विकास एनकाउंटर: हाईकोर्ट ने खारिज की न्यायिक आयोग की मांग वाली याचिका

अपर महाधिवक्ता की दलील के बाद कोर्ट ने की कार्रवाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कानपुर के अपराधी विकास दुबे एनकाउंटर मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने और हाईकोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग के गठन की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। यह आदेश जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल व जस्टिस करुणेश सिंह पवार की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा पहले ही एसआईटी व न्यायिक आयोग का गठन किए जाने के आधार पर पारित किया। हालांकि पीठ ने याची को यह छूट दी है कि इस मामले मे उचित अवसर पर वह नई याचिका दाखिल कर सकती है।
वकील नंदिता भारती ने याचिका दाखिल कर कानपुर के अपराधी विकास दुबे एनकाउंटर केस की जांच के लिए एसआईटी गठित करने, साथ ही पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच करवाने की मांग की थी। साथ ही याचिका में राज्य सरकार को पुलिस मुठभेड़ों के लिए यथोचित दिशा निर्देश जारी करने का आदेश दिए जाने की मांग भी की गई थी। सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार साही ने तर्क दिया कि उक्त मामले की जांच के लिए 11 जुलाई को ही राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करते हुए, जांच विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन कर दिया गया है। इसके बाद 12 जुलाई को राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एसके अग्रवाल को इस प्रकरण की जांच के लिए एकल आयोग के तौर पर नियुक्त किया है। ये आयोग विकास दुबे से मुठभेड़ की जांच के अलावा दो जुलाई की रात्रि में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या, विकास दुबे के साथियों के साथ पुलिस की हुई सभी मुठभेड़ों व विकास की पुलिस विभाग के लोगों के साथ साठगांठ की भी जांच करेगा।

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