्त अराजकता को देखते हुए विपक्ष लगातार बीजेपी पर हमलावर है… वहीं सीट शेयरिंग के मामले बीजेपी में अभी भी बात फाइनल नहीं हुई है… जिसको लेकर अभी भी असहमति की स्थिति बनी हुई है…. वहीं करारी शिकस्त देने के लिए विपक्ष ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है… और जिसको लेकर बीजेपी हिली हुई दिख रही है….

इन सीटों को लेकर बनी असहमति

आपको बता दें कि महा विकास अघाड़ी नेताओं के मुताबिक, केवल चार या पांच सीटों पर ही मुद्दा रुका हुआ है…. औऱ तीनों सहयोगी दल (उद्धव गुट की शिवसेना, कांग्रेस, शरद गुट की एनसीपी) राज्य में अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों पर सहमत हो गए हैं… वहीं उम्मीद है कि जल्द बाकी सीटों पर भी आम सहमति बन जाएगी…. हालांकि, मंगलवार को शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा था कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) अभी भी प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत करने में दिलचस्पी रखती है…. वीबीए पहले ही कई लोकसभा सीट पर उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है…. आपको बता दें कि संजय राउत ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हटाने और मतपत्रों के आधार पर चुनाव कराने की अपनी मांग भी दोहराई थी….

ईवीएम को लेकर विपक्ष हमलावर

बता दें कि विपक्ष द्वारा लगातार ईवीएम का मुद्दा उठाया जा रहा है… और चुनाव को बैलेट पेपर से कराने की मांग की जा रही है… और विपक्ष लगातार बीजेपी पर ईवीएम से चुनाव जीतते आने का आरोप लगाता आ रहा है… बता दें जिसको लेकर विपक्ष ने चुनाव आयोग से कहा है कि इस बार वीवीपैट की गिनती की जाए और विपक्ष का जो कहना है उसको दूर किया जाए कि ईवीएम में कोई भी कमी नहीं है… वहीं ईवीएम को लेकर विपक्ष का कहना है कि जनता जब वोट देने जाती है… तो उसको पता भी नहीं चलता है कि उसने किसके वोट दिया है…. वहीं बैलेट पेपर से वोट डालने पर जनता को पता चलता है कि वह जिसको वोट देने गई है… उसने उसी को वोट दिया है…..

 

 

 

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