सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से करायी जाए कानपुर कांड और विकास दुबे प्रकरण की जांच: अखिलेश

भाजपा के कई नेता और सरकार के कई अधिकारी हो जाएंगे बेनकाब
सरकार विकास दुबे और उसके साथियों का जारी करे सीडीआर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कानपुर कांड और विकास दुबे प्रकरण की सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से न्यायिक जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सिटिंग जज से न्यायिक जांच हो जाएगी तो बहुत सी परतें खुलेंगी और भाजपा के कई नेता और सरकार के कई अधिकारी बेनकाब हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में साढ़े तीन साल से भाजपा की सरकार है, आखिर विकास दुबे कहां भागता रहा और उसके किससे-किससे संबंध रहे। सरकार पिछले 10 दिनों का उसके और उसके साथियों के मोबाइल का सीडीआर जारी करें। बहुत सारी जानकारियां पता चल जाएंगी। विकास के भारतीय जनता पार्टी और भाजपा नेताओं से सीधे-सीधे संबंध थे। उसके कितने अपराध थे और उसे बढ़ाने में भाजपा के नेता शामिल थे। सरकार ने स्वीकार किया है कि पुलिस के लोग उसके मुखबिर थे। पुलिस के अधिकारी उसके घर जाकर चाय पीते थे। इस एनकाउंटर पर सिर्फ सपा ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की जनता सवाल उठा रही है। सरकार की ठोको नीति का यह असर दिख रहा है, पता ही नहीं चलता है कि कौन किसको ठोक रहा है। यादव ने कहा मध्यप्रदेश में मंदिर परिसर में जिस तरह के हालात थे और जैसी तस्वीरें दिख रही हैं उससे लग रहा कि उसने सरेंडर किया था। अब यह भी कहा जा रहा है कि वह बैठा किसी और गाड़ी में था और पलटी थी दूसरी गाड़ी। चलते काफिले में कैसे उसने गाड़ी बदल ली। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार उसकी सीडीआर जारी करें, जिससे पता चले कि कौन, कौन उसकी मदद कर रहे थे और कौन-कौन लोग उसके साथ पूरे घटनाक्रम में शामिल हैं। अखिलेश ने कहा कि विकास दुबे का एनकाउंटर इसीलिए किया क्योंकि इसके सीने में बहुत से राज दफन थे। वह राज खुल न जाए और पर्दा उठ न जाए, इसलिए यह एनकाउंटर किया गया क्योंकि अगर पर्दा उठ जाता तो भाजपा सवालों के जवाब नहीं दे पाती। जानकारी तो यह भी आ रही है कि मध्य प्रदेश के जो गृह मंत्री हैं, जहां उसने सरेंडर किया। वह कानपुर में चुनाव के समय प्रभारी बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि विकास दुबे एनकाउंटर में गहरी साजिश है। इससे पर्दा उठना चाहिए। पता चलना चाहिए कि इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने विपक्ष के नेताओं को प्रताडि़त किया और मुकदमे लगाएं। जौहर यूनिवर्सिटी बंद हो जाए इसके लिए आजम खान पर कैसे-कैसे मुकदमे लगाए गए हैं सभी जानते हैं। यूपी सरकार ने लोगों पर झूठे मुकदमे लगाए हैं और उन्हें प्रताडि़त कर रही है। पत्रकारों का मुंह बंद कराने के लिए उन पर झूठे मुकदमे लगाए गए। आज अपराधियों का सबसे ज्यादा संरक्षण सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी कर रही है। सबसे ज्यादा जातिवादी पार्टी भी भारतीय जनता पार्टी है। हमें न्यायालय में भरोसा है कि वह न्याय देगी।

खालिस्तानी आतंकियों को हथियार सप्लाई करने वाला अरशद अली गिरफ्तार

संगीन धाराओं में दर्ज हैं मुकदमे, साथी की निशानदेही पर हुई गिरफ्तारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मेरठ। खालिस्तानी आतंकियों को अवैध हथियार की सप्लाई करने वाले अरशद अली उर्फ मुंशी को उत्तर प्रदेश एटीएस ने गुरुवार को मेरठ से गिरफ्तार किया है। उस पर यूपी के बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर और पंजाब में हत्या, आम्र्स एक्ट और लूट जैसे संगीन अपराधों के सात मुकदमे दर्ज हैं। वह मेरठ के लिसाड़ी गेट के लकी पुरा का रहने वाला है, जो पिछले काफी दिनों से खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सदस्य जावेद के साथ हथियार सप्लाई करने का धंधा कर रहा था। एटीएस ने जावेद को हापुड़ से गिरफ्तार किया था।
जावेद मूल रूप से मेरठ की मवाना तहसील के राधना इनायतपुर गांव का रहने वाला है। जावेद के साथी आशीष को भी फरवरी महीने में उतराखंड से यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। आशीष के ही बयान के आधार पर जावेद को गिरफ्तार किया गया था। एटीएस की टीम नोएडा में असगर से पूछताछ कर रही है। सात जून को जावेद की गिरफ्तारी के बाद से ही एटीएस असगर की रेकी कर रही थी। पंजाब पुलिस द्वारा पूछताछ में जावेद ने बताया था कि अगसर भी उसके साथ हथियारों की सप्लाई करता था।

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