सिपाही भर्ती गड़बड़ी को मुद्दा बनाएगी कांग्रेस

  • बनाई जा रही है रणनीति तैयार हो रही रिपोर्ट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सिपाही भर्ती परीक्षा गड़बड़ी मामले को निरंतर धार देगी। वह विभिन्न परीक्षाओं की स्थिति की पड़ताल रिपोर्ट तैयार करेगी और उसे सियासी ढाल बनाएगी। पार्टी की हर छोटी- बड़ी बैठकों में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। इसके लिए पिछले पांच साल में प्रदेश में निकली भर्ती और उसकी स्थिति पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने हर जिले में भर्ती में गड़बड़ी का मामला उठाया था।
उन्होंने बेरोजगारी को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस सरकार बनने पर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही थी। इस बीच प्रदेश सरकार ने सिपाही भर्ती परीक्षा निरस्त कर दी और शिकायतों की जांच एसटीएफ को सौंप दी है। पार्टी की ओर से प्रदेश में पांच साल के दौरान निकली भर्ती पर बन रही रिपोर्ट में किस परीक्षा में कितने आवेदन आए और कितनी फीस ली गई? परीक्षा की स्थिति, परीक्षा होने के बाद परिणाम की स्थिति आदि बिंदु शामिल होंगे। अब इसके सहारे सरकार को घेरने की तैयारी है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल परिवाद को खारिज करने के मामले में दाखिल की गई निगरानी याचिका में राज्य सरकार को भी पक्षकार बनाया जाएगा। इसकी अनुमति देते हुए एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंश नारायण ने सुनवाई के लिए 11 मार्च की तारीख तय की है। गौरतलब है कि याचिका दायर कर निगरानीकर्ता नृपेंद्र पांडे ने बताया था कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो पदयात्रा के दौरान वीर विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ जानबूझकर अपमानजनक बातें कही थीं।
एमपीएमएलए के विशेष एसीजेएम अंबरीष कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट में राहुल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग वाली अर्जी देकर आरोप लगाया था कि राहुल ने 17 नवंबर 2022 को अकोला महाराष्ट्र में वैमनस्यता पैदा करने के लिए सार्वजनिक मंच से सावरकर को लेकर अमर्यादित आलोचना की। निचली अदालत ने पहले इस अर्जी को परिवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया था। बाद में उस परिवाद को क्षेत्राधिकार के बाहर बताते हुए खारिज कर दिया था। निचली कोर्ट के इसी आदेश को निगरानी याचिका के जरिये चुनौती दी गई है। इसमें नृपेंद्र पांडेय ने राज्य सरकार को विपक्षी नहीं बनाया था, केवल राहुल गांधी को विपक्षी बनाया था। मामले की सुनवाई के दौरान आपत्ति आने पर कोर्ट ने राज्य सरकार को भी पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी।

बेरोजगारों की जेब काटी जा रही : अजय राय

प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि गरीब बेरोजगार काफी मुश्किल से परीक्षा शुल्क जुटा पाते हैं। सरकार विभिन्न परीक्षाओं में शुल्क लेती है। कई भर्ती सालों से लंबित है तो कुछ के परिणाम जारी नहीं किए गए हैं। इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट को जनता के बीच रखा जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि किस तरह से बेरोजगारों की जेब काटी जा रही है।

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