दलित छात्र की मौत पर यूपी में बवाल

योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर उठे सवाल

  • विपक्ष बोला- डबल इंजन सरकार जंगलराज की गारंटी है
  • बीजेपी और मोदी मीडिया मिल कर ‘झूठ का कारोबारÓ कर रहे : राहुल
  • सिलईबड़ा गांव में तनावपूर्ण शांति, पुलिस-पीएसी तैनात

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक दलित छात्र की मौत के मामले पर राजनीति गरमा गई है। विपक्षी दल बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि कानून व्यवस्था को दुरुस्त कहने वाली योगी सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और मोदी मीडिया मिल कर कैसे ‘झूठ का कारोबार’ कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था उसका सबसे बड़ा उदाहरण है। कहीं पेड़ से लटके नाबालिग बहनों के शव, तो कहीं इंटों से कुचल कर हत्या की वारदात। कहीं भाजपाइयों द्वारा आईआईटी-बी॥ कैंपस में गैंग रेप का दुस्साहस, तो कहीं न्याय न मिलने पर आत्महत्या को मजबूर महिला जज, ये उस प्रदेश का हाल है जिसकी कानून व्यवस्था का गुणगान करते मोदी मीडिया थकता नहीं है। हाल ही में रामपुर में अंबेडकर स्मारक की मांग पर 10वीं की परीक्षा देकर लौटते दलित छात्र की हत्या यूपी की जर्जर कानून व्यवस्था का सबसे वीभत्स उदाहरण है।
मिलक क्षेत्र के सिलाई बड़ा गांव में बृहस्पतिवार को तनावपूर्ण शांति रही। पीएसी सहित भारी पुलिस बल तैनात रहा। अंत्येष्टि के अगले दिन गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि, पीड़ित पक्ष के लोगों में घटना को लेकर आक्रोश है। पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के लोगों का तांता लगा रहा। भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस सहित कई पार्टियों के नेताओं ने गांव पहुंचकर परिजनों से मामले की जानकारी ली।

शराब पिलाकर नाबालिग बहनों से गैंगरेप

कानपुर के घाटमपुर इलाके से शर्मनाक वारदात सामने आई है। यहां कोतवाली के एक गांव में बुधवार रात पेड़ से लटककर जान देने वाली फुफेरी बहनों ने भ_ा ठेकेदार के बेटे और भांजे की करतूत से तंग आकर यह खौफनाक कदम उठाया है। मंगलवार को दोनों युवकों ने उन्हें बहाने से शराब पिलाई और दरिंदगी की वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने इस कृत्य का वीडियो भी बना लिया। जानकारी के बाद परिजनों ने विरोध किया तो ठेकेदार ने दोनों किशोरियों और परिवार की पिटाई, साथ ही वीडियो वायरल करने की धमकी दी। आहत दोनों किशोरियां एक ही दुपट्टे से फंदा लगाकर लटक गईं। पुलिस ने ठेकेदार, उसके बेटे व भांजे के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, मारपीट, धमकी, पाक्सो एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।

उत्तर प्रदेश में दलितों का दमन चरम पर : चंद्रशेखर

एक सोशल मीडिया पोस्ट में चंद्रशेखर ने लिखा- आज फिर से हाथरस याद आ रहा है, उत्तर प्रदेश में दलितों का दमन चरम पर है। रामपुर में भाई सोमेश की पुलिस द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गयी है, कई लोग घायल है लेकिन पुलिस मुझे सम्भल में रोक कर खड़ी है। क्या अब मैं अपने पीड़ित परिवार से भी नही मिल सकता हूं। उन्होंने लिखा- सच मे उत्तरप्रदेश बदल गया है अब दलितों की हत्या के लिये अपराधियों की जरूरत नही है योगी जी की पुलिस ही बहुत है। जितनी पुलिस लगानी है लगा लो मुझे रोकने के लिये, मैं जाऊंगा और जरूर जाऊंगा।

चुनाव से पहले क्यों भेजा नोटिस : अखिलेश

  • बोले- सीबीआई को पूछताछ में दूंगा सहयोग
  • लखनऊ में या वीडियो कांफ्रेंसिंग से बयान देने पर राजी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खनन घोटाले में सीबीआई के सम्मन पर बृहस्पतिवार को जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। हालांकि उन्होंने सीबीआई को पत्र के जरिए जवाब भेजा है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने सीबीआई को जांच में सहयोग करने का आश्वासन देने के साथ सवाल किया कि आखिर उन्हें चुनाव से पहले नोटिस क्यों भेजा गया? उन्होंने लखनऊ में अथवा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज करने की बात लिखी है।
सीबीआई को जवाब भेजने की पुष्टि अखिलेश ने खुद भी की है। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने सीबीआई को भेजे पत्र में सवाल उठाया कि उन्हें चुनाव से पहले नोटिस क्यों भेजा गया है। वर्ष 2019 के बाद पांच साल तक उनसे कोई जानकारी क्यों नहीं मांगी गई? सीबीआई आखिरकार उनसे इस मामले में क्या जानकारी हासिल करना चाहती है, जिसके लिए उन्हें बतौर गवाह बुलाया गया है। अखिलेश ने कहा कि सीबीआई का कागज आया था, मैंने जवाब भेज दिया गया है।

लखनऊ आ सकती है जांच टीम

बता दें कि सीबीआई ने अखिलेश यादव को बतौर गवाह बुलाया है, इसलिए वह लखनऊ में आकर पूछताछ कर सकती है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज होना मुश्किल माना जा रहा है। जानकारों की मानें तो सीबीआई अखिलेश को 15 दिन बाद फिर से नोटिस देकर तलब कर सकती है। इसके बावजूद यदि वह दिल्ली जाकर जांच एजेंसी को अपना बयान नहीं देते हैं तो जांच अधिकारी लखनऊ आकर उनका बयान दर्ज कर सकता है। उनके बयान में अगर सीबीआई को कोई नया तथ्य हाथ लगा तो इस मामले की जांच नया मोड़ ले सकती है। सूत्रों की मानें तो अखिलेश से खनन पट्टों के आवंटन को लेकर पंचम तल पर किए गये फैसलों के बारे में सवाल पूछे जाने हैं।

हिमाचल में अभी नहीं टला कांग्रेस की सुक्खू सरकार का संकट

  • बागियों के संपर्क में कई विधायक
  • प्रियंका गांधी ने संभाला मोर्चा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शिमला। हिमाचल में राज्य सभा चुनाव के दौैरान हुए क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्र्रेस उम्मीदवार की हार से शुरू हुआ सियासी उठापटक अब भी जारी है। हालांकि कांग्रेस नेता प्रियंका के हस्तक्षेप के बाद वहां की कांग्रेस सरकार का संकट तत्काल तो टल गया पर अभी मामला में पेंच फंसा हुआ है। हालांकि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नजर रखे हुए है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सरकार अभी भी खतरे में है। कांग्रेस के कई विधायक बागियों के संपर्क में हैं। गुरुवार (29 फरवरी) को पर्यवेक्षकों के साथ हुई बातचीत नाकाम रही। मुख्यमंत्री बदलने पर विक्रमादित्य सिंह का कैंप और बागियों का खेमा अड़ा हुआ है। मंत्री विक्रमादित्य सिंह गुरुवार को रात 12 बजे पंचकूला पहुंचे। यहां विक्रमादित्य सिंह ने बागी विधायकों से मुलाकात की। जबकि दूसरी प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने कहा कि संकट को खत्म मान लेना जल्दबाजी होगी। दरअसल हिमाचल में कुछ दिनों से कांग्रेस में सियासी उठापटक चल रही।

Related Articles

Back to top button