कांग्रेस पार्टी ने आज मनाया देशभर में मौन सत्याग्रह

बोले नेता- बृजभूषण को सुरक्षा और राहुल गांधी को सजा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। भाजपा सरकार राहुल गंाधी पर अत्याचार कर रही है। इस आरोप क साथ कांग्रेस पूरे देश में मौन सत्याग्रह कर रही है। यूपी,दिल्ली, मुंबई और महाराष्ट्र में मौन सत्याग्रह कर रही है। वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता बाला साहेब थोरात का कहना है कि देश की बेटियों का शोषण करने के आरोपी बृजभूषण सिंह को सुरक्षा और देश के लिए संघर्ष करने वाले राहुल गांधी को सजा!
ये कहां का न्याय है? जनता सब देख रही है और जनता से अपील है कि अब वो आगे आए। थोरात ने कहा कि पहले शिवसेना फिर एनसीपी को तोड़ा और अब कांग्रेस की बारी है के सवाल पर थोरात ने कहा-जो होगा उसका सामना करेंगे, लेकिन लड़ते रहेंगे। राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी पर थोरात ने कहा कि खोखे और आश्वासन देकर विधायकों को साथ में लाया गया है। मंत्री पद सीमित हैं तो वादा पूरा कैसे करेंगे ? झगड़ा तो विभागों को लेकर भी चल रहा है। कांग्रेस पहले तीसरे नंबर की थी अब शिवसेना और एनसीपी के टूटने के बाद अब एमवीए की सबसे बड़ी पार्टी हो गई है, लेकिन आपदा में अवसर का फायदा नहीं उठाने और अभी तक नेता विरोधी दल पद पर नाम नहीं तय कर पाने के सवाल पर थोरात का कहना है कि हमारे ऊपर जिम्मेदारी आती है तो पूरा करेंगे।

पूर्णेश मोदी ने लगायी सुप्रीम कोर्ट से गुहार

शीर्ष अदालत में दाखिल की कैविएट
भाजपा नेता ने मोदी सरनेम केस में राहुल के खिलाफ दायर की थी याचिका

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। गुजरात में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करने व उन्हें सजा दिलाने वाले भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया है कि राहुल गांधी अगर सुप्रीम कोर्ट आएं तो हमारा पक्ष सुने बिना आदेश जारी ना करें। उन्होंने कहा है कि बिना उनके पक्ष को सुने कोई आदेश जारी न किया जाए।
गौरतलब है, गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में राहुल गांधी की सजा पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही सख्त टिप्पणी भी की थी। न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने कहा था कि राहुल के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं। मौजूदा केस के बाद भी उनके खिलाफ कुछ और केस भी दर्ज हुए। ऐसा ही एक मामला वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है। न्यायमूर्ति ने आगे कहा था कि दोषसिद्धि से कोई अन्याय नहीं होगा। दोषसिद्धि न्यायसंगत एवं उचित है। पहले दिए गए आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है।

एकतरफा फैसला न सुनाए अदालत

कैविएट याचिका एक तरह का बचाव होता है ताकि कोर्ट किसी मामले में एक पक्षीय फैसला ना सुनाए। सिविल प्रोसीजर के कोड 148 (ए) के तहत कैविएट याचिका फाइल की जाती है। यदि पक्षकार हाजिर नहीं होता है तब कोर्ट ऐसे पक्षकार को एकपक्षीय कर अपना फैसला सुना देता है। सामान्य शब्दों में समझाया जाए तो एक वादी द्वारा कैविएट आवेदन यह सुनिश्चित करने के लिए दायर किया जाता है कि बिना सुने उसके खिलाफ कोई आदेश पारित न किया जाए।

आदिपुरुष मामला पहुंचा उच्चतम न्यायालय

सीजेआई ने कहा-कल आएं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेशी के खिलाफ फिल्म आदिपुरुष के निर्माता बुधवार (12 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. उनके वकील ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का मामला चीफ जस्टिस के सामने रखने की कोशिश की, लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि वह सुनवाई का अनुरोध कल उनके सामने रखें, दरअसल, हाई कोर्ट ने फिल्म में धार्मिक चरित्रों को गलत तरीके से दिखाने के लिए निर्माता, निर्देशक और संवाद लेखक को 27 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है।
दरअसल, हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने फिल्म आदिपुरुष के निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार, संवाद लेखक मनोज मुंतशिर उर्फ मनोज शुक्ला को तलब किया था और इन सभी को कोर्ट ने 27 जुलाई को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को फिल्म पर अपना विचार पेश करने के लिए एक समिति के गठन का निर्देश भी दिया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 27 जुलाई को पेश होने का दिया आदेश

इससे पहले फिल्म आदिपुरुष को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दाखिल जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की थी। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान और न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करने वाली दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई की। ये याचिकाएं कुलदीप तिवारी और नवीन धवन की ओर से कोर्ट में दाखिल की गई है, इन याचिकाओं में धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए फिल्म को बैन करने की मांग की गई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि फिल्म को बनाते समय जनभावनाओं का ख्याल नहीं रखा गया है, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देशक ओम राउत, निर्माता भूषण कुमार, संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को 27 जुलाई को उसके सामने पेश होने का आदेश दिया।

अफजाल को 24 जुलाई को सजा सुनाएगी कोर्ट

 

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर के सांसद रहे अफजाल अंसारी की सजा के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है। कोर्ट अब इस मामले में 24 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगी।
मामला गैंगस्टर एक्ट से जुड़ा हुआ है। अफजाल अंसारी के छोटे भाई माफिया मुख्तार अंसारी को गाजीपुर जिला अदालत ने सजा सुनाई थी। अफजाल भी उसमें सह आरोपी बनाया गया था। जिला अदालत ने अफजाल को चार साल की सजा सुनाई है। अफजाल अंसारी ने गाजीपुर जिला अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर बुधवार को सुनवाई पूरी का कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।

चंद्रयान-3 लॉन्चिंग को तैयार

शुक्रवार को भेजा जाएगा अंतरिक्ष यान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इसरो शुक्रवार को होने वाली चंद्रयान तीन की लॉन्चिंग के लिए अपनी तैयारियों को आखिरी रूप देने में लगा है। अंतरिक्ष यान अधिक ईंधन, कई असफल-सुरक्षित उपायों और चंद्रयान -2 की तुलना में बड़े लैंडिंग साइट से भरा हुआ है। इस बार इसरो को पूरा विश्वास है कि वो चंद्रयान को इस बार चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कराने में सफल रहेंग।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च होने वाला चंद्रयान-3, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत को चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बना देगा। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान शुक्रवार को लॉन्चिंग के करीब एक महीने बाद चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा। लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरने की उम्मीद है।

चुनौतियों से निपटना आसान नहीं

चंद्रमा पर सुरक्षित लैंडिंग ही सबसे बड़ी चुनौती है। जुलाई 2019 में, चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यान, चंद्रयान -2 को उतारने के भारत के पिछले प्रयास को एक बड़ा झटका उस वक्त लगा था जब विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। ऐसे में इस बार किसी तरह की कोई गड़बड़ी ना इसे ध्यान में रखते हुए इसरो ने चंद्रयान-3 को अधिक ईंधन के साथ डिजाइन किया गया है, जो इसे दूर तक यात्रा करने, डिस्पर्सन को संभालने या यदि आवश्यक हो तो वैकल्पिक लैंडिंग साइट पर जाने की क्षमता भी प्रदान करेगा। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि हमने बहुत सारी विफलताएं देखीं हैं, इनमें सेंसर विफलता, इंजन विफलता, एल्गोरिदम विफलता, गणना विफलताएं खास तौर पर शामिल हैं, इसलिए, चाहे जो भी विफलता हो, हम चाहते हैं कि यह आवश्यक गति पर लैंड करे, हमने इस बार हर बारीकी पर काम किया है. ताकि किसी वजह से इस बार के मिशन में कोई कसर ना छूट जाए।

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