लालू को अपने लडक़े को सीएम बनाने की चिंता: प्रशांत किशोर

पीके ने लोगों को किया जागरुक, बोले- अपने बच्चों के भविष्य का सोचिए

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुजफ्फरपुर। राजनीतिक सलाहकार व रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर पिछले कई दिनों से बिहार की राजनीति में अपने पैर जमना चाहते हैं। इसके लिए वो पूरे बिहार में जन सुराज पदयात्रा कर रहे हैं और इस दौरान लगातार वो नीतीश कुमार और लालू परिवार पर हमला भी बोल रहे हैं। इसी क्रम में अब एक बार फिर प्रशांत किशोर ने लालू यादव और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है।
प्रशांत किशोर ने यहां आयोजित जनसभा में लोगों से कहा कि नेताओं के अनपढ़ बच्चे राज कर रहे हैं और सामान्य परिवारों के युवा पढ़-लिखकर बेरोजगार बैठे हैं। उन्होंने कहा कि आपको जाति और धर्म चाहिए, लेकिन बच्चों की चिंता कीजिए, आप मेरे साथ खड़ा होने से पहले अपने बच्चों के साथ खड़ा होइए। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि ऐसा नहीं करने पर आपका बच्चो मजदूर नहीं बनेगा तो कौन बनेगा?

जाति-धर्म का झंडा छोड़ अपने बच्चों की करें चिंता

लालू यादव पर निशाना साधते हुए पीके ने कहा कि लालू जी को चिंता है कि हमारा लडक़ा मुख्यमंत्री बने। जबकि आपका लडक़ा मैट्रिक कर लिया, बीए कर लिया, एमए कर लिया। लेकिन फिर भी उसको चपरासी की नौकरी भी नहीं मिल रही है, लेकिन आपको चिंता नहीं है। आप तो जात का झंडा उठाए हुए हैं। धर्म का झंडा उठाए हुए हैं। आपका लडक़ा मजदूर नहीं बनेगा तो कौन मजदूर बनेगा भाई? लोगों से संवाद करते हुए प्रशांक किशोर ने कहा कि आपका बच्चा पढ़-लिखकर घर में बेरोजगार बैठा है। उसका मुंह आपको नहीं देखना है। लालू जी का लडक़ा कैसे बन जाए मुख्यमंत्री, मोदी जी कैसे बन जाएं प्रधानमंत्री। भाइयों इससे आपकी दशा नहीं सुधरने वाली है।

अपने बच्चों का चेहरा देखिए

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि बहुत लोग कह रहे हैं कि आप आगे चलिए, आपके पीछे हम हैं। हम आपको हाथ जोडक़र कह रहे हैं कि हमें आपका साथ नहीं चाहिए। अरे जिस समाज में लोग अपने बच्चों के साथ नहीं खड़े हैं। आप हमारे साथ क्या खाक खड़ा होइएगा। हम आपके गांव में आ रहे हैं। यहां जो 100 बच्चे मिले हैं, उनमें से आधे से ज्यादा बच्चों के शरीर पर कपड़ा नहीं है। आपके जितने भी छोटे बच्चे यहां आए हैं, आप नजर घुमाकर देख लीजिए ज्यादातर बच्चों के पैर में चप्पल नहीं है। लेकिन आपको अपने बच्चों की चिंता नहीं है। आप तो जात का झंडा उठाए हैं। आपको धर्म चाहिए, आपको जाति चाहिए। अपने बच्चों का भविष्य नहीं चाहिए। ऐसे में आप नहीं भोगेंगे तो कौन भोगेगा? यही बताने के लिए गली-गली घूम रहे हैं। आपको ये समझा रहे हैं। मेरे भाई आपकी हमारी तो आधी से ज्यादा जिंदगी बीत गई है, कम से कम अपने बच्चों का चेहरा देखिए। नहीं देखेंगे तो आपके बच्चों का भला नहीं होगा।

 

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