किसानों की ललकार: अब गांवों में घुस नहीं पाएगी सरकार

23 मार्च को देशव्यापी प्रदर्शन करने की तैयारी

अपनी मांगों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे अन्नदाता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। देश भर में केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ कई दिनों से किसान आंदोलन हो रहे हैं। किसानों ने आगे की रणनीति को लेकर बताया कि 23 मार्च को देश भर में बड़े स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने किसानों को बॉर्डर पर बैरिकेडिंग और कीलें लगाकर आने से रोका है। अब किसान उन्हें अपने गांव में आने से रोकेंगे।
गांव में घुसने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि यह खेती-किसानी की भविष्य की लड़ाई है। किसान शांत हुआ है, लेकिन अपनी मांगों को लेकर पीछे नहीं हटे हैं। बड़ी संख्या में किसान रामलीला मैदान में जुटे रहे।

यह सरकार किसी की नहीं पूंजीवादियों की सरकार : टिकैत

जहां किसान संगठन कमजोर हैं, वहां सरकार मजबूत है। ऐसे में गांवों में बैठक करनी जरूरी है। केंद्र सरकार ने 22 जनवरी, 2021 के बाद से किसान संगठनों से कोई बातचीत नहीं की है। यह सरकार किसी पार्टी की नहीं, बल्कि पूंजीवादियों की सरकार है। यह बातें भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहीं। वह रामलीला मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किसान-मजदूर महापंचायत में किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये विचारधारा के आंदोलन हैं। इससे सरकार को संदेश दिया है कि सभी संगठन एक हैं। यह आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। सरकार को बातचीत के जरिए मांगों को लेकर रास्ता निकालना चाहिए। किसी भी पार्टी की सरकार हो, अगर किसानों के खिलाफ फैसले लेगी तो उसका विरोध किया जाएगा। सरकार संयुक्त किसान यूनियन को तोडऩा चाहती है। सरकार सिख समाज को बदनाम कर रही है। लेकिन, पूरा देश किसानों के साथ है।

यूपी, पंजाब के अलावा कई राज्यों के किसानों ने भरी हुंकार

किसानों ने आह्वान किया कि सरकार की नीतियों के विरोध में देशव्यापी जन प्रतिरोध खड़ा करो। इसमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, केरल समेत अन्य राज्यों से आए किसानों ने सरकार की नीतियों के विरोध में हुंकार भरी। महापंचायत में महिला, बुजुर्ग व युवा किसान शामिल रहे। यहां तक की कई किसान अपने बच्चों के साथ चिलचिलाती धूप में अपनी मांगों को लेकर डटे रहे। किसान ने हाथों में बैनर, यूनियन के झंडे व जमकर नारेबाजी करते दिखे।

पूर्व सीएम येदियुरप्पा पर लगेगा पॉक्सो!

रेप केस में मदद मांगने गई नाबालिग को कमरे में खींचा

येदि बोले- सब झूठे आरोप

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा पर पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। पूर्व सीएम के खिलाफ एक नाबालिग लडक़ी से छेड़छाड़ करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। मामला 2 फरवरी को बेंगलुरु का है। लोकल पुलिस स्टेशन में एफआई की गई है। 17 साल की पीडि़त की शिकायत के आधार पर बेंगलुरु के सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो और 354 के तहत मामला दर्ज किया है।
इधर, येदियुरप्पा ने कहा, मुझ पर लगे सभी आरोप झूठे हैं, लेकिन मैं अभी ये नहीं कह सकता इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद है। एफआईआर के मुताबिक पीडि़त लडक़ी 2 फरवरी उसके साथ हुए यौन उत्पीडऩ के एक मामले में येदियुरप्पा से मदद मांगने बेंगलुरु में उनके डॉलर्स कॉलोनी स्थित घर गई थी। तभी उन्होंने उसका यौन उत्पीडऩ किया। जब पीडि़ता कमरे से बाहर भागी तो उसने अपनी मां से कथित छंड़छाड़ के बारे में बताया। पीडि़त की मां की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई।
हालांकि, मामला सामने आने के बाद येदियुरप्पा के ऑफिस ने कुछ दस्तावेज जारी किए हैं। इनमें बताया गया है कि एफआईआर करने वाली महिला अब तक अलग-अलग लोगों पर 53 केस कर चुकी है।

पीडि़ता की मां बोली- येदि ने चुप रहने को कहा

एफआईआर के मुताबिक महिला ने आगे यह भी आरोप लगाया कि जब उसने येदियुरप्पा से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वह जांच कर रहे थे कि लडक़ी के साथ रेप हुआ है या नहीं। बाद में येदियुरप्पा ने कथित तौर पर माफी मांगी और महिला से मामले के बारे में किसी को नहीं बताने को कहा।

जूनियर इंजीनियर की भर्ती नियमावली के छेड़छाड़ पर सडक़ पर उतरे अभ्यर्थी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। जूनियर इंजीनियर की भर्ती नियमावली में प्राविधानित अर्हता के साथ उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के विपरीत लोक निर्माण विभाग द्वारा छेड़छाड़ कर भर्ती प्रक्रिया को व्यवधानित करने का षडयंत्र रचे जाने के विरोध में अथ्यर्र्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया।
हजारों की संख्या में बेरोजगार डिप्लोमा इंजीनियर अभ्यर्थियों ने प्रमुख अभियन्ता कार्यालय का घेराव किया। उधर लोक निर्माण विभाग राजभवन के सामने बड़ी संख्या में इन अभ्यथर््िायों ने अपनी मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी रखा है।

लोकसभा चुनाव का कल होगा एलान!

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। 2024 लोकसभा चुनाव की कल घोषणा हो सकती है। चुनाव की तारीखों को लेकर कल चुनाव आयोग 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला है। इस बात की जानकारी खुद चुनाव आयोग ने दी है।
आम चुनाव 2024 के साथ कुछ राज्य विधानसभाओं के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा प्रेस होगी। इसे ईसीआई के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। लोकसभा चुनाव की घोषणा कल होने वाली है।
इससे पिछले 2019 के चुनाव की घोषणा 10 मार्च को ही हो गई थी।चुनाव आयोग ने 2019 में लोकसभा चुनाव का एलान रविवार को किया था, लेकिन इस बार शनिवार को इसकी घोषणा होगी।

नए निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह ने संभाला प्रभार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नयी दिल्ली। नव नियुक्त निर्वाचन आयुक्तों.. ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने शुक्रवार को अपना प्रभार संभाल लिया। दोनों पूर्व नौकरशाहों को बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया था।
वे मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के संबंध में हाल में एक नया कानून लागू होने के बाद, निर्वाचन आयोग में नियुक्त किए गए पहले सदस्य हैं। एक प्रवक्ता ने बताया कि ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू का स्वागत करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने ऐसे ऐतिहासिक समय पर उनकी नियुक्ति के महत्व के बारे में बात की जब निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव कराने की तैयारियां कर रहा है।
अनूप चंद्र पांडे के 14 फरवरी को सेवानिवृत्त होने और आठ मार्च को अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे के बाद निर्वाचन आयोग में ये पद खाली हो गए थे। ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू दोनों वर्ष 1988 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। ज्ञानेश कुमार केरल कैडर से और सुखबीर सिंह संधू उत्तराखंड कैडर से आते हैं।

सीएए पर रोक लगाने की अर्जियों पर सुनवाई 19 को

सुप्रीम कोर्ट में कुल 192 याचिकाएं लंबित

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट सीएएए के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर 19 मार्च को सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कुल 192 याचिकाएं लंबित हैं। ऐसे में सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करने का निर्देश दे रहे हैं।
बता दें के इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया, असम कांग्रेस के नेता देवब्रत सैकिया और असम की संस्था एजीवाईसीपी की तरफ से याचिका दाखिल कर सीएए नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की गई है। आईयूएमएल (इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग) समेत सभी याचिकाकर्ताओंने अधिसूचना के कार्यान्वयन पर रोक की मांग की। इस याचिका में कहा गया है कि सीएए असंवैधानिक, मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण है।

शीघ्र सुनवाई शुरू की जाए : सिब्बल

सीएए पर संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि तब अदालत ने इसलिए नहीं सुना था क्योंकि सरकार ने कहा कि अभी लागू नहीं हो रहा है। ऐसे में अब जब अधिसूचना जारी हो गई है तो शीघ्र सुनवाई शुरू की जाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चुनाव से पहले अधिसूचना पर विवाद का मतलब नहीं। ये संवैधानिक मामला है।

नेताओं के बीच मची रार

 

 

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कुछ दिन पहले ही सीएए को लेकर विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे नकारात्मक प्रचार पर अपना रुख साफ किया था। उन्होंने कहा था कि एनआरसी और सीएए का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने साथ ही ये भी कहा था कि ये कानून कभी वापस नहीं होगा। अमित शाह ने सीएए को लेकर कहा था कि जब विभाजन हुआ तो पाकिस्तान में 23 प्रतिशत हिन्दू थे, आज 3.7 प्रतिशत हैं। कहां गए सारे,इतने तो यहां नहीं आए, उनका धर्म परिवर्तन किया गया, अपमानित किया गया। वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा सीएए पर सवाल उठाने कि सीएए से बाहर के लोग आ जाएंगे, चोरी, रेप की घटनाएं बढ़ेंगी, नौकरियां छिन जाएंगी? इस पर अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के सीएम उनका भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने से आपा खो बैठे हैं। उन्हें ये नहीं पता कि वो तो आ चुके हैं और भारत में ही रह रहे हैं, इतनी चिंता है तो वे रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते। रोहिंग्या क्या नौकरी का अधिकार नहीं मार रहे, आप उनके लिए तो नहीं बोल रहे।

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