सर्वर में गलत कमांड देने से गुल हुई थी लाखों घरों की बिजली : श्रीकांत

  • ऊर्जा मंत्री ने दिए मामले में जांच के आदेश
  • दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
  • आधी रात बाद शहर को मिली बिजली से राहत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि सर्वर में गलत कमांड देने से कल रात लाखों घरों की बिजली गुल हुई थी। स्मार्ट मीटर की गलती नहीं थी, वे बिल्कुल ठीक है। श्रीकांत ने इसके लिए बिजली महकमे को कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि मेन सर्वर में ऑटो ऑफ हो गया, जिसके कारण स्मार्ट मीटर में रिस्पांस आना बंद हो गया था। उन्होंने कहा कि मेन सर्वर ऑटो ऑफ होना एक षडय़ंत्र का हिस्सा है। इसकी जांच कराई जाएगी। ऑडिट के बाद जो भी लोग दोषी पाएं जाएंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि जन्माष्टमी पर अचानक लखनऊ सहित यूपी के कई जिलों के लाखों घरों की बिजली कट गई। बिजली गुल होने की समस्या उन घरों में आई जहां स्मार्ट मीटर लगे हैं। स्मार्ट मीटर में ग्रीन व रेड लाइट जल रही थी। बावजूद घरों की बिजली गायब थी। इससे लखनऊ सहित अधिकतर इलाकों में लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ हंगामा व विरोध-प्रदर्शन किया था। डेढ़ दर्जन से अधिक मंत्रियों के सरकारी आवास, अस्पताल, अपार्टमेंट, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान भी अंधेरे की समस्या की जद में रहे। सूत्र बताते है कि सर्वर कार्यालय में किसी कर्मचारी ने स्मार्ट मीटर की कमांड गलत दे दी थी, जिसके कारण बिजली चली गई। काफी प्रयास के बाद यह फॉल्ट ढूंढी जा सकी। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका कि यह गलत कमांड कहां से और किस कर्मचारी ने दी थी। प्रदेश में पहले चरण में करीब 40 लाख स्मार्ट मीटर आए हैं। इनमें से दस लाख से अधिक मीटर विभिन्न शहरों में लगा दिए गए हैं। करीब 30 लाख मीटर अभी लगने बाकी हैं।

दो अधिकारी हो चुके हैं सस्पेंड

जन्माष्टमी के दिन तीन लाख से ज्यादा घरों में अंधेरा छा गया। अचानक बिजली जाने से हडक़ंप मच गया। अधिकारियों की लापरवाही के चलते लाखों घरों को रात अंधेरे में गुजारनी पड़ी। बिजली मंत्री ने इस मामले में दो अधिकारी प्रोजेक्ट मैनेजर शशिकांत अग्रवाल व ईईएसएल यूपी हेड आदेश सक्सेना को सस्पेंड कर दिया है और उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।

आधी रात बाद सही हुआ फॉल्ट

काफी प्रयास के बाद अधिकारियों ने पाया कि गलत कमांड की वजह से घरों में अंधेरा छा गया था। आनन-फानन में स्मार्ट मीटर की कमांड ठीक करने का काम शुरू हुआ। आधी रात 12 बजे के बाद फॉल्ट सही हो सकी। हालांकि पावर कॉर्पोरेशन का दावा है कि रात साढ़े नौ बजे तक कई घरों के स्मार्ट मीटर चलने लगे थे। वहीं उपभोक्ताओं का आरोप है करीब आठ घंटे तक बिजली गायब रहीं, जिससे परेशानियों का सामना करना पड़ा।

सिविल अस्पताल में लापरवाही का संक्रमण, खुले में पड़े ग्लब्स व लाइट कवर

  • अधिकारी और कर्मचारी बने हुए हैं लगातार इससे अंजान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। ये फोटो सिविल अस्पताल की है। आप इन चार फोटो के जरिए अंदाजा लगा सकते हैं कि किस कदर अस्पतालों में लापरवाही बरती जा रही हैं। पहली फोटो में गेट एंट्री पर ही गलब्स पड़े हैं लेकिन किसी भी कर्मचारी की नजर नहीं पड़ी। गेट से ही लाखों मरीज आते जाते हैं जिससे उन्हें संक्रमण लगने का खतरा दस गुना तेजी से बढ़ जाता है। वहीं दूसरी में जूते के ऊपर पहने जाने वाले लाइट कवर। तीसरी में पार्किंग का हाल। जहां सेनेटाइजेशन की व्यवस्था नहीं।
चौथी फोटो कोविड-19 से प्रिकॉशन लेने वाले पीपीई किट की कैप पार्किंग में किस तरह पड़ी हुई है। वहीं ओपीडी के सामने कूड़ेदान में नहीं कूड़ा जमीन पर पड़ा है। उसी कूड़े पर कुछ लोगों ने मसाला खाकर पीक कर दिया जबकि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इनदिनों थूकना अपराध की श्रेणी में है। सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉॅ. आशुतोष दुबे का कहना है कि यह लापरवाही अस्पताल की कम बल्कि पब्लिक की ज्यादा है। डस्टबिन होने के बाद भी पब्लिक लापरवाही बरतती है। हालांकि अब अस्पताल के कर्मचारियों पर नजर रखी जाएगी, ताकि खुले में ग्लब्स, पीपीई किट न फैले।

जहां नियम बनते, वहीं पालन नहीं

अस्पतालों में जहां कोरोना वायरस जैसे इलाज के नियम बनते। आने वाले हर रोगी को वायरस से बचने का पाठ पढ़ाया जाता। वहीं पर घोर लापरवाही। राजधानी में अभी 15 हजार लोग संक्रमण की जद में हैं। सात हजार एक्टिव केस है। 170 लोगों की जानें जा चुकी। बावजूद अस्पतालों में लापरवाही का आलम है। सफाई-सुरक्षा रामभरोसे है। वहीं मरीजों का कहना है कि संक्रमण बढऩे का एक कारण यह भी है।

हाईकोर्ट से यूपी लोक सेवा आयोग को राहत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट से यूपी सरकार को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) भर्ती की प्रारम्भिक परीक्षा स्थगित करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है( हाईकोर्ट ने भर्ती परीक्षा पर रोक लगाए जाने से इंकार करते हुए अर्जी को खारिज किया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई करते हुए कहा है कि याचिका पोषणीय नहीं है। कोर्ट ने याचिका में जताई गईं आशंकाओं को भी आधारहीन बताया है। हाईकोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद रविवार 16 अगस्त को परीक्षा कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है। जनहित याचिका प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति और अन्य की ओर से दाखिल की गई थी।

एलडीए वीसी बोले-कोर्ट में है गुडम्बा की जमीन का मामला, बिल्डर मकान बेचता है तो मैं कैसे रोकूं

  • गुडम्बा के जोन पांच में एलडीए की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। एलडीए के जोन पांच के गुडम्बा में एलडीए के छप्पन हजार वर्ग मीटर से अधिक की जमीन पर कब्जा कर 32 मकान बनाए गए हैं। 4पीएम में खबर छपने के बाद मामले में एलडीए वीसी शिवाकांत ने तत्काल टीम भेजकर मौके की जांच भी करवाई। मगर फिर वहीं नतीजा। जांच हुई कार्रवाई नहीं। जबकि जमीन एलडीए की है, जो सीलिंग के रूप में दर्ज है।
एलडीए वीसी का कहना है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। बिल्डर मकान बेचता है तो मैं कैसे रोक सकता हूंं। दबंग बिल्डर इन मकानों को तेजी से बेचने में जुटा है। वही फैसला आने तक बिल्डर लोगों के मेहनत से कमाए लाखों रूपये को डकार चुका होगा। दरअसल एलडीए के जोन पांच में गुडम्बा के बहादुरपुर में गाटा संख्या 160 सं का रकवा 0.528 हेक्टेयर अर्थात 56833.447 वर्गफिट जमीन शहरी सीलिंग के रूप में दर्ज है जो कि एलडीए की जमीन है। जिसपर बिल्डर खालिद सलीम ने कब्जा कर लिया है। मामले को लेकर सोशल एक्टिविस्ट लक्ष्मी कान्त सिंह ने आरटीआई भी लगाई है। उन्होंने बताया कि जमीन की अनुमानित सरकारी मूल्य पांच करोड़ साठ लाख है एवं मार्केट कीमत लगभग 10 करोड़ है। इस पर खालिद ने कब्जा कर रखा है। लक्ष्मीकान्त ने इस मामले को लेकर 156 (3) की याचिका कि दायर की है। मामले की पैरवी नूतन ठाकुर कर रही हैं।

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