स्कूल फीस में कोई रियायत नहीं मिलेगी: डिप्टी सीएम

विद्यालय के स्थाई खर्च होते है, फीस लिए बिना पूरा करना संभव नहीं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उप-मुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि स्कूलों की फीस माफ किया जाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि फीस को पूरी तरह से माफ करना अथवा कम ही करना, व्यवहारिक रूप से सम्भव नहीं है। क्योंकि विद्यालय के स्थाई खर्च होते है, जिसे फीस लिए बिना पूरा करना संभव नहीं है। उन्होंने ये बात गोरखपुर के विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल से टेलीफोन पर कही।
विधायक ने उप-मुख्यमंत्री को बताया कि पैरेंट्स का कहना है कि 4 महीने से सारे स्कूल बंद हैं और आगे भी खुलने की संभावना नहीं है। सिर्फ आनलाइन शिक्षा की औपचारिकता पूरी की जा रही है। बच्चों तथा अभिवावकों को इससे बहुत परेशानी हो रही है और बच्चों को कोई विशेष शिक्षा भी नहीं मिल रही है। जबरन तीन महीने की एडवांस फीस और वार्षिक फीस जमा कराई जा रही है। कम से कम आनलाइन शिक्षा के दौरान फीस तो कम की ही जानी चाहिए। उप-मुख्यमंत्री ने विधायक को बताया कि सरकार ने पैरेंट्स को तीन सुविधाएं पहले ही दी हैं। पहली, सभी स्कूलों को स्पष्ट आदेश हैं कि इस साल फीस में कोई वृद्धि नहीं होगी। दूसरी- कोई भी विद्यालय, यदि पिछला बकाया नहीं है तो सिर्फ एक माह की फीस लेंगे। एक साथ तीन महीने की एकमुश्त फीस नहीं ली जायेगी। अगर किसी अभिवावकों को एक महीने की फीस देने में भी दिक्कत हो तो वे निजी रूप से स्कूल में अप्लिकेशन देकर फीस स्थगित करा सकेंगे और तीसरे में परिवहन शुल्क नहीं लिया जाएगा।

यूपी की आर्थिक सेहत सुधरी जून में 61 फीसदी मिला कर

वित्तीय वर्षमें राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य 41602.68 करोड़ रुपए

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण अप्रैल और मई में राज्य के कर राजस्व की बिगड़ी हालत जून में बहुत हद तक संभली नजर आ रही है। अप्रैल में कुल दस फीसदी और मई में कुल 40 फीसदी राजस्व खजाने में आया था। लॉकडाउन की बंदिशें टूटने और कारोबारी गतिविधियां बढऩे के कारण जून में यह बढक़र 61.2 फीसदी हो गया है।
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा है कि सरकार का प्रयास है कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को हर हाल में रोका जाए और आर्थिक गतिविधियों तथा विकास कार्य को आगे बढ़ाया जाए। मंत्री ने बताया है वित्तीय वर्ष 2020-21 में राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य 41602.68 करोड़ रुपये था, जिसके सापेक्ष 15716.48 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है। अकेले जून में लक्ष्य 14447.47 करोड़ रुपये था। इसके सापेक्ष 8848.69 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है। यह इस महीने के लक्ष्य का 61.2 फीसदी है। करेत्तर राजस्व में खनन से जून में लक्ष्य से अधिक 112.3 फीसदी राजस्व मिला। अप्रैल से जून के बीच खनन से 900 करोड़ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य था, जिसके सापेक्ष 633.43 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है। यह अब तक के लक्ष्य का 70 फीसदी है। करेत्तर राजस्व में जून महीने में 50.6 फीसदी मिले हैं।

महामारी से हर प्रकार के राजस्व प्रभावित
मंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार पूरी ताकत व मनोयोग से कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने का प्रयास कर रही है, इसमें सफलता भी मिली है। महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियां एवं विकास कार्य प्रभावित हुआ है और हर प्रकार से राजस्व प्राप्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वित्तीय वर्ष में अप्रैल, मई, जून तक की प्राप्तियां लक्ष्य के सापेक्ष 37.8 प्रतिशत रही हैं।

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