वीके सिंह ने जम्मू कश्मीर में अफ्स्पा हटाने में डाली थी बाधा : उमर अब्दुल्ला

  • बोले- 2011 में इसे हटाने की लड़ाई लड़ी
  • चुनाव के बाद अफ्स्पा को भूल जाएगी भाजपा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया है कि पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) हटाने में बाधा डाली थी। यूपीए-2 सरकार के दौरान जनरल वीके सिंह सेना प्रमुख थे उसी समय अफ्स्पा लगाया गया था। वीके सिंह केंद्र सरकार में सडक़ परिवहन , राजमार्ग मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। नेकां उपाध्यक्ष ने कहा, गृहमंत्री अमित शाह को अब अफ्स्पा की याद आई है।
जबिक हमने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहते हुए वर्ष 2011 में इसे हटाने की लड़ाई लड़ी थी। उस समय के सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह अफ्स्पा के समर्थन में खड़े हो गए थे। आज सरकार लोगों से कह रही है कि अफ्स्पा हटा देंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ एबीसी दलों द्वारा गठबंधन पर टिप्पणी करने पर उमर ने कहा कि वे सोच रहे होंगे कि नेकां को दबाव में ला देंगे, लेकिन भाजपा समेत सभी दलों का सामना करने की नेकां के पास पर्याप्त ताकत है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, हमें आशंका है कि जिस तरह छठी अनुसूची पर लद्दाख के लोगों को बेवकूफ बनाया गया, वही हमारे साथ भी होगा। जब संसदीय चुनाव संपन्न होंगे और भाजपा सभी पांच सीटें हार जाएगी, तो वे अफ्स्पा के बारे में भूल जाएंगे।

लद्दाख को पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए संघर्ष तेज होगा : वांगचुक

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर संघर्ष जारी है। लेह में महिलाएं अनशन पर बैठी हुई हैं। पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक ने 21 दिन का अनशन पूरा किया है। अभी वह लेह में डॉक्टरों की देखरेख में हैं। लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) ने शहर में एक रैली निकाली, जिसमें सोनम वांगचुक ने लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने के लिए आंदोलन तेज करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में गांधीवादी दृष्टिकोण से आगे बढ़ेंगे। इसके साथ ही सात अप्रैल को लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में रैली निकाले जाने की योजना बनाई गई है। सोनम वांगचुक ने कहा कि वह लद्दाख के पर्यावरण की सुरक्षा के लिए गांधीवादी सिद्धांतों को अपना रहे हैं।

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