जाति जनगणना कराना कर्पूरी ठाकुर को सच्ची श्रद्धांजलि: कांग्रेस

कांग्रेस ने जननायक को भारत रत्न देने के फैसले का किया स्वागत

भाजपा पर कांग्रेस का तंज कहा- बीजेपी जाति आधारित जनगणना से भाग रही

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जननायक कर्पूरी ठाकुर की आज 100वीं जन्म जयंती है। इस अवसर पर बिहार समेत पूरे देश में उन्हें याद किया जा रहा है। जयंती से एक दिन पहले यानी कल शाम को मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने का ऐलान किया है। पीएम मोदी ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले लिए गए मोदी सरकार के इस फैसले पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने भी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि, पार्टी ने इसके ऐलान को जातिगत जनगणना के मुद्दे से जोड़ते हुए भाजपा पर तंज भी कसा। कांग्रेस ने कहा कि जाति आधारित जनगणना कराना ही ठाकुर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकारी इससे भाग रही है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि भारत रत्न देने का मोदी सरकार का फैसला उसकी हताशा और पाखंड को भी दिखाता है, क्योंकि वह राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना से इनकार कर रही है। रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि सामाजिक न्याय के प्रणेता जननायक कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ दिया जाना भले ही मोदी सरकार की हताशा और पाखंड को दर्शाता है, फिर भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करती है।

राहुल गांधी लगातार कर रहे जातिगत जनगणना की वकालत

कांग्रेस नेता ने कहा कि भागीदारी न्याय भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पांच स्तंभों में से एक है, इसके आरंभिक बिंदु के रूप में जातिगत जनगणना की जरूरत होगी। रमेश ने कहा कि राहुल गांधी लगातार इसकी वकालत करते रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार ने सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 के नतीजे जारी करने से भी इनकार कर दिया है और एक नई राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना कराने से भी इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों को भागीदारी देने के लिए जातिगत जनगणना कराना ही सही मायनों में जननायक कर्पूरी ठाकुर को सबसे उचित श्रद्धांजलि होती, लेकिन मोदी सरकार इससे भाग रही है।

सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले बिहार के तीसरे व्यक्ति

कर्पूरी ठाकुर पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे। वे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले बिहार के तीसरे व्यक्ति होंगे। उनसे पहले प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण को यह सम्मान दिया गया था। बिहार में जन्मे बिसमिल्लाह खां को भी भारत रत्न से नवाजा जा चुका है। हालांकि, उनकी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश की वाराणसी रही।

ज्ञानवापी में वजूखाने के सर्वे की याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद में ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने का भी एएसआई से सर्वेक्षण कराए जाने की मांग वाली अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सुनवाई नहीं हो सकी। दरअसल, जस्टिस मनीष कुमार निगम ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया। इसके बाद मामला चीफ जस्टिस को रेफर किया गया है। अब चीफ जस्टिस द्वारा नामित कोई नई बेंच मामले की सुनवाई करेगी।
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अब 31 जनवरी को मामले की सुनवाई हो सकती है। राखी सिंह की तरफ से अर्जी दाखिल की गई थी। वाराणसी की जिला अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है। याचिका में वाराणसी के जिला जज द्वारा वजूखाने के हिस्से में भी एएसआई से सर्वेक्षण कराए जाने की मांग ठुकराए जाने के आदेश को चुनौती दी गई है। जिला जज के 21 अक्टूबर 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है। राखी सिंह के वकील सौरभ तिवारी ने यह जानकारी दी।

फरार टीएमसी नेता शाहजहां के आवास पर ईडी की छापेमारी

केंद्रीय बल के साथ घर पर पहुंची ईडी की टीम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख पर एक बार फिर ईडी का साया पहुंच गया है। ईडी ने केंद्रीय बल के साथ मिलकर आज उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के आवास पर एक बार फिर छापेमारी की। ये छापेमारी राशन घोटाला मामले के तहत की जा रही है।
एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 120 से अधिक कर्मियों के साथ पहुंचे ईडी अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस और गवाहों के रूप में दो स्थानीय लोगों की उपस्थिति में संदेशखली इलाके में शेख के आवास के दरवाजे को तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि हम आज शेख के आवास की तलाशी लेंगे। हम वहां के निवासियों से बात करने की भी कोशिश करेंगे। घर में प्रवेश करने के बाद अधिकारियों ने अंदर से दरवाजा बंद कर दिया और तलाशी शुरू कर दी।

ये था मामला

बता दें कि पांच जनवरी को ईडी ने शाहजहां के आवास पर छापेमारी की थी। जहां कुछ स्थानीय समर्थकों ने ईडी अधिकारियों पर हमला कर दिया। इस हमले में ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे। जिला पुलिस और शेख के परिवार के सदस्यों ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। हालांकि, इस घटना के बाद से ही शाहजहां फरार है। वहीं, पश्चिम बंगाल में राशन वितरण घोटाला मामले में राज्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया गया है।

ईडी के समक्ष पेश हुए एनसीपी विधायक रोहित पवार

सुप्रिया सुले बोलीं- देश में 90 से 95 प्रतिशत आईटी, सीबीआई और ईडी के मामले विपक्ष पर
महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले मामले में ईडी कर रही है पूछताछ

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। एनसीपी-शरद पवार गुट के नेता रोहित पवार आज मुंबई में ईडी कार्यालय के समक्ष पेश हुए। इस दौरान राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले भी मौजूद रहीं। महाराष्ट्र राज्य सहकारी (एमएससी) बैंक घोटाले के सिलसिले में एनसीपी-शरद पवार गुट के नेता रोहित पवार से ईडी द्वारा पूछताछ की जा रही है। इस दौरान सुप्रिया सुले उनके साथ पहुंची। इस मौके पर एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा सत्यमेव जयते।
महाराष्ट्र राज्य सहकारी (एमएससी) बैंक घोटाले के सिलसिले में ईडी द्वारा एनसीपी-शरद पवार गुट के नेता रोहित पवार को बुलाए जाने पर एनसीपी-शरद पवार गुट के कार्यकर्ताओं ने ईडी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

रोहित ने ईडी कार्यालय जाने से पहले पार्टी अध्यक्ष शरद पवार का लिया आशीर्वाद

बता दें कि विधायक रोहित पवार सुबह करीब 10.30 बजे दक्षिण मुंबई के बैलार्ड एस्टेट स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे। जांच एजेंसी के दफ्तर जाने से पहले रोहित पवार पास में स्थित एनसीपी कार्यालय गए और शरद पवार से मुलाकात की, उनके पैर छुए और पार्टी के अन्य नेताओं से भी बातचीत की। उन्होंने विधान भवन का भी दौरा किया और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा और भारतीय संविधान की पट्टिका पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

हमने कुछ गलत नहीं किया: सुले

सुप्रिया सुले का कहना है कि अगर हमने कुछ गलत नहीं किया है तो जांच के दबाव में आने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि इस देश में 90 से 95 प्रतिशत जो आईटी, सीबीआई और ईडी के मामले हैं वो विपक्ष पर हैं। आंकड़े खुद बात करते हैं। सुले का कहना है कि जांच पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए। मुझे ईडी पर पूरा भरोसा है और मुझे यकीन है कि वे रोहित का पक्ष सुनेंगे। सभी एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करें, क्योंकि हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।

10 दिनों तक अयोध्या न आएं वीवीआईपी, योगी सरकार ने की अपील

प्राण प्रतिष्ठा के बाद से राम मंदिर में उमड़ रहा श्रद्धालुओं का सैलाब

भारी भीड़ के चलते खुली व्यवस्थाओं की पोल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अयोध्या। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु राम नगरी अयोध्या पहुंच रहे हैं। बीते दिन 23 जनवरी करीब 5 लाख लोगों ने रामलला के दर्शन किए। इस दौरान भारी भीड़ उमडऩे के चलते कुछ अव्यवस्थाएं भी देखने को मिलीं। इसलिए कल के हालात से सबक लेते हुए आज यूपी सरकार ने अयोध्या आने वाले अति विशिष्ट लोगों से एक अपील की है।
सरकार की ओर से कहा गया कि अति विशिष्ट मेहमान यानी कि वीवीआईपी अभी 10 दिनों तक अयोध्या न आएं। अगर आएं तो प्रशासन या श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट को बता कर ही आएं।
ताकि, उन्हें बेहतर सुविधा मुहैया हो पाएं। अभी क्राउड बहुत ज्यादा है। ऐसे में अति विशिष्ट मेहमानों को 10 दिनों के लिए अयोध्या यात्रा का कार्यक्रम पुनर्निर्धारित करना होगा।

वीवीआईपियों को सलाह

यूपी सरकार के मुताबिक, राम नगरी में असाधारण भीड़ को देखते हुए, वीआईपीज और प्रतिष्ठित व्यक्तियों से आग्रह किया जाता है कि वे आगामी 7 से 10 दिनों में अयोध्या धाम की अपनी यात्रा का कार्यक्रम तय करने से पहले स्थानीय प्रशासन, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट या उत्तर प्रदेश सरकार को सूचित करें।

सुबह 7 से रात 11 बजे तक दर्शन की अनुमति

वहीं, एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि राम भक्तों को सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक दर्शन की अनुमति होगी। गौरतलब है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश भर से रामभक्तों के अयोध्या आने का सिलसिला तेज हो गया है। अयोध्या की सडक़ों से लेकर मंदिर परिसर तक राम भक्तों का रेला लगा हुआ है। हर तरफ लोग ही लोग हैं। प्रशासन के लिए भक्तों की भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल साबित हो रहा है।

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