भ्रष्ट कुलपति हटाने को 4PM के संपादक ने गवर्नर को भेजा नोटिस, कहा-नहीं हटाए गए तो हाई कोर्ट में दायर होगी याचिका

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के महाभ्रष्टï कुलपति प्रो. विनय पाठक को हटाने के लिए 4 PM के संपादक संजय शर्मा ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को नोटिस दिया है। जिस में कहा है कि अगर पाठक को तत्काल नहीं हटाया गया तो इस पर वह हाई कोर्ट का रुख करेंगे और याचिका दायर की जाएगी। संजय शर्मा ने गवर्नर को दिए अपने 11 पेज के नोटिस में अदालत के कथन का हवाला भी दिया है।
राज्यपाल को दिए नोटिस में 4 पीएम के संपादक संपादक शर्मा ने कहा है कि कुलपति प्रो. विनय पाठक गंभीर अपराधों से घिरे हैं। जिनका अकादमिक रिकॉर्ड भी जांच के दायरे में है। साहित्यक चोरी से संबंधित और भ्रष्टाचार के उजागर मामलों में राज्य सरकार का उनके प्रति रवैया ढुलमुल है। कहा-यह गंभीर चिंता का विषय है कि विचाराधीन प्राथमिकी को चुनौती देने वाली विनय पाठक की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया और उसके बावजूद भी उनको कुलपति के पद से नहीं हटाया गया। इससे राज्य, शासन और सरकार की छवि धूमिल हो रही है। इनके खिलाफ महाभियोग लगाया जा रहा है। ऐसे में कुलपति पाठक को तत्काल हटाना ही उचित होगा।

सीबीआई ने पाठक के खिलाफ शुरू की जांच

लखनऊ। सीबीआई मुख्यालय की एसी-2 शाखा ने कानपुर विश्वविद्यालय के भ्रष्ट कुलपति विनय पाठक के खिलाफ जांच शुरू कर दी। सीबीआई टीम ने गुरुवार को गोमतीनगर स्थित एसटीएफ मुख्यालय पहुंचकर जांच शुरू करने से जुड़ी तमाम औपचारिकताएं पूरी की। सीबीआई ने एसटीएफ के अफसरों से मिलकर केस से जुड़ी अहम जानकारी भी जुटाई है।
विदित है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते 30 दिसंबर को सीबीआई से जांच कराने के लिए सिफारिश की थी, जिस पर कार्मिक मंत्रालय ने मंजूरी दी थी। वहीं डेविड डेनिस ने हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सीबीआई जांच का विरोध करते हुए याचिका डाली थी। याचिका में कहा था कि बिना वादी की मंजूरी के सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है।

एसटीएफ के तीन नोटिस पर भी नहीं पहुंचे विनय

दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया कि जब डेविड ने विनय पाठक को आगे कमीशन नहीं दिया तो आगरा विवि में प्रिंटिंग का काम अपने करीबी अजय मिश्रा की कंपनी को दे दिया था। डेविड डेनिस की एफआईआर पर जांच करते हुए यूपी एसटीएफ और लखनऊ पुलिस ने सबसे पहले विनय पाठक के करीबी अजय मिश्रा को गिरफ्तार किया था। अजय मिश्रा से पूछताछ के बाद दिल्ली के व्यापारी अजय जैन और फिर संतोष सिंह को गिरफ्तार किया। विनय पाठक का बयान दर्ज करने के लिए यूपीएसडीएम तीन बार नोटिस भेज चुकी है, लेकिन यूपी एसटीएफ के नोटिस के बावजूद विनय पाठक हाजिर नहीं हुए।

बिल भुगतान पर वसूला था 41 लाख का कमीशन

गौरतलब है कि बीते 29 अक्टूबर को लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में डिजिटेक्स टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी डेविड डेनिस ने प्रोफेसर विनय पाठक और उनके करीबी अजय मिश्रा पर ठेके में कमीशन वसूली, वसूली के लिए बंधक बनाने समेत कई धाराओं में केस दर्ज कराया था। आरोप लगाया गया कि साल 2019-20 और 2020-21 में डेविड डेनिस की कंपनी ने आगरा विवि की प्री और पोस्ट परीक्षा में प्रिंटिंग का काम किया था, इसके बिल के भुगतान के लिए ही विनय पाठक कमीशन की मांग कर रहे थे, आगरा विवि के कुलपति के चार्ज पर रहते हुए विनय पाठक ने डेविड डेनिस के बिल को मंजूर करने के एवज में अजय मिश्रा के जरिए तीन बार में एक करोड़ 41 लाख रुपए वसूले थे।

Related Articles

Back to top button