कोरोना काल में महंगाई की मार

sanjay sharma

सवाल यह है कि अचानक वस्तुओं के दाम बेकाबू क्यों हो गए हैं? क्या मांग और आपूर्ति में बिगड़ते संतुलन ने हालात को खराब कर दिया है? क्या कालाबाजारी और जमाखोरी के कारण दाम बढ़ रहे हैं? महंगाई पर लगाम लगाने में सरकार नाकाम क्यों है? क्या रोजी-रोटी की समस्या से जूझ रही जनता को महंगाई की मार से बचाने की जिम्मेदारी सरकार की नहीं है?

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। इसके चलते विश्व की आर्थिक सेहत भी बिगड़ गई है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना के कारण यहां एक ओर लाखों लोगों की रोजी-रोटी छिन गई है वहीं दूसरी ओर महंगाई तेजी बढ़ रही है। खाद्य पदार्थों से लेकर दवाओं तक की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। इसके कारण जनता की हालत खराब होती जा रही है। सवाल यह है कि अचानक वस्तुओं के दाम बेकाबू क्यों हो गए हैं? क्या मांग और आपूर्ति में बिगड़ते संतुलन ने हालात को खराब कर दिया है? क्या कालाबाजारी और जमाखोरी के कारण दाम बढ़ रहे हैं? महंगाई पर लगाम लगाने में सरकार नाकाम क्यों है? क्या रोजी-रोटी की समस्या से जूझ रही जनता को महंगाई की मार से बचाने की जिम्मेदारी सरकार की नहीं है? क्या आर्थिक गतिविधियों के ठप पड़ जाने के कारण महंगाई बढ़ी है? क्या आने वाले दिनों में इस पर लगाम लग सकेगी? आखिर जनता अपना जीवनयापन कैसे करेगी?
कोरोना ने लोगों की सेहत के साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी बीमार कर दिया है। संक्रमण के कारण अभी भी कई उद्योग-धंधे ठप हैं। जहां काम चल भी रहा है, वहां पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं हो रहा है। इसकी बड़ी वजह लोगों की क्रय शक्ति का कम हो जाना है। लाखों लोगों की रोजी-रोटी छिन चुकी है। मांग की कमी को देखते हुए उत्पादन भी बेहद कम हो रहा है। दूसरी ओर कोरोना काल में जमकर कालाबाजारी चल रही है। दवाओं से लेकर खाद्य पदार्थों तक में धड़ल्ले से कालाबाजारी की जा रही है। कंपनियों ने तमाम दवाओं के दामों में इजाफा कर दिया है। आक्सीजन सिलेंडर की कृत्रिम कमी उत्पन्न कर इनको मुंहमांगे दामों पर बेचा जा रहा है। कोरोना संक्रमण के इलाज में जरूरी इंजेक्शन तक की कालाबाजारी की जा रही है। यही हाल सब्जियों का है। मंडी में पर्याप्त आवक नहीं होने के कारण इनके दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी के कारण भी कीमतों में इजाफा हुआ है। खाद्य पदार्थों और दालों की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। कुल मिलाकर जनता को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। एक ओर वह कोरोना संक्रमण से जूझ रही है तो दूसरी ओर महंगाई से दो-चार हो रही है। वहीं बेरोजगार हो चुके लोगों के लिए यह किसी बड़ी आपदा से कम नहीं है। उनके पास जीवनयापन के साधन नहीं हैं। जाहिर है यदि सरकार जनता को राहत देना चाहती है तो उसे न केवल महंगाई पर तत्काल रोक लगानी होगी बल्कि कालाबाजारी पर भी नियंत्रण लगाना होगा। साथ ही ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी होगी अन्यथा स्थितियां विस्फोटक हो जाएंगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button