विशेष राज्य का दर्जा होता तो और आगे होता बिहार : बिजेंद्र यादव

  • नीति आयोग का खुलासा -बिहार में गरीबी में रिकॉर्ड कमी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। योजना और विकास विभाग मंत्री मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग मान ली गई होती, तो राज्य ने और शानदार प्रगति की होती। इस दर्जे के लिए हमारी मांग जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में अच्छा प्रदर्शन किया है। हमने बहुआयामी पैरामीटर्स पर शानदार प्रगति के लिए खुद अपने संसाधनों को जुटाया।
नीति आयोग की रिपोर्ट में भी इसका पता चला है। बिहार में गरीबी को लेकर नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट में बड़ा अपडेट सामने आया है। इसके मुताबिक, बिहार में इस बार गरीबी दर में रिकॉर्ड कमी आई है। देश के टॉप बहुआयामी गरीबी सूचकांक के आधार पर तैयार की गई नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार ने बड़ी छलांग लगाई है। 2015-16 और 2019-21 के बीच बिहार ने सभी राज्यों में सबसे अधिक गरीबी में कमी हासिल की है। इस दौरान 2.25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं।

13.51 करोड़ लोगों में से 16.65 फीसदी बिहारी गरीबी से निकले

रिपोर्ट में कहा गया कि राष्ट्रीय स्तर पर गरीबी रेखा से बाहर निकले 13.51 करोड़ लोगों में से 16.65 फीसदी बिहार से थे। गरीबी कम करने वाले राज्यों की लिस्ट में जहां बिहार टॉप पर है। वहीं दूसरे नंबर मध्य प्रदेश (15.04प्रतिशत), फिर यूपी (14.75), इसके बाद ओडिशा (13.66) का नंबर है। राजस्थान (13.55) और झारखंड (13.29प्रतिशत) जैसे अन्य राज्यों की तुलना में बिहार की स्थिति में बड़ा सुधार आया है। नीति आयोग ने जिन पैरामीटर्स को परिभाषित किया है उनमें स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवारों का जीवन स्तर शामिल है। 2015-16 में राज्य के 51 फीसदी लोगों को गरीब श्रेणी में रखा गया था। वहीं 2021 तक यह घटकर 33.76 फीसदी हो गया। इसी अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में गिरावट 56 फीसदी से 36.95 फीसदी हो गई है। राष्ट्रीय ग्रामीण गरीबी में कमी 32.59 फीसदी से 19.28 फीसदी हो गई है।

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