डायल 112: सियासत ने बढ़ाया सैकड़ों बेटियों का दर्द

लखनऊ। तीन दिनों से डॉयल 112 की सैकड़ों महिला कर्मियों की सर्द रातें खुले आसमान के नीचे बीतने के बावजूद नतीजा ढाक के तीन पात के बराबर नजर आ रहा है। रही सही कसर सियासत ने पूरी कर दी है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी इस मुद्दे पर अफसरों के रुख से बेहद नाराज हैं। तभी एडीजी 112 को हटा दिया गया।
इसके बावजूद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सारस मुद्दे की तर्ज पर जिस अंदाज में डॉयल 112 की आंदोलनरत महिलाकर्मियों के मुद्दे को उठाया है। उसके बाद योगी सरकार ने भी सख्त रुख अपनाते हुए अपने कदम वापस खींचने से इंकार कर दिया है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने भी अब साफ कहा है कि दीपावली यहीं मनाएंगे।
संवेदनशील मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में सैकड़ों आंदोलनकारी बेटियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद बुधवार को दिन भर कानपुर रोड का ईको गार्डन पूरी तरह से सियासी अखाड़े में तब्दील नजर आया। सपा और कांग्रेस को इस मुद्दे में आधी आबादी का वोटबैंक नजर आ रहा है। इसी के चलते बुधवार को एक भी बड़ा अफसर बेटियों का दर्द सांझा करने नहीं आया।
देर रात पांच महिला कर्मियों के जिस प्रतिनिधिमंडल से डॉयल 112 के बड़े अफसरों ने बात की। उसको भी साफ सन्देश दिया गया कि फिलहाल वेतन नहीं बढ़ाया जाएगा। जो पुलिस ने किया, उसे भी भूल ही जाइये। मुख्यमंत्री योगी से लड़कियों ने गुहार लगाई कि सिर्फ हमारे खिलाफ ही क्यों मुकदमा दर्ज किया गया। -संबंधित खबर पेज-3 पर
महिला सुरक्षा हेल्पलाइन 181 को लेकर भी इसी तरह तीन साल पहले तकरीबन 450 महिला कर्मियों ने अपनी नौकरी जाने के डर से आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया था। कार्यदायी संस्था का करोड़ों का बकाया होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा था। महिलाओं को लम्बे समय से वेतन नहीं मिल रहा था। फिलहाल इस हेल्पलाइन का नाम सीएम हेल्पलाइन हो चुका है।
शासन का रुख भी अब सख्त नजर आ रहा है। तभी शासन के एक बड़े अफसर के मुताबिक महिला कर्मियों की आड़ में राजनीति की रोटियां सेंकी जा रही हैं। लड़कियों को सिर्फ बरगलाया जा रहा है। एजेंसी बदली है तो नियमों के हिसाब से काम भी करेगी।

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