उपेंद्र कुशवाहा ने बोल दिया जवाबी हमला, यूं घेरा नीतीश को

 

पटना। उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोल दिया। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे इज्जत दी गई, मुझे पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष जरूर बनाया गया। जब बनाया गया तो मुझे लगता था कि पार्टी में जिस जो सोच कर मुझे पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था वो एक तरह से झुनझुना था। पहले पार्टी में संसदीय बोर्ड अध्यक्ष नहीं था। बाद में ये संशोधन किया गया कि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का मनोनयन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे। ये समझ के बाहर की बात है कि संसदीय बोर्ड के सदस्यों का मनोनयन भी राष्ट्रीय अध्यक्ष ही करेंगे, संसदीय बोर्ड अध्यक्ष नहीं। मतलब हम संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष रह कर भी सदस्य को नहीं चुन सकते हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कहा कि पार्टी में ऐसा संविधान बनाया गया जिसमें संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष केवल नाम का पद है। इस पद पर बोर्ड अध्यक्ष एक सदस्य तक का मनोनयन नहीं कर सकता। ऐसे में इस पद को देकर मुझे झुनझुना थमा दिया गया। मुझे पार्लियामेंट बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया लेकिन मुझे अधिकार नहीं दिया गया। उपेंद्र कुशवाहा कोई सरकारी नौकरी नहीं कर रहा है, उपेंद्र कुशवाहा राजनीति कर रहा है। एमएलसी बनना किसी के लिए सरकारी नौकरी नहीं होती है। मैं अगर केंद्रीय मंत्री पद छोड़ सकता हूं तो रूरुष्ट का भी पद त्याग सकता हूं।
उपेंद्र कुशवाहा यहीं नहीं रुके। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘अति पिछड़ा समाज के लोगों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भरोसा नहीं है, तो जिस पर भरोसा है उसी एक व्यक्ति को लाकर राज्यसभा की सदस्यता दे दें। इससे उन्हें फायदा होगा। लेकिन एक समय में पार्टी में अति पिछड़ा समाज के लिए जो आकर्षण था, वो अब कम हो रहा है।’
उपेंद्र कुशवाहा ने बोलते हुए आगे ये भी बताया कि उन्हें हिस्से में क्या चाहिए। कुशवाहा ने कहा कि हिस्से का मतलब मैं आपको बताता हूं। जो हिस्सा कभी लालू जी ने नीतीश जी को नहीं दिया था। 1994 में 12 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में आयोजित एक रैली में नीतीश कुमार ने जिस हिस्सेदारी की बात की थी। जो हिस्सा उन्होंने लालू प्रसाद यादव से मांगा था, वही हिस्सा उपेंद्र कुशवाहा मांग रहा है। बगैर वो हिस्सा लिए मैं नहीं जाउंगा।

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