फिल्म द केरल स्टोरी पर बढ़ा विवाद, थरूर ने दिया चैलेंज

नई दिल्ली। फिल्म द केरल स्टोरी पर शुरू हुआ विवाद अब बढ़ता ही जा रहा है। फिल्म द केरल स्टोरी पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा आपत्ति जताई गई थी। उन्होंने कहा था कि यह आपके केरल की कहानी हो सकती है, लेकिन यह हमारे केरल की कहानी नहीं है। हालांकि, अब शशि थरूर ने इस फिल्म को लेकर एक और ट्वीट किया है। उन्होंने इस फिल्म को लेकर एक चैलेंज दिया है।
शशि थरूर ने ट्वीट कर लिखा- अब केरल में 32,000 महिलाओं के इस्लाम धर्म में कथित धर्मांतरण का प्रचार करने वालों के लिए एक मौका है। अपने दावे को साबित करने और कुछ पैसे कमाने का मौका है, क्या वे चुनौती के लिए तैयार रहेंगे या कोई सबूत नहीं है। क्योंकि कोई भी सबूत मौजूद नहीं है? इसी के साथ ही उन्होंने एक पोस्टर भी शेयर किया है, जिसमें कहा गया है कि केरल में 32000 महिलाओं ने इस्लाम कबूला, इस दावे को साबित करने के लिए सबूत जमा करें और एक करोड़ रुपये ले जाएं।
इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने फिल्म द केरल स्टोरी की आलोचना की थी और इसे संघ परिवार का प्रोपेगेंडा बताया था। विजयन ने कहा था कि यह फिल्म केरल को बदनाम करने और राज्य को सांप्रदायिक रूप से बांटने के लिए बनाई गई है। विजयन ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता झूठ फैलाने, किसी क्षेत्र को सांप्रदायिक बताने और लोगों को बांटने का लाइसेंस नहीं है।
फिल्म केरल स्टोरी के ट्रेलर में दिखाया गया है कि हिंदू लड़कियों का कथित तौर पर ब्रेनवॉश करके उनका धर्मातरण किया गया और इसके बाद आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट में भर्ती कर अफगानिस्तान और सीरिया जैसी जगहों पर भेज दिया गया था। ट्रेलर के अनुसार, 32,000 हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण कर उन्हें आईएस के अड्डों पर ले जाया गया था।

फिल्म पर वकील शुक्कुर आगबबूला

तिरुवनन्तपुरम। द केरल स्टोरी ने राज्य में अपने तथ्यात्मक आधार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुद्दे पर एक राजनीतिक बहस छेड़ दी है। इसी बीच एक मुस्लिम वकील ने यह साबित करने के लिए 11 लाख रुपये दिए हैं कि 32 महिलाएं अपना धर्म परिवर्तन करने के बाद आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गई थीं।
अधिवक्ता और अभिनेता सी शुक्कुर ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा है, मैं उन लोगों को 11 लाख रुपये दूंगा, जो उन महिलाओं के नाम और पते मुझे देगा, जिन्हें केरल के मुस्लिम युवाओं द्वारा इस्लाम में परिवर्तित करके इस्लामिक स्टेट की सदस्य बनाया गया था। किसी को 32,000 महिलाओं के लिए सबूत पेश करने की जरूरत नहीं है, सिर्फ 32 ही काफी हैं।
साथ ही, उन्होंने कहा कि केरल से ऐसा एक ही मामला सामने आया है, जिसमें तीन महिलाओं ने 2 भाइयों से शादी की और मुस्लिम समुदाय के बाहर से आईएसआईएस में शामिल हो गई।
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, लव जिहाद मामले के बारे में बिना किसी सबूत के एक समुदाय और एक राज्य को दोष देना बंद कर देना चाहिए। इस उच्च न्यायालय ने भी खारिज कर दिया था। कहा कि फिल्म में दावा किया गया है कि 32, 000 हजार महिलाओं ने अपना धर्म परिवर्तन करने के बाद आतंकी संगठन ज्वाइन किया था, ये दिखाने की कोई जरूरत नहीं है। सिर्फ इतना दिखाया जाए कि 32 महिलाओं ने ऐसा किया था और यहीं काफी भी है।
आपको बता दें, सी शुक्कुर को कुंचको बोबन अभिनीत फिल्म नना थान केस कोडू (फिर मुझ पर मुकदमा करो) में एक वकील की भूमिका के लिए जाना जाता है। इन्होंने स्पेशल मैरिज एक्ट के (एसएमए) के तहत अपनी पत्नी से पुनर्विवाह भी किया है, जिसके बाद इनके नाम की काफी चर्चा होने लगी थी।
बॉलीवुड एक्ट्रेस अदा शर्मा अभिनीत द केरला स्टोरी 5 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। सुदीप्तो सेन द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म लगभग 32,000 महिलाओं के साथ हुई घटना के बारे में लोगों को बताने के लिए चित्रित किया गया है, जो कथित रूप से दक्षिण राज्य से अचानक लापता हो गई थी।
केरल में सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) और विपक्षी कांग्रेस के अनुसार, फिल्म में झूठा दावा किया गया है कि उन महिलाओं ने धर्मांतरण किया, कट्टरपंथी बनीं और भारत व दुनिया में आतंकवादी मिशनों में को अंजाम देने में जुट गईं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने रविवार को फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माताओं की आलोचना करते हुए कहा था कि वे ‘लव जिहाद’ का मुद्दा उठाकर राज्य को धार्मिक उग्रवाद के केंद्र के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। इस अवधारणा को अदालतों, जांच एजेंसियों और गृह मंत्रालय द्वारा भी खारिज कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री विजयन ने यह भी कहा कि हिंदी फिल्म का ट्रेलर, पहली नजर में, सांप्रदायिक अवधारणा पैदा करने और राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के कथित उद्देश्य से जानबूझकर बनाया गया फिल्म प्रतीत होता है।

भाजपा कर रही फिल्म का समर्थन

दूसरी ओर, भाजपा ने सवाल किया कि केरल में धार्मिक आतंकवाद के मजबूत होने के दावों की व्याख्या राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के रूप में कैसे की जा सकती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने केरल के मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ माकपा के रुख को दोहरा मापदंड करार दिया। उन्होंने तर्क दिया कि जब ‘किताब’ या ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्मों की बात आती है तो, सीएम और वाम दल के नेताओं को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कोई चिंता नहीं है।
फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं देने का आग्रह
कुछ दिनों पहले, केरल में सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने विवादास्पद आगामी फिल्म ‘द केरल स्टोरी पर निशाना साधा था। जिसमें कहा गया था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समाज में जहर उगलने का लाइसेंस नहीं है और यह फिल्म थी राज्य के सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस ने सरकार से विवादास्पद फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया था, क्योंकि उनके अनुसार इसका उद्देश्य झूठे दावों के माध्यम से समाज में सांप्रदायिक विभाजन करना है।

 

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