जातीय जनगणना पर राहुल के बयान से जदयू भडक़ी, कहा-नकली श्रेय ले रहे हैं कांग्रेस नेता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। राहुल गांधी के द्वारा मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि क्या वह भूल गए हैं कि जाति जनगणना कब हुई थी? मैंने यह बात 9 पार्टियों की मौजूदगी में कहा था। 2019-20 में मैं विधानसभा से लेकर सार्वजनिक बैठकों तक हर जगह जाति जनगणना करने की बात की। मैंने दोनों सदनों से इसे पास कराया और फिर इसको लेकर हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात भी की। यह सब हमने किया है सब जानते हैं। अब वह नकली श्रेय ले रहे हैं तो मैं क्या कर सकता हूं।
गौरतलब हो कि बिहार में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान आयोजित एक जनसभा में राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा था कि जनता को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए गठबंधन में नीतीश का होना जरूरी नहीं है। यह काम हमारा गठबंधन कर लेगा। राहुल गांधी ने कहा कि मैं नीतीश जी से साफ-साफ कहा था कि देखिए आपको बिहार में जातीय जनगणना करनी पड़ेगी। इस बात को लेकर राजद और कांग्रेस ने नीतीश कुमार पर दबाव डालकर यह काम करवाया।

ललन बोले- झूठ बोल रहे कांग्रेस सांसद

राष्ट्रीय जनता दल से नाता तोड़ कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ नई सरकार बनाई। इस बीच नीतीश कुमार से सबसे नजदीक रहने वाले जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पनी चुप्पी तोड़ी है और सीधा राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी, आपने कहा है कि आपके दबाव में बिहार में जाति आधारित गणना करवाई गई। इतना बड़ा असत्य हो ही नहीं सकता। अगर असत्य का सहारा लीजिएगा तो प्रधानमंत्री बनने का आपका सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा। आगे कुछ ऐसा भी कहा जिसे दुहराना भी संभव नहीं। दरअसल ललन सिंह ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी पर जमकर हमला किया। शायद आपको पता नहीं है कि नीतीश कुमार जी, कभी किसी के दबाव में काम नहीं करते हैं। जाति आधारित गणना, नीतीश कुमार जी का निश्चय था और यह मुद्दा नीतीश कुमार जी ने स्वर्गीय वी. पी. सिंह जी के प्रधानमंत्रित्व काल में भी उठाया था, जब आपका राजनीतिक उदय भी नहीं हुआ था। आपकी तो हालत यह है कि बेंगलुरु और मुंबई की बैठक में जब जनता दल (यूनाइटेड) की तरफ से प्रस्ताव पास करने को कहा गया, तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया और आपने मौन रहकर उनका समर्थन किया। देश की राजनीति में कुछ पाने के लिए असत्य कथन का सहारा मत लीजिए। यही कारण है कि आपकी कांग्रेस पार्टी दिनों-दिन सिकुड़ती जा रही है।

2005 से पहले के हालात भूले नहीं हैं : मुख्यमंत्री

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि आप भूल गए कि 2005 से पहले कितने लोगों को रोजगार मिला था। आप भूल गए 2005 से पहले क्या हाल था। 2005 से पहले के हालात को आपलोग भूल गए? इनलोगों का राज जब था तो क्या होता था? शाम के वक्त घर से कोई निकलता था ? पहले यहां कोई विकास कार्य नहीं होता था जब हम आए तभी अच्छे और बड़े भवनों का निर्माण कार्य शुरू करवाया। लोगों को इलाज के लिए सारी व्यवस्थाएं की गईं। अच्छी सडक़ों और पुल-पुलियों का निर्माण कार्य शुरू हुआ। जब हम सांसद थे और केंद्र में मंत्री थे तब 12-12 घंटे अपने इलाके में घूमते थे लेकिन सडक़ें खराब रहने के कारण पैदल चलना पड़ता था लेकिन अब यह स्थिति नहीं है। अब लोग गाडिय़ों पर बैठकर सुविधापूर्वक आवागमन कर रहे हैं। हम लोगों ने गांवों में पक्की गली और नाली का निर्माण करवाया। सब काम मेरा करवाया हुआ है। कुछ लोगों को केवल पब्लिसिटी चाहिए। पहले कहीं कोई बहाली होती थी।

हमारी प्राथमिकता सबसे पहले युवाओं को नौकरी देने की रही : मनोज झा

राजद सांसद मनोज झा ने कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2022 में यह कहा कि हमारी पार्टी को तोडऩे की कोशिश की जा रही है। इसको लेकर मैं बहुत परेशान हूं। इसके जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी एक शर्त है और शर्त यह है कि हमारी प्राथमिकता सबसे पहले युवाओं को नौकरी देने की है। उस समय नीतीश कुमार को प्रोटेक्ट किया गया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले बिहार के युवाओं को नौकरी और रोजगार देनी होगी। बिहार की चर्चा पूरे देश में किसी अन्य कारणों से होती थी यह सब जानते हैं। लेकिन, पहली बार बिहार में चर्चा तब हुई जब लाखों लोगों को बिहार में नौकरियां दी गई और इसका श्रेय जाता है तेजस्वी यादव को। तेजस्वी यादव का यह कमिटमेंट था। बिहार के हर गांव के व्यक्ति को नौकरी मिली है। साथ ही यह भी कहा कि लगभग ढाई लाख नौकरियों की प्रोसेस तेजस्वी यादव कर चुके हैं लेकिन उसे जानबूझकर कैबिनेट में पास नहीं किया जा रहा है। इसलिए मैं नीतीश कुमार से कहना चाहता हूं कि राजनीति के कारण उन नियुक्तियों को रोका न जाए। वहीं जातीय गणना को लेकर मनोज झा ने कहा कि तेजस्वी यादव ने ही आगे बढक़र जनजातीय जनगणना करवाया था। इससे पहले जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने जातीय गणना क्यों नहीं करवाई। विधान मंडल में सबसे पहले आवाज तेजस्वी यादव ने ही आवाज उठाई थी।

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