ईडी की याचिका पर केजरीवाल को कोर्ट का समन

16 मार्च को पेश होने को कहा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। ईडी ने कथित दिल्ली शराब नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन पर पेश नहीं होने को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ फिर से शिकायत की है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने समन का पालन नहीं करने के लिए ईडी की दूसरी शिकायत पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नया समन जारी किया है। कोर्ट ने केजरीवाल को 16 मार्च को पेश होने को कहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने पहले भी सीएम केजरीवाल के खिलाफ समन के का पालन न करने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शिकायत भी दर्ज हुई थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में बार-बार समन का पालन न करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक नई शिकायत दिल्ली कोर्ट में दी। ईडी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्टï्रीय संयोजक ने चार से आठ समन का पालन नहीं किया है। जिसके बाद एसीएमएम दिव्या मल्होत्रा ने ईडी की शिकायत को सूचीबद्ध कर लिया और सात मार्च को सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित की थी। जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली शराब नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के संबंध में अरविंद केजरीवाल को ईडी ने आठ समन जारी किए हैं। इससे पहले ईडी ने पहले से तीसरे समन पर पेश नहीं होने पर लोकल कोर्ट का रूख किया था। जिसको लेकर कोर्ट में 16 मार्च को मामले पर सुनवाई होगी।

भाजपा के सातों विधायकों को राहत अदालत ने निरस्त किया निलंबन

हाईकोर्ट ने भाजपा के सभी सातों विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि विधायकों को नियमों से अधिक सजा दी गई। बजट सत्र के दौरान उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण को बाधित करने के आरोप में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने विधायकों को निलंबित किया था। इस फैसले को विधायकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने फैसले में कहा, विधानसभा अध्यक्ष की ओर से विधायकों को दी गई सजा कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप नहीं थी। मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने में उन्होंने स्वतंत्र रूप से कोई निर्णय नहीं किया। अदालत ने कहा, विशेषाधिकार समिति की ओर से निर्णय लेने तक निलंबन की सजा देते समय याचिकाकर्ताओं को नहीं सुना गया। अध्यक्ष के स्वतंत्र निर्णय के बिना सदन की ओर से मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का निर्णय तय प्रक्रिया का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा, चूंकि याचिकाकर्ता पहले ही 14 बैठकों के निलंबन का सामना कर चुके हैं, इसलिए उन्हें तुरंत सदन में फिर से शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए।

इरफान सोलंकी और उनके भाई समेत पांच के घर ईडी का छापा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर। जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी व उनके भाई रिजवान सोलंकी के जाजमऊ डिफेंस कॉलोनी स्थित घर पर गुरुवार की सुबह ईडी की टीम ने छापेमारी की। इसके अलावा चाचा मेराज सोलंकी, बिल्डर हाजी वसी और बिल्डर शौकत की बेटी नूरी शौकत के घरों पर भी छापा मारा गया है। इस दौरान इरफान और रिजवान दोनों के घरों में कोई सदस्य मौजूद नहीं थे। बताया गया कि परिवार के सदस्य महराजगंज गए हुए हैं। ईडी की टीम ने दोनों के घरों से अब तक की जांच में कुछ दस्तावेज उठाए हैं, जिनका सत्यापन चल रहा है। गुरुवार सुबह लगभग छह बजे यूपी 32 नंबर की आधा दर्जन से अधिक गाडिय़ां (भारत सरकार लिखी हुई) सपा विधायक इरफान सोलंकी के केडीए कॉलोनी जाजमऊ स्थित आवास पर पहुंची। यहां पर थोड़ी देर रुकने के बाद वह करीब 600 मीटर दूर डिफेंस कॉलोनी स्थित उनके भाई रिजवान सोलंकी के घर पर पहुंची। दोनों जगहों पर परिजन न होने के कारण गार्ड और नौकरों के जरिए ईडी टीम के सदस्य घर के अंदर दाखिल हुए। सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में दस्तावेजों का सत्यापन किया जा रहा है। सपा विधायक इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी ने आगजनी के मामले में दो दिसंबर 2022 को तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड के बंगले पर पहुंचकर सरेंडर कर दिया था। उसके बाद से वह लगातार जेल में बंद है।

चुनावी बॉन्ड मामले में एसबीआई के खिलाफ कोर्ट पहुंची अवमानना याचिका

सुप्रीम कोर्ट 11 मार्च को करेगा सुनवाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में अवमानना याचिका दायर कर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की उस अर्जी को चुनौती दी जिसमें राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग की गई है। एडीआर ने चुनावी बॉन्ड मामले में भारतीय स्टेट बैंक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अवमानना याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील प्रशांत भूषण से ई-मेल भेजने को कहा और 11 मार्च को अवमानना याचिका सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से अदालत में पेश हुए वकील प्रशांत भूषण की इस दलील पर गौर किया कि वह मामले में अवमानना की कार्यवाही शुरू करना चाहते हैं। भूषण ने कहा कि एसबीआई की याचिका को 11 मार्च को सूचीबद्ध किए जाने की संभावना है और अवमानना आवेदन पर भी एक साथ सुनवाई की जानी चाहिए। सीजेआई ने कहा, कृपया एक ईमेल भेजें। मैं आदेश पारित करूंगा। एसबीआई ने 4 मार्च को शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का विस्तार करने की मांग की गई।
शीर्ष अदालत ने पिछले महीने अपने फैसले में एसबीआई को छह मार्च तक चुनाव आयोग को विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। एडीआर के अधिवक्ता ने कहा, एसबीआई ने जानबूझकर इस माननीय न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा पारित फैसले की अवज्ञा की है, और यह न केवल नागरिकों के सूचना के अधिकार को नकारता है, बल्कि इस माननीय न्यायालय के अधिकार को भी कमजोर करता है।

नागपुर जेल से रिहा हुए डीयू के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नागपुर। माओवादियों से कथित संबंध के मामले में बंबई उच्च न्यायालय द्वारा बरी किए गए दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पूर्व प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा को बृहस्पतिवार को नागपुर केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया। अदालत ने साईबाबा को मंगलवार को बरी किया था। उन्हें कथित माओवादी संबंध मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक अधीनस्थ अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद साईबाबा 2017 से यहां जेल में बंद थे। इससे पहले, वह 2014 से 2016 तक इस जेल में थे और बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। शारीरिक अक्षमता के कारण व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाले साईबाबा ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि मेरा स्वास्थ्य बहुत खराब है, मैं बात नहीं कर सकता, मुझे पहले इलाज कराना होगा और उसके बाद ही मैं बात कर पाऊंगा।
जेल के बाहर उनके एक परिजन इंतजार कर रहे थे। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने साईबाबा की सजा को रद्द करते हुए मंगलवार को कहा था कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आरोपों को साबित करने में विफल रहा। अदालत ने 54 वर्षीय साईबाबा को दी गई आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया और गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत अभियोजन की मंजूरी को अमान्य ठहराया। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक सत्र अदालत ने कथित माओवादी संबंधों और देश के खिलाफ युद्ध छेडऩे जैसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए साईबाबा और एक पत्रकार तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक छात्र सहित पांच अन्य लोगों को मार्च 2017 में दोषी ठहराया था।

कांग्रेस के 9 विधायक निलंबित

पंजाब में कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग को मार्शलों ने बाहर निकाला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में उस समय हंगामा मच गया जब राज्य के बजट पर चर्चा के लिए स्पीकर कुलतार सिंह संधवान द्वारा अधिक समय देने से इनकार करने पर सत्ता पक्ष और विपक्षी कांग्रेस विधायकों के बीच तीखी बहस हो गई। जैसे ही कांग्रेस सदस्य सदन के वेल में आ गए और स्पीकर से आग्रह किया कि पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिन्दर सिंह राजा वारिंग को अपना भाषण पूरा करने की अनुमति दी जाए, संधवान ने अबोहर विधायक संदीप जाखड़ को छोडक़र सदन में मौजूद सभी कांग्रेस विधायकों के नाम लिए और उन्हें बाकी विधायकों के लिए निलंबित कर दिया।
स्पीकर ने सदन की कार्यवाही भी 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। वारिंग के जाने से इनकार करने के बाद मार्शलों द्वारा उन्हें विधानसभा से बाहर ले जाया गया।
विरोध तब शुरू हुआ जब स्पीकर ने गिद्दड़बाहा के विधायक वारिंग से कहा कि बोलने के लिए उनका आवंटित समय खत्म हो गया है और कांग्रेस ने बजट पर चर्चा के लिए आवंटित 28 मिनट का इस्तेमाल किया। वारिंग द्वारा अपना भाषण समाप्त करने देने की अपील के बावजूद, संधवान ने सत्तारूढ़ सदस्य डॉ. बलजीत कौर से अपना भाषण शुरू करने के लिए कहा। वारिंग ने इसका विरोध किया और स्पीकर पर विपक्षी सदस्यों की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए सदन के बीचोंबीच हंगामा कर दिया।
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा भी अन्य सदस्यों के साथ अपनी सीटों पर खड़े हो गए और स्पीकर से वारिंग को अपना भाषण समाप्त करने की अनुमति देने को कहा। हालांकि, संधवान ने दावा किया कि चूंकि बजट पर बहस शुरू करने वाले बाजवा ने आवंटित समय से अधिक समय बिताया, इसलिए कांग्रेस सदस्यों को प्रावधानों के अनुसार आवंटित समय का पालन करना होगा।

प्रदर्शन

आज फिर 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी भारी संख्या में शिक्षामंत्री संदीप सिंह के आवास पहुंचे। उनके साथ 6800 आरक्षित चयनित अभ्यर्थी भी नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी नियुक्ति पत्र की मांग पर अड़े हैं। इससे पूर्व अभ्यर्थी कई बार घेराव कर चुके हैं।

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