भाजपा नेताओं की जनसभाओं में नहीं जुट रही भीड़, स्टेज छोड़कर भागने को हुए मजबूर !

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा कि टेंशन बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां कांग्रेस की जनसभाओं में जमकर भीड़ जुट रही है। वहीं भीड़ न जुटने से भाजपा नेता परेशान होते नजर आ रहे हैं।

4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं राजनीतिक दल वोटरों को साधने के लिए लगातार जनसभाएं कर रहे हैं, चुनावी प्रचार भी जोरों से चल रहा है। जिन नेताओं ने काम किया है वो लोगों के दरवाजे तक पहुँच रहे हैं वोट मांग रहे हैं। वहीं काफी नेता ऐसे भी हैं जिन्होंने काम तो किया नहीं बल्कि अब वोटरों को साधने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन करके भीड़ जुटाने की कशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी ये चाल भी नाकाम होती दिखाई दे रही है। अब प्रदेश में भले ही भाजपा की सरकार हो लेकिन भाजपा नेताओं के जनसभा में भीड़ न जुटने से नेताओं की बौखलाहट साफ़-साफ़ देखने को मिल रही है। आलम ये है कि इन भाजपाई नेताओं की बातें सुनने को लोग तैयार नहीं हैं। इस बार के चुनाव में भाजपा को जनता के भारी विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसा कोई एक राज्य में नहीं हो रहा है बल्कि लगभग हर राज्य में भाजपा को ऐसे ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में सरकार होने के बावजूद भाजपा के समर्थन में बड़ी भीड़ का न जुटना भाजपा के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है।

बता दें कि भाजपा ने भले ही राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजों से सभी को चौंका दिया था लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है। ऐसा हम इस लिए कह रहे हैं क्योंकि खुद प्रधानमंत्री मोदी के रैली और चुनावी प्रचार के बावजूद भी भाजपा नेताओं की रेलों में भीड़ नहीं जुट रही है। ऐसे में ये भाजपा को खतरे की घंटी की ओर इशारा करता है। अभी हाल ही की बात करें तो दौसा लोकसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो के बाद भी बीजेपी प्रत्याशी और इनके स्टार प्रचारकों की सभा में भीड़ नहीं जुटना बीजेपी नेताओं के लिए चिंता का सबब बन चुका है। यहां तक कि जिन किरोड़ीलाल मीणा के एक इशारे पर लाखों की भीड़ इकट्ठी हो जाती थी, उनकी सभा कल खाली पड़ी रही और भीड़ नहीं आने से नाराज किरोड़ी मंच छोड़कर चले गए। दौसा में बीजेपी ने मौजूदा सांसद जसकौर मीणा का टिकट काटकर उनकी जगह कन्हैयालाल मीणा को मैदान में उतारा, जबकि कांग्रेस ने मौजूदा विधायक मुरारीलाल मीणा को टिकट दिया है।

वहीं ख़बरों के मुताबिक एक चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे BJP मंत्री किरोड़ीलाल मीणा काफी नाराज हो गए. इतना ही नहीं नेता जी की नाराजगी इस कदर थी कि वे स्टेज छोड़कर चले गए. उन्होंने गुस्से में कहा, ‘शर्म आनी चाहिए मेरे को तो शर्म आ रही है ऐसे सभा करने में, यही मेरा भाषण है दे दिया ना, जाओ अपने-अपने घर”. इस खबर ने तूल तो तब पकड़ा जब राजस्थान कांग्रेस की ओर से शेयर किए गए इस वीडियो में दावा किया गया है कि सभा में भीड़ नहीं जुटने की वजह से मंत्री नाराज हो गए और सभा को संबोधित किए बिना ही चले गए. मंत्री वीडियो में ये कहते हुए दिख रहे हैं कि मुझे शर्मा आ रही है ऐसे सभा करने में और वे बिना भाषण दिए ही चले जाते हैं. वहीं दूसरी ओर इससे संबंधित एक राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी शेयर किया है. किस तरह से नेता जी आगबबूला हो रहे हैं। अच्छा ऐसा हो भी क्यों न जिस तरह से पहले भाजपा नेताओं की जनसभाओं में भीड़ जुटती थी अब वैसी भीड़ भाजपा की रैलियों में दूर दूर तक नहीं दिखाई देती। जिससे ऐसे नेताओं की टेंशन बढ़ती जा रही है।

दौसा में बीजेपी ने मौजूदा सांसद जसकौर मीणा का टिकट काटकर उनकी जगह कन्हैयालाल मीणा को मैदान में उतारा, जबकि कांग्रेस ने मौजूदा विधायक मुरारीलाल मीणा को टिकट दिया है। दरअसल इन दोनों नेताओं की जाति एक ही होने के कारण भी भीड़ में यह अंतर देखने को मिल रहा है। प्रत्याशी एक ही जाति से आते हैं लेकिन यहां लड़ाई जाति के अंदर गोत्र और क्षेत्र तक जा पहुंची है। मुरारीलाल मीणा जौरवाल गौत्र से हैं और दौसा के मीणा समुदाय में यह गौत्र बहुसंख्यक है। वहीं कन्हैयालाल मीणा का गौत्र अलग है। उनके गौत्र की ज्यादा संख्या बस्सी विधानसभा में है। दोनों के अलग-अलग गौत्र ने यह लड़ाई क्षेत्र तक बढ़ा दी है। हालांकि राजस्थान की दूसरी लोकसभा सीटों में से कइयों पर एक ही जाति के प्रत्याशी आमने-सामने हैं लेकिन गौत्र और क्षेत्र की लड़ाई जितनी इस सीट पर है, उतनी कहीं पर भी नहीं। कन्हैयालाल मीणा और मुरारी के बीच गौत्र के साथ-साथ क्षेत्र की भी लड़ाई है। कन्हैयालाल मीणा दौसा लोकसभा क्षेत्र में आने वाली बस्सी विधानसभा से आते हैं, वहीं मुरारी मीणा इसी लोकसभा की दौसा विधानसभा सीट से विधायक हैं। दौसा में बस्सी सबसे आउटर एरिया माना जाता है। भौगोलिक रूप से भी दौसा जयपुर से ज्यादा कनेक्टेड है। इसलिए दौसा के लोग बस्सी को दौसा से कम ही कनेक्ट मानते हैं और यही कारण है कि कन्हैयालाल मीणा पर आउट साइडर होने का ठप्पा भी लगाया जा रहा है।

खैर राजस्थान की इस सियासी हलचल में अब प्रियंका गांधी ने भी जमकर प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है जिससे की भाजपा की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। इन दिनों प्रियंका गांधी राजस्थान में चुनावी प्रचार के लिए एक्टिव मोड में नजर आ रही हैं। साथ ही वो भाजपा और पीएम मोदी को भी जमकर घेर रही हैं। दरअसल अभी हाल ही में एक जनसभा के दौरान उन्होंने पीएम पर जमकर निशाना साधा। वहीं हाल ही में पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू दिया। जिसमें पीएम मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर भी बात की है. इसको लेकर तमाम विपक्षी नेता पीएम मोदी और बीजेपी को घेर रहे हैं. इसी कड़ी में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि जो आरोप हम लगाते हैं उनका जवाब पीएम मोदी देते नहीं हैं. वो बहाने बना रहे हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने आगे कहा कि पीएम मोदी इलेक्टोरल बॉन्ड धमका करके, डरा करके, ईडी और सीबीआई का भय पैदा करके आपने पैसे इक्ट्ठे किए हैं जबरदस्ती. फिर जब वो ईडी, सीबीआई के केस खत्म हो गए. वो जवाब नहीं दे रहे हैं. साढ़े 8 हजार करोड़ रुपये इक्ट्ठे कर लिए उसपर अब सफाई दे रहे हैं. सफाई देने की नौबत इसलिए आई क्योंकि देश में ये एक मुद्दा बन गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये बातें सामने आई हैं. अब इस बार जिस तरह की माहौल बना है इससे एक बात तो साफ़ है कि चुनावी जीत का अंतर काफी कम रहने वाला है। भाजपा एक तरफ जहां 400 पार का नारा दे रही है वहीं जनता के ऐसे विरोधों का सामना भी कर रही है। अब इन सब का चुनाव पर क्या असर पड़ेगा ये तो आने वाला समय ही तय करेगा।

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