इंटनेट बैन मामला: …तो क्या जिस बात का डर था वही हुआ मणिपुर में

नई दिल्ली। मणिपुर में 4 मई को हुई महिलाओं की निर्वस्त्र करने और दुव्र्यवहार करने की घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। करीब दो महीने तक इस घटना से देश अनभिज्ञ था, लेकिन 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हुआ और हंगामा हो गया। वीडियो वायरल होने के बाद ही पुलिस ने इस मामले में एक्शन लिया और 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन। बिरेन सिंह ने इंटरनेट की वजह से माहौल बिगडऩे की बात कही है।
ऐसा इसलिए क्योंकि मणिपुर में 3 मई से ही इंटरनेट बैन है और 20 जुलाई तक इसपर पाबंदी लगी हुई है। हालांकि, विपक्ष ने इसका विरोध किया है और बीच में अदालत द्वारा भी सिलसिलेवार तरीके से इंटरनेट खोलने की सलाह दी थी, लेकिन राज्य सरकार बार-बार माहौल बिगडऩे का डर बता रही थी। ऐसे में अब सवाल यही उठता है कि क्या इंटरनेट को लेकर जैसा डर मालूम पड़ रहा था, वही सच साबित हो गया है।
मणिपुर में नगा-कुकी और मैतई समुदाय को लेकर जो विवाद चल रहा था, वह 3-4 मई से हिंसा में बदल गया था। 3 मई को ही राज्य सरकार ने इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया था। करीब दो महीने से इंटरनेट लगातार बंद था, इस पाबंदी को बार-बार आगे बढ़ाया गया और अभी 20 जुलाई तक इंटरनेट बंद था। मौजूदा हालात को देखते हुए फिर आगे बढ़ाया गया है। समय-समय पर विपक्षी पार्टियों ने मणिपुर में इंटरनेट बंद रखने की निंदा की और इसे लोगों की आवाज़ दबाना कहा गया। 8 जुलाई को मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को धीरे-धीरे इंटरनेट बैन हटाने को कहा था, अदालत ने सेफगाड्र्स के साथ घर के कनेक्शन, फाइबर इंटरनेट कनेक्शन को रिस्टोर करने के लिए कहा था। इसपर 25 जुलाई को फिर सुनवाई होनी है। मणिपुर इंटरनेट बैन से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था, वहां सर्वोच्च अदालत ने इस मामले को हाईकोर्ट पर ही छोड़ा था। स्ष्ट ने कहा था कि वह इस मामले में दखल नहीं देंगे, अगर जरूरत पड़ती है तो हम एक्शन लेंगे।
इंटरनेट बैन पर क्या बोले सीएम
इंटरनेट बैन के बीच 18 जुलाई को इस घटना का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र किया गया था और सडक़ पर घुमाया गया था। इसी घटना ने राज्य के हालात को देश के सामने रखा, इसपर अब मुख्यमंत्री एन। बिरेन सिंह ने भी बयान दिया। एन। बिरेन सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा कि अभी ग्राउंड पर हालात काफी खराब हैं, इस तरह की कई घटनाएं हो रही हैं। मणिपुर सीएम ने कहा कि ऐसी घटनाओं के चलते ही राज्य में इंटरनेट को बैन किया गया है, ताकि हालात खराब ना हो। बता दें कि 4 मई को कंगपोकपी जिले में जो घटना हुई, उसकी मुख्य जड़ भी इंटरनेट ही बताई गई थी। पुलिस ने बयान दिया था कि इंटरनेट पर फैली एक फर्जी तस्वीर की वजह से माहौल बिगड़ा था, जिसके बाद एक समुदाय के लोगों ने गांव पर हमला किया था और दूसरे समुदाय के लोगों के साथ दुव्र्यवहार किया था।

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