भाजपा की आईटी सेल को मात दे रहा है कांग्रेस का आईटी सेल

पिछले कुछ महीनों में सोशल मीडया पर छाई कांग्रेस

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। आजकल का दौर इंटरनेट और सोशल मीडिया का दौर है। लोग अपनी बात को रखने के लिए सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल करते हैं। वहीं देश-दुनिया की अधिकतर खबरें भी सोशल मीडिया पर आपको जल्दी मिल जाएंगी। लेकिन सोशल मीडिया ने अगर कई मायनों में हमारी जिंदगी को सरल बनाया है, तो इसका काफी नुकसान भी है। क्योंकि सोशल मीडिया पर कई गलत व फेक खबरें भी काफी चलाई जाती हैं। इसलिए सोशल मीडिया कई मायनों में काफी खतरनाक भी है।
सोशल मीडिया के बढ़ते चलन के चलते अब राजनीति में भी सोशल मीडिया का काफी बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है। फिर वो चाहे इलेक्शन कैंपेन हों या फिर अपनी सरकार की योजनाओं का प्रचार व पार्टी का प्रमोशन.. सोशल मीडिया का इस्तेमाल इन सभी कामों के लिए काफी बड़े स्तर पर किया जाता है.. क्योंकि इसकी प्रमुख वजह है कि आजकल फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम व यूट्यूब पर यूथ से लेकर बुजुर्ग तक हर वर्ग के लोग अपना अधिक समय दे रहे हैं। इसलिए राजनीतिक पार्टियां भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल बड़े स्तर पर करने लगी हैं।


मोदी को आगे करने बड़ा योगदान

ध्यान रहे कि पीएम मोदी और भाजपा को इतना मशहूर बनाने में भी सोशल मीडिया का ही बड़ा हाथ है.. क्योंकि भाजपा ने सबसे अधिक ध्यान अपने आईटी सेल पर दिया, और उसी का फायदा भाजपा को 2014 और 19 के लोकसभा चुनावों में जमकर मिला, क्योंकि अपने आईटी सेल के जरिए ही भाजपा ने अपना प्रचार तो किया ही।

कांग्रेस का आईटी सेल तेजी से जमा रहा पांव

पिछले एक साल में कांग्रेस के आईटी सेल ने बिना झूठ का सहारा लिए ही अपनी एक अलग पहचान बना ली है, आलम ये हो गया कि कभी हमेशा सुर्खियों में रहने वाला और लोगों को बदनाम करने वाला भाजपा का आईटी सेल भी अब कांग्रेस के आईटी सेल व सोशल मीडिया के आगे फीका नजर आता है, क्योंकि अब कांग्रेस के आईटी सेल ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। और हर मामले पर भाजपा और उसके आईटी सेल को कड़ा जवाब दिया जा रहा है, कांग्रेस के आईटी सेल में ये बदलाव आया है पिछले एक साल से, दरअसल, पिछले साल जून में कांग्रेस ने अपनी नई आईटी सेल की टीम बनाई थी, और इस नई टीम को सोशल मीडिया की कमान सौंपी।

सुप्रिया श्रीनेत ने दी ऊंचाई

कांग्रेस ने अपनी इस सोशल मीडिया टीम का चेयरपर्सन बनाया सुप्रिया श्रीनेत को, सुप्रिया श्रीनेत सोशल मीडिया की चेयरपर्सन व हेड होने के साथ-साथ कांग्रेस की प्रवक्ता भी हैं,श्रीनेत के बारे में ये भी बता दें कि वो इससे पहले टाइम्स ग्रुप की एक्ज्यूजीक्व यूटिव एडिटर भी रह चुकी हैं, और यही वजह है कि सुप्रिया श्रीनेत को सोशल मीडिया की काफी बारीक समझ भी है,और उसी का फायदा और अपने अनुभव का इस्तेमाल सुप्रिया अब कांग्रेस के लिए करती नजर आ रही हैं, ये सुप्रिया की ही देन है कि कभी थकाऊ और कुछ खास न लगने वाला कांग्रेस का सोशल मीडिया अब एक दम से नई चमक और नए जोश के साथ उभर कर सामने आया है। अब आलम ये हो गया है कि सोशल मीडिया पर कांग्रेस नैरेटिव सेट करती है और भाजपा व अमित मालवीय का आईटी सेल उसका पीछा करते हैं। यानी कभी हमेशा चर्चा में रहने वाले भाजपा के आईटी सेल व सोशल मीडिया की हालत आजकल खस्ता हाल हो गई है.।

विपक्षी दलों का दुष्प्रचार करने में भी आगे अमित मालवीय

लेकिन उससे ज्यादा विपक्षी दलों का दुष्प्रचार किया विपक्षी नेताओं के गलत व झूठे वीडियोज चलाकर उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया गया, यही नहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी की छवि को खराब करने और उन्हें पप्पू बनाने में भी भाजपा के आईटी सेल ने ही प्रमुख भूमिका निभाई थी। और जबसे भाजपा के इस आईटी सेल की कमान अमित मालवीय ने संभाली है, तब से भाजपा आईटी सेल प्रचार तंत्र न बनकर झूठ तंत्र बन गया है, क्योंकि अमित मालवीय के आने के बाद भाजपा का आईटी सेल हर मामले में इतना अधिक झूठ बोलने व दिखाने लगा है कि वो सारे तथ्यों और आंकड़ों को भी ताक पर रख देते हैं, तो वहीं किसी भी नेता को बदनाम करने के लिए झूठे, गलत व एडिटेड वीडियो चलाकर उस नेता की छवि को खराब बनाना भाजपा के आईटी सेल और अमित मालवीय की फितरत बन गई है, यही वजह है कि अब भाजपा के आईटी सेल और अमित मालवीय की कोई इज्जत और विश्वसनीयता नहीं बची है, अब देश का बच्चा-बच्चा तक ये जान चुका है कि भाजपा का आईटी सेल सिर्फ झूठ फैलाता है और गलत खबरों व वीडियोज को चलाता है।

अन्य दलों के आईटी सेल पीछे

एक ओर जहां भाजपा अपने आईटी सेल का इस्तेमाल करके लोगों को झूठा बदनाम करता रहा और झूठी खबरों व गलत बातों को लोगों के सामने रखकर अपनी वाहवाही बटोरता रहा, तो दूसरी ओर कांग्रेस या किसी अन्य दल का आईटी सेल इस मामले में काफी पीछे रहा। जिसका फायदा ही भाजपा को चुनावों में भी मिलता रहा। लेकिन अब समय बदल चुका है, अब लोग अच्छी तरह से ये समझ चुके हैं कि भाजपा का आईटी सेल विपक्षी दलों या विपक्षी नेताओं को बदनाम करने के लिए झूठी व गलत बातों का इस्तेमाल करता है

4pm की रिसर्च टीम की जानकारी

बढ़ी ट्विटर, इंस्टाग्राम व फेसबुक पर कांगे्रस की रीच

अब वक्त बदल चुका है और गेम पूरी तरह से पलट चुका है, तभी तो जबसे सुप्रिया श्रीनेत को सोशल मीडिया की कमान सौंपी गई है कांग्रेस ने हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भाजपा से इक्कीस प्रदर्शन किया है, फिर वो चाहे ट्विटर हो, फेसबुक हो, इंस्टाग्राम हो या फिर यूट्यूब हो.. हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कांग्रेस की परफॉर्मेंस में अभूतपूर्व सुधार व परिवर्तन आया है.. और भाजपा कांग्रेस के नरेटिव और उसके कांसेप्ट का पीछा करती ही नजर आई है। वैसे ये बात हम कोई हवा में नहीं कह रहे हैं.. बल्कि कांग्रेस के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि कांग्रेस के सोशल मीडिया की हालत में गजब का सुधार आया है। हमारी 4 पीएम की टीम ने जब कांग्रेस के सोशल मीडिया के आंकड़ों के बारे में रिसर्च की, तो जो आंकड़े सामने निकल कर आए वो वाकई में हैरान करने वाले थे, और आंकड़े ये दिखाते हैं कि सुप्रिया श्रीनेत ने पिछले एक साल में कितनी ज्यादा मेहनत की है और भाजपा के सामने एक मजबूत चुनौती पेश की है। जुलाई 2022 के आंकड़े हैं और दूसरी तरफ मई 2023 के, और इस एक साल में कांग्रेस के हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के परफॉर्मेंस में आए उछाल को आप भी देखिए, जुलाई 2022 में फेसबुक पर कांग्रेस की रीच 13.78 मिलियन थी, जो मई 2023 में लगभग साढ़े 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ 15.91 मिलियन हो गई,फेसबुक पर ये रीच बढ़ी है, वो भी सिर्फ एक साल में, और ये तो कुछ नहीं आगे के आंकड़े देखकर आप और भी हैरान होंगे, अब अगर यूट्यूब की बात करें तो जुलाई 2022 में यूट्यूब पर 21.56 मिलियन व्यूज थे कांग्रेस के,जो मई 2023 में बढक़र 51.71 मिलियन हो गए। यानी एक साल में यूट्यूब के व्यूज में 139.80 फीसदी की बंपर बढ़ोत्तरी हुई है। जो वाकई में काफी ज्यादा है। लेकिन सिर्फ यूट्यूब और फेसबुक ही नहीं बल्कि इंस्टाग्राम और ट्विटर पर भी कांग्रेस की परफॉर्मेंस में गजब का सुधार व बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। जिसमें इंस्टाग्राम के आंकड़े तो काफी ज्यादा चौंकाने वाले हैं, ये देखिए जुलाई 2022 में इंस्टाग्राम पर कांग्रेस की रीच बेहद खराब थी। जुलाई 2022 तक सिर्फ 1.45 मिलियन की रीच इंस्टाग्राम पर थी। लेकिन जबसे सुप्रिया श्रीनेत ने कांग्रेस सोशल मीडिया की कमान संभाली, तबसे इंस्टाग्राम की रीच में 100, 200 या 500 फीसदी नहीं बल्कि एक हजार फीसदी से भी अधिक की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है.. आप खुद देखिए कि जुलाई 2022 में जो रीच 1.45 मीलियन थी.. मई 2023 में वो बढक़र 20.20 मिलियन पर पहुंच गई.. यानि एक साल में थोड़ी बहुत नहीं बल्कि 1290.40 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.. जी हां, चौंकिए नहीं.. एक साल के अंदर इंस्टाग्राम पर कांग्रेस की रीच में 1290.40 प्रतिशत की भारी बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है.. ये सोशल मीडिया की हेड सुप्रिया श्रीनेत की ही मेहनत का फल है।

’सीबीआई को नहीं सौंपेंगे जैन मुनि हत्या का मामला’

कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर बोले -हमारी पुलिस विभाग जांच में सक्षम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरु। कर्नाटक में जैन मुनि आचार्य श्री कामकुमारा नंदी महाराज की हत्या के बाद राज्य में सनसनी फैल गई। भाजपा ने हत्या के लिए सीबीआई जांच की मांग की है। केवल राज्य में ही नहीं पूरे देश में अब जैन मुनि की हत्या की निंदा हो रही है, जिसपर राज्य के गृहमंत्री ने जी परमेश्वर ने बताया कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा, कानूनी कार्रवाई एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसमें भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है।
इस घटना के बाद शिकायत मिलते ही पुलिस जांच में जुट गई थी। हुबली में जैन मुनि अनशन पर बैठे हैं। मैंने उनसे कल बात भी की थी। सीबीआई जांच की मांग पर जी परमेश्वर ने आश्वासन भी दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा पुलिस विभाग सक्षम है, सीबीआई को यह मामाला सौंपने की जरूरत नहीं है। हमारे विभाग की जांच पूरी होने के बाद सच सामने आ जाएगा। फिलहाल किसी पर आरोप लगाना ठीक नहीं है। इस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में पुलिस बिना किसी दबाव के निष्पक्षता से काम कर रही है। ज्ञात हो कि कामकुमारा नंदी महाराज 15 साल से नंदी पर्वत जैन मठ में रहते थे। उनके प्रबंधक बसाड़ी भीमप्पा उगारे ने छह जुलाई को उनके लापता होने की जानकारी पुलिस को दी थी।

भाजपा की मांग के पीछे राजनीति : प्रियांक खरगे

इस मामले में राज्य के मंत्री मयंक खरगे ने बताया कि जैन समुदाय राज्य सरकार द्वारा की जा रही जांच से संतुष्ट है। उन्होंने कहा, उन्होंने इस मामले की जांच को किसी अन्य एजेंसी द्वारा जांच कराने की मांग नहीं की है। गृह मंत्रालय पूरी तरह से सक्षम है, किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा। भाजपा को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, जहां तक भाजपा का सवाल है, वह जिसकी चाहे उसकी मांग कर सकते हैं। जांच की रिपोर्ट सामने आने तक का इंतजार है। समुदाय सरकार के साथ है। वे जानते हैं कि इस मामले में सरकार का कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं है और यह एक सामुदायिक मुद्दा होने के बजाय व्यक्तिगत झगड़ा लगता है, जिसे उठाने में भाजपा पीछे नहीं है।

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