राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को परमेष्ठि सम्मान

कहा, दीनदयाल उपाध्याय के रास्ते पर चलकर राष्ट्र का विकास संभवï

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय पीठ ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को ‘पं. दीनदयाल उपाध्याय परमेष्ठि सम्मानÓ प्रदान किया। सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि महान विचारक पं. दीनदयाल उपाध्याय भारतीयता के मूर्तरूप थे। उनके विचारों से राष्ट्र और व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव है इसलिए सबको उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए। दीनदयाल के आर्थिक दर्शन को आधार बनाकर ‘उत्पादन में बढ़ोतरी, उपभोग पर संयम, वितरण में समानताÓ की बात की। पं. दीनदयाल का चिंतन समाज की संपूर्णता का चिंतन है।
विशिष्ट अतिथि अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि हमें पं. दीनदयाल के दर्शन को अपनाकर ऐसे समाज का निर्माण करना है जो दूसरों की सहायता एवं सेवा को तत्पर रहे। अध्यक्षीय उद्बोधन में कार्यवाहक कुलपति प्रो. वीके शुक्ल ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय की यह पीठ, पं. दीनदयाल के विचारों को बढ़ा रही है। इसके पूर्व राज्यपाल ने भारतीय संविधान की उद्देशिका एवं संविधान के मूल कर्तव्यों का वाचन कराया। इसके बाद महामना और पं. दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन किया।

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