राम मंदिर जाने वाले हिंदू ‘मुस्लिम’ बनकर निकलेंगे बाहर, पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर का बयान वायरल

नई दिल्ली। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने अयोध्या के राम मंदिर पर एक विवादित टिप्पणी की है, जिससे एक बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन को जाने वाले हिंदू मुसलमान बनकर बाहर आएंगे. उनका एक वीडियो सोशल मीडियल पर वायरल है, जिसपर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी. यह वीडियो राम मंदिर के उद्घाटन से दो महीने पहले सामने आया है. फिलहाल 4पीएम समाचार पत्र इस तरह के वायरल किसी भी वीडियो की पुष्टिï नहीं करता है।
वायरल वीडियो में, पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर को यह कहते हुए सुना जा सकता है, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत अच्छा काम किया है. एक मस्जिद को मंदिर में बदल दिया. मेरा मानना है कि जो भी उस मंदिर में जाएगा वह मुसलमान बनकर निकलेगा क्योंकि हमारी जड़ें हमेशा वहीं रहती हैं. मुझे बहुत खुशी है कि आपने कुछ गलत किया, लेकिन लोग समझ नहीं पाएंगे कि असल में सही है. सोशल मीडिया पर चल रहा पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर का वीडियो तीन साल पुराना बताया जा रहा है, लेकिन अब वायरल है.
जावेद मियांदाद 22 साल की उम्र में पाकिस्तान के लिए कप्तानी की भूमिका निभाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाडिय़ों में से एक थे. यह दिग्गज बल्लेबाज 1992 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम का हिस्सा था जब पाकिस्तान टीम ने विश्व कप जीता था. अपने करियर के बाद, मियांदाद ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में प्रमुख पदों पर काम किया. उन्होंने पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम के साथ तीन बार कोचिंग भी की.
5 अगस्त, 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ की आधारशिला रखी. मंदिर का निर्माण कार्य इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है और इसका प्रतिष्ठा समारोह अगले साल 22 जनवरी को तय किया गया है. ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया है. इसको लेकर विपक्षी दल भी विरोध कर रहे हैं, जिनका कहना है कि मंदिर के उद्घाटन समारोह पर सिर्फ पीएम मोदी का हक नहीं है, बल्कि सभी का हक है.
9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर फैसला सुनाया था. कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया था कि वे अयोध्या में राम मंदिर मंदिर बनाने के लिए एक ट्रस्ट बनाए और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक स्थान पर पांच एकड़ जमीन आवंटित करे. दिसंबर 1992 में 16वीं सदी की मुगलकालीन बाबरी मस्जिद, जिसे एक बड़ा वर्ग भगवान राम का जन्मस्थान मानता है, को ध्वस्त कर दिया गया था.

 

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