सबका हक मारना चाहती है भाजपा: कमलनाथ

बिहार में जातिगत सर्वेक्षण को बंद करने की कोशिश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। बिहार में पटना हाईकोर्ट ने नितीश सरकार द्वारा कराए जा रहे जातिगत और आर्थिक सर्वेक्षण पर लगी रोक को हटा लिया है। कोर्ट के फैसले के बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधा है। कलनाथ ने कहा कि भाजपा सामाजिक हकमारी की प्रतीक है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि भाजपा ‘जातिगत सर्वेक्षण’ को कानूनी तर्कों में उलझाकर बंद करवाना चाहती थी लेकिन पटना उच्च न्यायालय ने इस पर लगी रोक को हटाकर हर वंचित, शोषित के लिए ‘सामाजिक न्याय’ ही नहीं बल्कि आने वाले समय में ‘आर्थिक न्याय’ का भी रास्ता खोल दिया है।
समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोग जब अपने अधिकारों के लिए मिलकर एक साथ खड़े हो जाएंगे तो ये प्रभुत्ववादी सोच के गिनती के लोग सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने वाली इस गिनती-गणना के आगे कहीं नहीं टिकेंगे। जातीय जनगणना सबके हक़ की आनुपातिक हिस्सेदारी की राह खोलेगी और सच में लोकतंत्र की दिशा नीचे-से-ऊपर की ओर जाएगी। भाजपा की सामंती सोच ग़ैर-बराबरी और दमन की रही है, इसीलिए वो गऱीब-कमज़ोर के हक़ को मारने के लिए जातीय जनगणना की विरोधी है। जनता जातीय जनगणना को रोकनेवाली भाजपा को अगले चुनाव में इस तरह बहिष्कृत करेगी कि मतगणना के दिन न तो उनके नेता दिखाई देंगे और न ही उनके प्रत्याशी। भाजपा सामाजिक हकमारी का प्रतीक है।

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