जातीय जनगणना के मामले में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के हलफनामे पर नीतीश के तेवर कड़े

नालंदा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को नालंदा में लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया। इसके साथ ही उन्होंने जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से दिए गए हलफनामे पर अपनी पहली प्रतिक्रिया भी दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को सुबह नालंदा पहुंचे थे। यहां उन्होंने सिलाव प्रखंड स्थित नालंदा खुला (मुक्त) विश्वविद्यालय के कार्यालय भवन का उद्घाटन किया। इसके साथ ही अब 36 वर्षों के बाद नालंदा विश्वविद्यालय का कार्यालय नालंदा में शुरू हो जाएगा। 1 मार्च 1987 को नालंदा खुला विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी।
उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री राजगीर के लिए रवाना हो गए। जहां मलमास मेले के लिए बनाई गई डॉक्यूमेंट्री फिल्म व स्मारिका का लोकार्पण करेंगे। राजगीर जाने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय आधारित गणना को लेकर मीडिया से कहा कि अच्छे काम से कुछ लोगों को ऐतराज होता है।
उन्होंने कहा कि हम जातीय गणना के साथ-साथ हर जाति, हर वर्ग का आर्थिक सर्वे भी करा रहे हैं, ताकि सभी के विकास का खाका तैयार किया जा सके। सीएम नीतीश ने कहा कि सभी पार्टी ने मिलकर यह डिमांड की थी कि जातीय गणना होनी चाहिए। क्योंकि जातीय जनगणना केंद्र सरकार के अधीन है। लेकिन जातीय गणना करवाना राज्य सरकार का अधिकार है। जातीय गणना का सारा काम पूरा हो चुका है और एक-एक करके सभी चीजों को प्रकाशित किया जाएगा। हम लोग आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनके विकास की योजना भी बनाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह कार्य राज्य के हित में है। नीतीश कुमार ने एक बार फिर से दोहराया कि उन्हें किसी पद की लालसा नहीं है। अभी कौन-कौन लोग इंडिया गठबंधन में शामिल होंगे यह कहना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह आगे पता चल जाएगा कि और कौन लोग इसमें शामिल हो रहे हैं। नीतीश कुमार ने इसके बाद एक बार फिर आशंका जताते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव समय से पहले कभी भी हो सकता है।
नालंदा खुला विश्वविद्यालय का भवन 116.65 करोड़ की लागत से 10 एकड़ में बनाया गया है। विश्वविद्यालय के अंदर प्रशासनिक भवन एकेडमिक बिल्डिंग, वीसी बंगला, प्रोवीसी बंगला, प्रोफेसर एवं स्टाफ के अलावा छात्र-छात्राओं के रहने के लिए हॉस्टल का निर्माण किया गया है।
विश्वविद्यालय की सबसे अहम बात यह है कि इसके प्रशासनिक भवन का लुक नालंदा महाविहार के लुक के जैसा दिया गया है। इसके अलावा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस डाइनिंग हॉल और गेस्ट हाउस का भी निर्माण किया गया है।
विश्वविद्यालय के वीसी डॉक्टर के. सिंह ने बताया कि पटना स्थित कार्यालय से सभी कागजात, दस्तावेज एवं अन्य सामानों को नालंदा शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल पटना में भी विश्वविद्यालय की शाखा कार्यरत रहेगी।

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