- रोपण के लिए सडक़ किनारे रखे गए थे हजारों पौधे
- कागजों में कर दिया पौधरोपण, हड़प लिए लाखों रुपये
उमानाथ तिवारी
गोंडा। प्रदेश को हरा भरा बनाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा चलाए गए पौधरोपण अभियान को वन विभाग ने पलीता लगा दिया। तरबगंज तहसील में पौधरोपण के लिए लाए गए करीब 24 हजार पौधे सडक़ किनारे पड़े-पड़े सूख गए और वन विभाग के अफसरों ने कागजों में पौधरोपण के लक्ष्य को पूरा दिखाकर लाखों रूपये हड़प लिए। अफसरों की इस कारगुज़ारी की शिकायत क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता घनश्याम जायसवाल ने मुख्यमंत्री से की है और इस पूरे घपले की जांच की मांग की है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले माह पौधरोपण अभियान की शुरुआत करते हुए प्रदेश भर में 22 करोड़ पौधे रोपित किए जाने का लक्ष्य रखा था। इसके तहत सभी सरकारी विभागों को लक्ष्य दिया गया था। पूरे अभियान की जिम्मेदारी वन विभाग को दी गई थी। तरबगंज तहसील में वन विभाग ने ग्राम पंचायत नारायणपुर तथा ग्राम पंचायत बौरिहा में 125 बीघा जमीन पर जुलाई माह में पौधरोपण करना था। इसी तरह ग्राम पंचायत सिंगहा चंदा के खाले दुबरा में 11 हजार, ग्राम पंचायत अकबरपुर में 6 हेक्टेयर में 6 हजार, तरबगंज पकड़ी अमदही मार्ग पर 55 सौ व करनैलगंज नवाबगंज मार्ग पर 55 सौ पौधे रोपित किए जाने थे। इसके लिए वन विभाग ने 40 हजार पौधों को सडक़ किनारे बाग में रखवाया था। लेकिन इसमें से करीब 16 हजार पौधे ही रोपे गए। बाकी के पौधे सडक़ किनारे डंप रखे रह गए और सूख गए।
दूसरी ओर वन विभाग के अफसरों ने कागजों में इन सभी पौधों को रोपित दिखाकर लाखों रुपये हड़प लिए। इस मामले में क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता घनश्याम जायसवाल ने वन विभाग के अफसरों पर पौधरोपण के लिए भेजी गई धनराशि को हड़पने का आरोप लगाया है और मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर इस घपले की जांच कराने व दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में जब एसपी फारेस्ट सत्यप्रकाश सिंह से बात करने की गई। इस पर उन्होने कहा कि वह इस संबंध में कुछ नहीं बता सकते हैं।
गड्ढे बनाने में भी किया गया खेल
मुख्यमंत्री को भेजे गए शिकायती पत्र में घनश्याम ने गड्ढा खोदने में भी खेल किए जाने का आरोप लगाया है। घनश्याम का आरोप है कि नारायणपुर व बौरिहा गांव में 11 हजार गड्ढे बनाए जाने थे लेकिन यहां महज 9 हजार गड्ढे बनाए गए। इसी तरह पकड़ी अंदरी मार्ग व करनैलगंज नवाबगंज मार्ग पर भी 7 हजार गड्ढे के सापेक्ष सिर्फ 4 हजार गड्ढे बनाए गए।