रायबरेली आकर मुझे अपार खुशी मिली है: सोनिया गांधी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सोनिया गांधी ने राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद रायबरेली की जनता के नाम संदेश देते हुए एक बड़ा एलान किया है। सोनिया गांधी ने अगला लोकसभा चुनाव न लडऩे का फैसला लिया है। इसके पीछे का कारण उन्होंने स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र बताया है। रायबरेली के लिए मेरे स्नेही परिवारीजन। मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर- आप लोगों से मिलकर पूरा होता है। यह स्नेह नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह महिला है।
रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फीरोज गांधी जी को यहां से जीताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सास इंदिरा गांधी जी को आपने अपना बना लिया। तब से अब तक, यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई। अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब संभालते आए हैं।

रायबरेली से दिल्ली पहुंचे समर्थक

सोनिया गांधी ने राज्यसभा से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इसी के साथ यह साफ हो गया है कि वह रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव में नहीं लड़ेगीं। सास की राजनीतिक विरासत को सोनिया गांधी ने बखूबी संभाला। रायबरेली की लाडली बहू का क्षेत्र से रिश्ता धीरे-धीरे प्रगाढ़ होता गया। दिल्ली में रहकर भी उन्होंने खुद को यहां से जोड़े रखा। जड़ों से जुड़ी रहीं। हर सुख-दुख में साथ खड़ी रहीं। अब वह राजस्थान से राज्यसभा जा रही हैं तो समर्थक दुखी हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो सोनिया को मनाने दिल्ली तक पहुंच गए।

गांधी परिवार का अब यूपी से औपचारिक संबंध नहीं : पूनावाला

सोनिया के राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन करने पर भाजपा ने कटाक्ष किया कि कांग्रेस को रायबरेली से उनकी हार का डर सता रहा है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, अब गांधी परिवार का उत्तर प्रदेश के साथ औपचारिक रूप से कोई संबंध नहीं रहेगा। पहले वे अमेठी हार गए और अब उन्हें पता चला कि शायद रायबरेली में भी सीट हार जाएं।

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