सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड से संबद्घ कॉलेजों में घटेगा हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का पाठï्ïयक्रम

सीबीएसई व यूपी बोर्ड में एक ही पाठ्यक्रम की पढ़ाई होने से बोर्ड प्रशासन को सिलेबस कम करने का दबाव
इस बदलाव का असर सीधे तौर पर प्रदेशभर के 27 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ेगा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध कॉलेजों में हाईस्कूल व इंटर का पाठ्यक्रम घटाने की तैयारी है। ऐसे में इसका असर सीधे तौर पर प्रदेशभर के 27 हजार विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ेगा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की तर्ज पर पाठ्यक्रम में 20 से 30 प्रतिशत कम करने का प्रस्ताव किया जा रहा है। इस पर अंतिम मुहर शासन स्तर से लगेगी। संकेत है कि जुलाई माह में अंतिम रूप से निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि अगर बोर्ड ऐसा कोई निर्णय लेता है तो इस संकटकाल में बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी। इसका निर्णय अभी छह माह तक टाल देना चाहिए।
कोरोना के निरंतर बढ़ते संक्रमण ने वैसे तो हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। सबसे अधिक परेशानी स्कूल-कॉलेजों के संचालन में आ रही है। शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से ही शुरू हो चुका है लेकिन, अब तक स्कूल-कॉलेज खुल नहीं सके हैं और छात्र-छात्राओं के लिए जल्द खुलने के हालात भी नहीं है। हालांकि पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए ऑनलाइन माध्यम को अपनाया गया है। इसके बाद भी उस गति से पढ़ाई नहीं हो सकी है, जैसी होने की अपेक्षा है। इसीलिए पाठ्यक्रम को कम करने पर मंथन शुरू हुआ। ज्ञात हो कि सीबीएसई ने पिछले माह ही सिलेबस घटाने के संकेत दिए थे और वहां पर इस दिशा में कार्य शुरू हो चुका है। यूपी बोर्ड में भी सीबीएसई का ही पाठ्यक्रम लागू है। ज्ञात हो कि सीबीएसई की ओर से पाठ्यक्रम कम करने के ऐलान के बाद उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा था कि अभी पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं हो रहा है। असल में सीबीएसई व यूपी बोर्ड में एक ही पाठ्यक्रम की पढ़ाई होने से बोर्ड प्रशासन की भी जिम्मेदारी हो गई थी कि वह भी सिलेबस कम करे।

पाठ्यक्रम कम करने पर चल रहा मंथन

यूपी बोर्ड प्रशासन ने 27 जून को हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2020 का परिणाम जारी किया। शासन के निर्देश पर उसके अगले ही दिन शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय खुद बोर्ड मुख्यालय पहुंचे। तीन दिन से वे लगातार पाठ्यचर्या समिति (पाठ्यक्रम बनाने वाले) के सदस्यों व विशेषज्ञों से पाठ्यक्रम कम करने पर मंथन कर रहे हैं। इसमें बोर्ड सचिव, विशेष कार्याधिकारी व अन्य अफसर लगे हुए हैं।

अफसर बोले- दोनों प्रस्ताव शासन को भेज दिए

सूत्रों का कहना है कि हाईस्कूल व इंटर के अहम विषयों का पाठ्यक्रम दो तरह से कम करने पर सहमति बनी है। सिलेबस को करीब 20 प्रतिशत व 30 फीसदी कम करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। दोनों प्रस्ताव शासन को भेजे जा रहे हैं और वही इस पर अंतिम निर्णय लेगा। इसीलिए बोर्ड और माध्यमिक शिक्षा विभाग का कोई अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। उनकी ओर से सिर्फ यही कहा जा रहा है कि शासन की मंशा पर कार्य कर रहे हैं, जो भी निर्णय होगा जल्द ही सार्वजनिक होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button