अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सोमवार को, शांति कायम रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने किये हैं जोरदार प्रबंध

नई दिल्ली। अनुच्छेद 370 मामले पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से पहले तमाम तरह की राजनीतिक सुगबुगाहट शुरू हो गयी है। इस बीच पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। अदालत के संभावित फैसले के आलोक में कोई शांति बिगाडऩे नहीं पाये इसके लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्कता बरते हुए है। इस बीच, अदालत के फैसले से पहले ‘‘कानून एवं व्यवस्था’’ मुद्दे पर चर्चा करने के लिए पुलिस और प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने शुक्रवार को श्रीनगर में एक बड़ी बैठक भी की। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी भी उपद्रव या सोशल मीडिया के दुरुपयोग में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) विजय कुमार ने पीसीआर कश्मीर में पहली बार कश्मीर डिवीजन के सभी जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों की एक संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि संभागीय आयुक्त, कश्मीर, पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर, उप निदेशक गुप्तचर ब्यूरो, कश्मीर के सभी रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी), डीआईजी-सीआईडी और एसएसपी भी बैठक में शामिल हुए। प्रवक्ता ने बताया कि बैठक के दौरान सभी अधिकारियों ने कुमार को मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति और फैसले के मद्देनजर हो सकने वाली ऐसी किसी भी घटना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी जिला प्रमुखों को नजर रखने और शांति भंग करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
इस बीच, विभिन्न दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया है। कश्मीर के स्थानीय दलों से जुड़े अधिकतर नेताओं को उम्मीद है कि 370 वापस बहाल होगा। वहीं भाजपा का कहना है कि जम्मू-कश्मीर अब जिस राह पर आगे बढ़ चला है उसमें पीछे लौटने की कोई गुंजाइश नहीं है। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने कहा है कि अनुच्छेद 370 की बहाली होनी चाहिए, जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए और राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने चाहिए।

 

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