आईएएस-आईपीएस में अग्निपथ जैसा करें प्रयोग!

4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब अग्निपथ स्कीम का ऐलान किया तो सरकार को भी अंदाजा नहीं था कि उसे इस कदर विरोध झेलना पड़ेगा। 48 घंटे गुजरते ही इसके खिलाफ भविष्य के अग्निवीर सड़क पर उतर आए और 72 घंटे गुजरते-गुजरते सरकार ने अपनी स्कीम में बदलाव की घोषणा करनी शुरू कर दी। ऐसे में सवाल उठता हैं कि अग्निवीरो की नाराजगी का भविष्य क्या होगा? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार राजेश बादल, कर्नल अमित कुमार, एजुकेशनिस्ट शुभ लक्ष्मी, प्रो. लक्ष्मण यादव और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
कर्नल अमित कुमार ने कहा, सबसे पहले हमारे देश को नेताओं को संविधान का आर्टिकल 51 अल्फा पढऩा होगा। थोड़े दिन पहले कहा कि यंग है, रिटायर हो रहे तो उनकी उम्र बढ़ा देते हैं। मगर अब महज चार साल। एक्सपेरिमेंट हैं अगर तो आईपीएस-आईएएस में या पुलिस जैसे विभागों में करिए मगर सेना से खिलवाड़ नहीं। साढ़े तीन हजार किलोमीटर का बॉर्डर पाक-चाइना लगभग दोनों का है। दोनों जगह सेना की भारी जरूरत है। सारे यूथ को मौका दे रहे हैं, ऐसे में क्या पहले मौका नहीं दे रहे थे, ये बयानबाजियां क्यों? सीधा कहिए मुझे 75 फीसदी डंप करना है 25 फीसदी से ही सेना चलाना है।
प्रो. लक्ष्मण यादव ने कहा सरकार में बैठे लोग जानते हैं कि चूक नहीं हुई, ये उनका एजेंडा है। सेना अभ्यर्थियों के जवानों की संख्या ज्यादा है इसलिए वे परेशान है कि चार साल बाद जब वे बाहर आएंगे तो उनका भविष्य क्या होगा? शुभ लक्ष्मी ने कहा भाजपा अग्निवीरों को दफ्तर के बाहर गार्ड की नौकरी देंगे मगर जब वे दूसरी जगह जाएंगे तो लोग यही कहेंगे कि ये तो रिजेक्टेड हैं। आने वाले सालों में जब कैडर बिल्ट होगा तो वह नान सीरियस होगा।
राजेश बादल ने कहा, बेरोजगारी बड़ी समस्या है। इसे दूर करने के प्रयास नहीं हुए बल्कि हालात ऐसे बना रहे कि बेरोजगारी और बढ़ जाए। अग्निपथ नाजुक मसला है इस पर फैसला लेने से पहले संसद में बहस होनी चाहिए थी।

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