दिल्ली के मेयर की कुर्सी के लिए एमसीडी में चलीं कुर्सियां

अखाड़ा बना सदन, नारेबाजी...धक्का मुक्की...हाथापाई

  • हंगामा बंद नहीं होने से दोपहर 1:45 बजे सदन हुआ स्थगित, महापौर का चुनाव टला
  • नियम के मुताबिक पहले सबसे बड़े दल के सदस्यों को दिलाई जाती है शपथ
  • मनोनीत पार्षदों को पहले शपथ दिलाने पर आप ने जताया ऐतराज
  • सिविक सेंटर में आपस में भिड़ गए भाजपा और आप के सदस्य
  • एलजी वीके सक्सेना ने दस पार्षदों को किया है मनोनीत
  • आप ने पीठासीन अधिकारी का किया जमकर विरोध
  • दोनों दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली की मिनी सरकार का मेयर चुने जाने से पहले बवाल हो गया। सिविक सेंटर में महापौर चुनाव के पहले, आम आदमी पार्टी व भाजपा के सदस्यों के बीच नोक-झोक, फिर नारेबाजी और बाद में हाथापाई तक नौबत आ गई। दोनों दलों के पार्षदों ने हंगामा करते हुए सदन में कुर्सियां भी फेंकी। पीठासीन अधिकारी के मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ दिलाए जाने से नाराज आप पार्षदों ने विरोध जताया। आप नेताओं ने भाजपा पर जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाया है और कहा है कि भाजपा बगैर बहुमत के मेयर की सीट पर डाका डालना चाहती है।
आज दिल्ली मेयर व डिप्टी मेयर के लिए मतदान होना था, लेकिन वोटिंग शुरू होने से पहले, आप और बीजेपी के पार्षदों के बीच सदन में धक्का मुक्की का दौर शुरू हो गया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई और पर्चे उछाले गए। मेयर और डिप्टी मेयर के अलावा स्टैंडिंग कमिटी के 6 सदस्यों का चुनाव भी आज ही होना था। भारी हंगामें के बीच फिलहाल चुनाव को टाल दिया गया है।
गौरतलब है कि डिप्टी मेयर के पद पर मटिया महल वॉर्ड से आप के पार्षद आले मोहम्मद इकबाल का मुकबाला बीजेपी के प्रत्याशी कमल बागड़ी से है, जो राम नगर वॉर्ड से पार्षद हैं। इनके अलावा स्टैंडिंग कमिटी के 6 सदस्यों के पद के लिए 7 उम्मीदवारों ने पर्चे भरे हैं। इनमें आप के 4 और बीजेपी के 2 उम्मीदवार हैं। गजेंद्र दराल ने पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा था, लेकिन अब वह बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। आप पीठासीन अधिकारी और मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति को असंवैधानिक बता रही है। सदन स्थगित होने के बाद नई तारीख के लिए गेंद फिर से उपराज्यपाल के पाले में चली गई।

कुकर्मो को छिपाने के लिए भाजपा की गिरावट जारी है। मनोनीत पार्षदों और पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति गैरकानूनी है।
मनीष सिसोदिया, उपमुख्यमत्री दिल्ली

बीजेपी पार्षदों का खून बहाना चाहती है। चुने हुए पार्षदों के साथ सदन में गुंडागर्दी की जा रही है।
संयज सिंह, सांसद, आप

नैतिक रूप से मेयर का चुनाव आम आदमी हार चुकी है। उनको समझ आ गया है कि उनके पार्षद उनका साथ नहीं देंगे। जिस वजह से सदन में हंगामा किया जा रहा है।
मनोज तिवारी, सांसद, भाजपा

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