स्मृति ईरानी महिलाओं का दर्द नहीं समझतीं: के. कविता

  • मंत्री के बयान पर केसीआर की बेटी ने की आपत्ति

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली/ हैदराबाद। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कामकाजी महिलाओं को पेड मेंस्ट्रुअल लीव यानी सवेतन मासिक धर्म अवकाश दिए जाने पर असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि मेंस्ट्रूएशन महिलाओं के जीवन का नेचुरल पार्ट है, इसे दिव्यांगता यानी किसी तरह की कमजोरी की तरह नहीं देखा जाना चाहिए, पीरियड्स के दौरान ऑफिस से लीव मिलना महिलाओं से भेदभाव का कारण बन सकता है, स्मृति ईरानी के इस बयान पर तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के. कविता  ने आपत्ति जाहिर की है।
भारत राष्ट्र  समिति (बीआरएस) की नेता के कविता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया, मेंस्ट्रूएशन यानी मासिक धर्म कोई विकल्प नहीं है, यह एक बायोलॉजिकल रियलिटी है, पेड मेंस्ट्रअल लीव से इनकार करना दरअसल अनगिनत महिलाओं के सहे जाने वाले वास्तविक दर्द को नजरअंदाज करना है। के. कविता ने कहा कि ईरानी की प्रतिक्रिया से बहुत हैरान और मायूस हैं। स्मृति ईरानी ने संसद में बुधवार को महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेड लीव (छुट्टी) दिए से जुड़े राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज कुमार के सवाल पर जवाब दिया। स्मृति ईरानी ने संसद को बताया, पीरिएड्स एक शारीरिक घटना है। सिर्फ कुछ ही महिलाओं/लड़कियों को पीरिएड्स के दौरान गंभीर दर्द से गुजरना पड़ता है। इनमें से ज्यादातर मामले दवा से कंट्रोल में आ जाते हैं। ईरानी के इस बयान पर हैरानी जताते हुए के. कविता ने कहा, एक महिला के रूप में इस तरह की अज्ञानता को देखना भयावह है, हमारे संघर्षों के लिए… हमारी यात्रा के लिए… हम समान अवसर के हकदार हैं। इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

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