संजय शेरपुरिया के फाउंडेशन में शामिल कई रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स के नाम भी आए सामने

लखनऊ। यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा संजय राय ‘शेरपुरिया’ को लेकर एक और अहम जानकारी सामने आई है। संजय राय द्वारा संचालित यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन के सलाहकार बोर्ड में रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस और सशस्त्र बलों के पूर्व अधिकारी शामिल हैं। शेरपुरिया को मंगलवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संजय राय शेरपुरिया को लेकर पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में उसे एक महाठग होने का दावा किया है। सलाहकार बोर्ड में शामिल एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी का किरण पटेल के साथ भी कनेक्शन बताया जा रहा है। किरण पटेल वही शख्स है जिसे मार्च में श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था।
बोर्ड में एक और पूर्व आईपीएस अधिकारी शामिल है जिसका नाम 2018 में सीबीआई बनाम सीबीआई की लड़ाई के दौरान चर्चा में आया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पूर्व पुलिस अधिकारी का बेटा वाइआरईएफ के डायरेक्टर के साथ एक कंपनी चलाता है। यूपी पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि इस कंपनी का पता वहीं है जो कभी संजय राय का हुआ करता था।
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के रिकॉर्ड बताते हैं कि वाईआरईएफ को 30 अक्टूबर, 2019 में शामिल किया गया था। हालांकि, रजिस्टर्ड कार्यालय वाराणसी में है जबकि इसका संचालन गाजीपुर से होता है। इस कंपनी में किसके कितने शेयर हैं वाईआरईएफ ने इसका खुलासा नहीं किया। हैरानी की बात तो यह है कि संजय राय ने वाईआरईएफ में किसी भी पद पर नहीं है।
यूपी पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में दावा किया है वाईआरईएफ का संचालन संजय राय की ओर से किया जाता है। प्राथमिकी में संजय राय की सत्ता में बैठे लोगों से करीबी होने का भी दावा किया गया है। सोशल मीडिया पर संजय राय की कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ तस्वीरें भी हैं। इन्हीं तस्वीरों के जरिए शेरपुरिया ने कई लोगों को धोखा दिया और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, वाईआरईएफ के सलाहकार बोर्ड में कुल छह व्यक्ति हैं और छह के छह एडिशनल डॉयरेक्टर हैं। वाईआरईएफ दावा करता रहा है कि वह ग्रामीण युवाओं को कृषि के आधुनिकीकरण के माध्यम से युवाओं को रोजगार सृजित करने की दिशा में काम करता है।
हालांकि, बोर्ड में शामिल कुछ पूर्व अधिकारियों ने कहा कि वो संजय राय को तो जानते हैं लेकिन, एनजीओ के बोर्ड में उन्हें कैसे शामिल किया गया उन्हें नहीं पता है। ना ही वो कभी बोर्ड की बैठक में हिस्सा लिए हैं।

 

Related Articles

Back to top button