वादे अधूरे, भविष्य की गारंटी सिर्फ जुमला: अखिलेश

  • भाजपा के संकल्प पत्र पर बोले- पिछले घोषणापत्रों का भी हिसाब दें
  • बदायूं से शिवपाल के बेटे और सुल्तानपुर से राम भुआल निषाद को टिकट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा मुखिया अखिलेश यादव व कांग्रेस ने बीजेपी के घोषणा पत्र पर करारा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने अपने वादे पिछले दस वर्षों के राज में पूरे नहीं किए, वो भला भविष्य की गारंटी देने की बात कैसे कह सकते हैं। भाजपा 2014 और 2019 का अपना घोषणापत्र निकालकर हिसाब दे कि उन्होंने अपना कौन सा वादा पूरा किया। उधरप्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रवक्ता डॉ सीपी राय, मनीष श्रीवास्तव व प्रियंका गुप्ता ने संयुक्त रूप से कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में जनहित के लिए कुछ भी नहीं है।
जो सरकार पिछले 10 सालों से सत्ता में है, उसे घोषणा पत्र जारी करने के पहले अपने द्वारा किए गए कार्यों का एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। सपा ने बदायूं और सुल्तानपुर में अपने प्रत्याशी बदल दिए हैं। बदायूं में तीसरी बार टिकट बदलते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव को मैदान में उतारा है। वहीं, सुल्तानपुर से भीम निषाद का पत्ता काटकर वहां रामभुआल निषाद को प्रत्याशी बनाया है।सपा ने पहले बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को उतारा था। इसके बाद शिवपाल यादव को टिकट दिया। शिवपाल यादव शुरू से ही वहां से लोकसभा चुनाव लडऩे के इच्छुक नहीं थे, इसलिए अब उनके बेटे आदित्य यादव के नाम की घोषणा आधिकारिक तौर पर कर दी गई है। रामभुआल निषाद ने वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव रुद्रपुर विधानसभा सीट से लड़ा था, लेकिन हार गए थे। अब उन्हें सुल्तानपुर में भाजपा सांसद मेनका गांधी के खिलाफ उतारा गया है।

भाजपा ने 10 फीसदी भी वादे पूरे नहीं किए : प्रमोद

भाजपा के घोषणा पत्र पर राज्यसभा मे उपनेता प्रमोद तिवारी ने तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंन कहा कि भाजपा ने पिछले चुनाव में किए गए 10 फीसदी वादे भी पूरे नहीं किए हैं। हर परिवार को 15 लाख रुपये, प्रति वर्ष दो करोड़ नौजवानों को रोजगार के हिसाब से 10 साल में 20 करोड़ नौजवानों को रोजगार देने, किसानों की आय दोगुनी करने आदि का वायदा पूरा तो नहीं हुआ बल्कि किसानों पर कर्ज जरूर बढ़ गया है। तिवारी ने कहा कि चार जून के पहले ही भाजपा ने अपनी पराजय स्वीकार कर ली है। संकल्प पत्र की गारंटी में किसान, नौजवान, शिक्षा, चिकित्सा और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मामलों पर खामोशी है।

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