सालभर में उद्योग न लगाया तो निरस्त होगा भूखंड: सीएम

योगी आदित्यनाथ कैबिनेट का फैसला, 3 प्रस्ताव मंजूर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कोरोना संक्रमण काल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्योगों को तमाम रियायतें दे रखी है। औद्योगिकीकरण के लिए व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में सरकार जुटी हुई है। मगर अब लंबे समय तक खाली पड़े औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति देखते हुए योगी सरकार ने निर्णय लिया गया है कि अब एक वर्ष में यदि उद्यमी ने वहां इकाई न लगाना शुरू न किया तो भूखंड का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा।
एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन के कारण घोषित हुए तीन दिवसीय राजकीय शोक के चलते कैबिनेट की बैठक नहीं हो सकी। ऐसे में कुछ प्रस्ताव कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूर कराए गए हैं। इनमें औद्योगिक विकास विभाग के तीन प्रमुख प्रस्ताव हैं। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि अभी तक औद्योगिक भूखंड पर इकाई लगाने के लिए काफी समय दिया जाता था। उसके बाद समय विस्तारण शुल्क के भुगतान से समय दे दिया जाता था। सरकार चाहती है कि भूखंड को निवेश के मकसद से नहीं, बल्कि उद्योग लगाने के लिए ही आवंटित कराएं, ताकि औद्योगिक विकास को गति दी जा सके। इसके लिए ही निर्णय किया गया है कि अब एक वर्ष के अंदर आवंटित भूखंड पर उद्योग लगाने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। कुछ दिन पहले तय हुआ था कि लॉजिस्टिक पार्क के लिए भूमि औद्योगिक दर से डेढ़ गुना कीमत पर दी जाएगी। अब इसमें और राहत देते हुए कैबिनेट ने निर्णय कर वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक को भी उद्योग का दर्जा दे दिया है। इस तरह अब औद्योगिक दर पर ही वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक पार्क के लिए भी जमीन दी जाएगी।

गीडा को भी मिला भूमि खरीद का अधिकार
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण की तरह ही गीडा भी अपने बोर्ड में प्रस्ताव लाकर कोई जमीन खरीद या अधिग्रहीत कर सकता है। बदायूं में राजकीय इंटर कालेज की स्थापना के लिए सिंचाई विभाग की जमीन माध्यमिक शिक्षा विभाग को हस्तांतरित की जाएगी। पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों की भूमि पर स्टैंड एलोन सोलर पंप लगाए जाने हैं। इसमें 2020-21 से 2024-25 तक की कार्ययोजना बनाई जानी है, जिसके क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी गई है।
कंटेनमेंट जोन में गतिविधियों पर प्रतिबंध सख्ती से लागू करें
प्रत्येक सप्ताह दो दिन के लॉकडाउन के बवजूद कोरोना पर अंकुश नहीं लगने से चिंतित मुख्यमंत्री ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन में विभिन्न गतिविधियों को प्रतिबंधित रखे जाने के प्रावधानों का सख्ती से पालन कराया जाए। साथ ही लोगों को आवश्यक सामग्री की उपलब्धता में कोई असुविधा न हो। कोविड हेल्प डेस्क के सुचारु संचालन पर भी बल दिया और कहा कि कोविड हेल्प डेस्क में पल्स आक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर और सैनिटाइजर की उपलब्धता बनी रहे।

पूर्व डीजीपी पर पुनर्विचार हेतु सीजेआई को प्रत्यावेदन

एक्टिविस्ट डॉॅ. नूतन ठाकुर ने गुप्ता को आयोग से हटाने की अपील की
१११ 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। एक्टिविस्ट डॉॅ. नूतन ठाकुर ने विकास दुबे मामले की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग में शामिल किए गए पूर्व डीजीपी के एल गुप्ता के नाम पर पुनर्विचार किए जाने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबड़े को प्रत्यावेदन भेजा है। नूतन ने अपने प्रत्यावेदन में कहा है कि गुप्ता ने विकास दुबे कांड के बाद मीडिया को दिए गए अपने बयानों में एनकाउंटर की तरफदारी की थी। कहा था कि हमें पुलिस की बातों पर अनावश्यक रूप से संदेह नहीं करना चाहिए। उन्होंने सीने पर गोली लगने का भी बचाव किया था। इन स्थितियों में गुप्ता से निष्पक्ष न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार गुप्ता आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल के अत्यंत नजदीकी रिश्तेदार हैं और इस प्रकरण में मोहित अग्रवाल की भूमिका भी जांच के घेरे में है। अत: नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार गुप्ता को इस आयोग में नहीं रखा जाना चाहिए। नूतन ने इन तथ्यों के मद्ïदेनजर के.एल गुप्ता को इस आयोग से पृथक करने का अनुरोध किया है।

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