मंत्रियों ने सीएम को दी रिपोर्ट, मुफ्त राशन से जनता में सकारात्मक माहौल

  • सरकार के मंत्रियों ने सीएम योगी के सामने रखी भ्रमण की रिपोर्ट
  •  मिली खामियों में सुधार कराएंगे नोडल अफसर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मंडलों में भ्रमण, जन चौपाल और सहभोज करके लौटे मंत्री समूह ने फीडबैक दिया है कि महिला सुरक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, स्कूलों के कायाकल्प और पात्र लोगों को बिना भेदभाव मिल रहे मुफ्त राशन से जनता में सकारात्मक माहौल है। साथ ही मंत्रियों ने कुछ खामियां भी विभिन्न जिलों में बताईं, इन्हें गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को निर्देश दिया है कि मंत्रियों की रिपोर्ट के आधार पर बिंदु चिन्हित करें। संबंधित जिलों के नोडल अधिकारियों से उनमें सुधार कराएं। सीएम योगी ने कहा कि अगला मंत्री समूह भ्रमण के लिए पहुंचेगा तो इन बिंदुओं पर क्रियान्वयन की समीक्षा भी करेगा। कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में मंत्रियों के साथ बैठक की। सभी मंडलों के मंत्री समूह के अध्यक्षों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस पर सीएम योगी ने कहा कि सरकार आपके द्वार की भावना के साथ 18 मंत्री समूह मंडलीय भ्रमण के लिए गठित किए गए थे। भ्रमण के दो चरण पूरे हो चुके हैं।

इसका सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। यह क्रम आगे भी बना रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि मंत्री समूह की रिपोर्ट संबंधित जिलों के नोडल अधिकारियों को दी जाए, ताकि जन अपेक्षाओं के अनुरूप विकास कार्यों को गति दी जा सके। साथ ही मंत्रियों ने जिन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत बताई है, उस पर अमल किया जाए। रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्रीय विकास के कार्यक्रम बनाए जा सकते हैं। अगला मंत्री समूह जब भ्रमण पर जाएगा तो पहले की रिपोर्ट के क्रियान्वयन की समीक्षा जरूर करेगा। सीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार, अनियमितता की एक भी घटना स्वीकार नहीं है। निर्णय मेरिट के आधार पर लें, जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। थाना दिवस, तहसील दिवस, विकासखंड दिवस को अपने उद्देश्यों में सफल बनाने में मंत्री भी अपनी भूमिका निभाएं।

विपक्षी दलों के जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव लें
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को सलाह दी कि हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं। मंडलीय भ्रमण के दौरान हमें विपक्षी दलों के जनप्रतिनिधियों से भी संवाद कर सुझाव लेना चाहिए। साथ ही कैबिनेट मंत्री अपने राज्य मंत्रियों के साथ समन्वय बनाए रखें। विभागीय बैठकों में राज्य मंत्रियों को शामिल रखें। सीएम योगी ने कहा कि जनवरी, 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन प्रस्तावित है। इससे पहले मंत्री समूहों को विभिन्न देशों में भ्रमण के लिए जाकर वहां के औद्योगिक जगत में उत्तर प्रदेश के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना होगा।

आजम से वापस लिया जाएगा जौहर शोध संस्थान

लखनऊ। सपा सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहते मो. आजम खान द्वारा मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान लीज पर लेने के मामले में योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। आजम से यह सरकारी शोध संस्थान वापस लिया जाएगा। इसके लिए लीज निरस्त की जाएगी। सरकार एसआईटी जांच के आधार पर सरकार उस समय के मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी (वर्तमान में संयुक्त निदेशक) राघवेन्द्र प्रताप सिंह पर विभागीय कार्रवाई करने जा रही है, उन्हें जल्द आरोप पत्र देकर जवाब मांगा जाएगा। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने करीब ढाई साल पहले शासन को सौंपी एसआईटी जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दरअसल, इस शोध संस्थान को लेने के लिए संस्थान के उद्देश्य ही बदल दिए गए थे। शोध संस्थान के उद्ïदेश्यों में उर्दू, अरबी व फारसी विषयों में उच्च शिक्षा की व्यवस्था करना एवं शोध कार्य कराना था। लेकिन आजम ने उच्च शिक्षा के स्थान पर सभी विषयों में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा जुड़वा दिया था। इसके बाद आजम ने इस सरकारी शोध संस्थान के भवन में रामपुर पब्लिक स्कूल खोल दिया था। आजम ने कैबिनेट से निर्णय कराकर इसे मात्र 100 रुपये वार्षिक की दर से 33 साल के लिए लीज पर लिया था। यह लीज 33-33 साल के लिए दो बार बढ़ाई जा सकती है।

आजम ने इस सरकारी शोध संस्थान को अपने उस ट्रस्ट को दिलवा दिया था जिसके वे खुद आजीवन अध्यक्ष हैं। यही ट्रस्ट जौहर विश्वविद्यालय का संचालन करता है। योगी सरकार ने वर्ष 2018 में अनियमितताओं को देखते हुए इसकी एसआइटी जांच करवाई थी। एसआईटी को इसमें पद के दुरुपयोग के कई साक्ष्य भी मिले थे। एसआईटी ने 31 जनवरी 2020 को अपनी जांच रिपोर्ट में तीन बिंदुओं की संस्तुति की थी। इसमें सरकारी शोध संस्थान की लीज निरस्त करने व इस भवन के निर्माण एवं उसकी उपयोगिता के संबंध में आडिट कराने की संस्तुति की है। एसआईटी ने उस समय के मंडलीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह पर लापरवाही व उदासीनता बरतने के आरोप लगाते हुए विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की थी। इसी आधार पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्म पाल सिंह ने राघवेंद्र प्रताप सिंह पर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति कर दी है।

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