ये कहां आ गए हम
दीदी ने जब से यूपी की कमान संभाली है, पंजावाले तेजी से उनको बॉय-बॉय करने लगे हैं। अलविदा कहने की होड़ मची हुई है। बड़े-बड़े लोग कमल के फूल के मोह में पड़ गए हैं। अब तक कई लोग कमल की सुंगध भी ले चुके हैं। भगदड़ देख दीदी परेशान हैं। अरे यह तो सियासी दस्तूर है जी। हर आदमी अपना भला पहले सोचता है। आप कुर्सी नहीं दिला पाएंगी तो दूसरे दरवाजे जाएगा ही। सत्ता का मोह कैसे छोड़ा जा सकता है। इस समय कमल दल वालों का परचम बुलंद है, सो शांत होकर बैठिए। आपकी कोशिश से भी फिलहाल फिजां बदलती नहीं दिख रही है। भलाई इसी में है कि बचे-खुचे महारथियों को बॉय-बॉय कहने से पहले रोक लीजिए वरना सत्ता पर काबिज होने का सपना सच नहीं हो पाएगा जी।
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