शराब पीने की लिमिट हम तय नहीं कर सकते, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की बैन की मांग वाली याचिका

नई दिल्ली। ‘युवा शराब अगर ज्यादा पी रहे हैं तो ये उनकी मर्जी हो सकती है. इसे नियंत्रित करने का काम राज्य का नहीं है.’ एक डॉक्टर की याचिका पर सरकार ने यह बात कही है. वह देशभर में शराब पर बैन लगाने की मांग कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर डॉक्टर ने युवाओं को शराब पीने से रोकने के लिए आदेश जारी करने की अपील की थी. डॉक्टर की दलील थी कि युवा शराब ज्यादा पी रहे हैं. इससे कोर्ट भी हैरान हो गया. बेंच ने कहा कि अच्छा, ऐसे तो युवा कल को आकर कहेंगे कि वे तो लिमिट में ही पी रहे हैं, और दलील देंगे की जी, ये तो उनके लिए ज्यादा नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए कहा कि शराब बिक्री पर रोक के आदेश से लोगों पर राज्य अधिक नियंत्रण हो जाएगा. इससे आगे और भी समस्याएं आ सकती हैं. वहीं याचिकाकर्ता डॉक्टर की ओर से कहा गया कि युवा बहुत अधिक शराब पी रहे हैं. एक अध्ययन के मुताबिक, शराब की खपत लगातार बढ़ी है.

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