कमिश्नर डीके ठाकुर ने संभाली कमान और कर दिया लखनऊ के सुजीत पांडेय केस का खुलासा

  • चुनौती स्वीकार की और मुठभेड़ में दबोचे दो शूटर
  • वारदात के पीछे वर्चस्व की लड़ाई आई सामने
  • शूटरों के हुलिए के आधार पर जारी हुआ था स्केच
4पीएम न्यूज नेटवर्क, लखनऊ। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने जैसे ही मोहनलालगंज के चर्चित सुजीत पांडेय हत्याकांड की कमान संभाली, कुछ ही देर में हत्याकांड का खुलासा कर दिया। डीके ठाकुर को अपने उच्चाधिकारियों से केस खोलने के निर्देश मिले थे। इस चुनौती को स्वीकारते हुए पुलिस कमिश्नर ने मामले में सख्ती की। संदिग्धों से कड़ी पूछताछ की तो परतें खुलती चली गयी। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने अपराधियों से साफ लफ्जों में कहा कि लखनऊ में तुम्हारी खैर नहीं। मामले में 85 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। शूटरों के हुलिए के आधार पर स्केच भी जारी हुआ था। बीती रात आशियाना पुलिस ने दो शूटरों को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। शूटरों के पैर में गोली लगी है। दोनों की संलिप्तता सुजीत पांडेय हत्याकांड में सामने आई है। पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है। बता दें कि 20 दिसंबर को मोहनलालगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष व पूर्व प्रधान सुजीत पांडेय की बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि सुजीत पांडेय हत्याकांड में दोनों संदिग्ध थे। बिजनौर रोड पर आशियाना पुलिस चेकिंग कर रही थी। बाइक सवार दो संदिग्ध युवकों को देखकर पुलिस ने रोका तो दोनों भागने लगे। पुलिस टीम ने पीछा किया तो आरोपियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्यवाही में दोनों को गोली लगी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वारदात के पीछे वर्चस्व की लड़ाई सामने आई है। गिरफ्तार आरोपितों में रायसिंह खेड़ा माती बंथरा निवासी अरुण कुमार यादव उर्फ छोटू और मरुही मोहनलालगंज निवासी मुलायम यादव शामिल हैं। आरोपितों के पास से एक बाइक, एक तमंचा और एक पिस्टल बरामद की गई है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि मोहनलालगंज निवासी मधुकर के कहने पर दोनों ने घटना को अंजाम दिया था। मधुकर तेल चोरी के मामले में जेल में है। मधुकर ने जेल से ही हत्याकांड की साजिश रची थी। माना जा रहा है कि पुलिस जल्द मधुकर को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। मधुकर के खिलाफ खाद्य विभाग की ओर से रिपोर्ट दर्ज करा रखी है।
सेवानिवृत्त अधिकारी के घर बंधक बनाकर लूट करने वाले गिरफ्तार
गाजीपुर थाना क्षेत्र के सेक्टर 19 में सेवानिवृत्त बीएसएनएल अधिकारी के घर कोरियर वाला बन कर लूट की घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से लूट का सामान नकदी समेत नकली पिस्टल भी बरामद की है। आरोपियों के पास से हिन्दू राष्टï्र का पहचान पत्र भी मिला है। गिरफ्तार अपराधियों में कुशीनगर के कस्तूरबा गांव का आदित्य शाही तथा इंदिरा नगर सेक्टर 8 का रहने वाला सक्षम रघुवंशी है। आरोपियों के पास से ऑस्ट्रेलिया सिंगापुर सहित अन्य देशों की विदेशी करेंसी भी बरामद हुई है।

 राजधानी के 50 अस्पतालों में लगेगा कोरोना का टीका
  • नए साल में कोरोना वैक्सीनेशन शुरू
  • कोल्ड चेन की होगी कड़ी निगरानी
4पीएम न्यूज नेटवर्क, लखनऊ। नए साल 2021 में कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा। तैयारियां जोरों पर है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो राजधानी के 50 अस्पतालों में कोरोना का टीका लगाने की व्यवस्था की जाएगी। टीका लगाने के लिए स्टॉफ का प्रशिक्षण अंतिम दौर में है। सुरक्षित वैक्सीन रखने के लिए स्टोरेज सेंटर बन गया है। बता दें कि शहर में 11 मार्च को पहला कोरोना का मरीज मिला। अब तक 75 हजार से ज्यादा लोग चपेट में आ चुके हैं। वहीं 1115 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हर रोज 200 से 300 मरीज आने का सिलसिला जारी है। केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलते ही स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशिक्षित फौज मैदान में होगी। वहीं पहले सरकारी व निजी क्षेत्र के हेल्थ वर्करों को वैक्सीन लगेगी। इसमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल कर्मी, संविदा कर्मी, आउटसोर्सिंग कर्मी आदि शामिल हैं। वहीं दूसरे चरण में फ्रंट लाइन वर्कर का वैक्सीनेशन होगा। इसमें पुलिस कर्मी, निगम कर्मी व अन्य सुरक्षाबल होंगे। डिस्ट्रिक इम्युनाइजेशन ऑफिसर डॉ. एमके सिंह के मुताबिक सरकारी क्षेत्र में 50 जगह टीका लगाने का प्लान है। इसमें पहले से संचालित 27 टीकाकरण ईकाई हैं। वहीं बलरामपुर, सिविल, आरएलबी समेत 10 जनपदीय अस्पताल में वैक्सीनेशन सेंटर बनेगा। इसके अलावा केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया संस्थान में भी कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर बनेगा।
ऐशबाग में बना वैक्सीनेटर सेंटर, गड़बड़ी पर बजेगा अलार्म
कोरोना वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए ऐशबाग में कोरोना वैक्सीनेटर सेंटर बनाया गया है। भवन की मरम्मत का काम पूरा हो गया है। केंद्र सरकार ने पहले चरण में चार आइएलआर भेजे हैं। वहीं चार डीप फ्रीजर भी लग गए हैं। शेष उपकरण भी जल्द आ जाएंगे। सेंटर में दो लाख 36 हजार वैक्सीन को तय तापमान पर रखने की क्षमता है। यहां दो से आठ डिग्री सेंटीग्रेट तापमान तक वैक्सीन को सुरक्षित रखा जा सकेगा। वहीं कोल्ड चेन की मॉनिटरिंग के लिए इलेट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क का जाल बिछाया जाएगा। इसकी तीन स्तर पर निगरानी होगी। तय तापमान में गड़बड़ी होने पर राज्य, जिला व सेंटर के अधिकारियों के मोबाइल पर अलार्म से सूचना मिल जाएगी।
यूपी बोर्ड : 10वीं और 12वीं की प्री बोर्ड परीक्षाएं 15 जनवरी से
  • एक मार्च से होगी दूसरी प्री बोर्ड परीक्षा
4पीएम न्यूज नेटवर्क, लखनऊ। यूपी बोर्ड में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पहली प्री बोर्ड परीक्षाएं 15 जनवरी से शुरू होंगी। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने यह निर्देश जारी किए हैं। यह पहली प्री बोर्ड परीक्षा होगी। डीआईओएस ने बताया कि 25 जनवरी तक परीक्षा करानी होगी। कार्यक्रम विद्यालय अपने स्तर पर तय करेंगे। स्कूलों को 30 जनवरी तक उत्तर पुस्तिकाएं जांचकर फरवरी के पहले सप्ताह में स्कूल टॉपर के नाम जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में उपलब्ध कराने होंगे। डीआईओएस कार्यालय के स्तर पर इनके लिए विशेष काउंसलिंग सत्र संचालित करने का फैसला लिया गया है। राजधानी में यूपी बोर्ड के स्कूलों की संख्या करीब 780 है। यहां से इस सत्र में करीब 1.05 लाख छात्र-छात्राएं यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे हैं। कोरोना के चलते अभी तक परीक्षाओं की तिथियों को लेकर संशय की स्थितियां हैं। डीआईओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि राजधानी के स्कूलों में बोर्ड परीक्षाओं से पहले दो प्री-बोर्ड परीक्षा कराने का लक्ष्य निर्धारित है। पहली परीक्षा 15 से 25 जनवरी और दूसरी एक मार्च से कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि पहली प्री बोर्ड परीक्षा के बाद सभी स्कूलों से उनके प्रश्न पत्र और मॉडल आंसरशीट मांगी गई है। इन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य स्कूलों के छात्रों को उपलब्ध कराया जाएगा। छात्रों को अभ्यास करने के ज्यादा अवसर मिल सकेंगे। इसके अलावा स्कूल टॉपर के लिए जिला स्तर पर विषय विशेषज्ञ विशेष कंटेंट भी तैयार कर रहे हैं। इन्हें काउंसलिंग सेशन के दौरान उपलब्ध कराया जाएगा।

एलयू में अगले सत्र से नई व्यवस्था : स्नातक में पहले ट्रेनिंग, फिर मिलेगी डिग्री

4पीएम न्यूज नेटवर्क, लखनऊ। नई राष्टï्रीय शिक्षा नीति के तहत लविवि और संबद्ध कॉलेजों के विद्यार्थियों को परा स्नातक और पीएचडी की तरह स्नातक में भी कुछ समय की संबंधित विषय में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग करनी पड़ेगी। छात्र अगर किसी भाषा के विषय की पढ़ाई कर रहे हैं, तो उनको किसी पब्लिकेशन हाउस में ट्रेनिंग करनी होगी। इसी तरह से जो भी विषय स्नातक में पढ़ रहे होंगे, उनका प्रशिक्षण तय समय के लिए जरूरी हो जाएगा। इस प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद ही डिग्री मिल सकेगी। नई शिक्षा नीति के तहत लविवि की शिक्षण व्यवस्था में बदलाव तेजी से किया जा रहा है। जिसके तहत स्नातक में की गई पढ़ाई के जमीनी उपयोग को लेकर एक से तीन महीने की ट्रेनिंग करवाई जाएगी। जो कि विद्यार्थियों को अलग-अलग संस्थान में करनी होगी, जिसके जरिये उनको जरूरी जानकारियां मिल सकेंगी। ताकि बाद में उनके लिए रोजगार पाना आसान हो जाए। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि अभी तक प्रोफेशनल कोर्स में इटर्नशिप होती है, जिसमें किसी संस्थान में विद्यार्थी एक से तीन महीने की ट्रेनिंग लेता है। इसके जरिये वह क्षेत्र की मूलभूत जानकारियों को पाता है। इसी तरह से अब हम स्नातक, परास्नातक और पीएचडी में भी ट्रेनिंग करवाएंगे। इतिहास के विद्यार्थियों को एएसआई, भाषा से जुड़े विद्यार्थियों को किसी प्रकाशन केंद्र और अन्य विषयों को इसी हिसाब से अलग-अलग जगह ट्रेनिंग करनी पड़ेगी।

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