लखीमपुर: पुलिस के हत्थे चढ़ा दुष्कर्म और हत्या का आरोपी

मुठभेड़ के दौरान स्वाट टीम का एक सिपाही भी जख्मी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखीमपुर। सिंगाही थाना क्षेत्र में तीन साल की बच्ची के साथ दरिंदगी कर उसकी हत्या करने के आरोपी को पुलिस ने शुक्रवार को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। एसपी सत्येंद्र कुमार की अगुवाई में हुई मुठभेड़ के दौरान गोलीबारी में आरोपी लेखराम व स्वाट टीम का एक सिपाही घायल हो गए हैं। दोनों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भर्ती कराया गया है। बच्ची का शव गुरुवार को गन्ने के खेत में मिलने के बाद आरोपी लेखराम के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर ही पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी।
घटना का राजफाश और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसपी सत्येंद्र कुमार ने एसओ सिंगाही, एसओ निघासन व एसओ भीरा के अलावा क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम को भी लगाया था। ये चारों टीमें क्षेत्र में कांबिंग कर रही थीं। आरोपी की लोकेशन निघासन क्षेत्र के बम्हनपुर गांव में मिली। पुलिस टीम ने वहां पहुंचकर आरोपी को घेरा तो वह फायरिंग करते हुए गन्ने के खेत में भागा।
पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। दोनों ओर से कई राउंड गोली चलीं, जिसमें आरोपी लेखराम के पैर में गोली लगी और वह घायल हो गया। वहीं स्वाट टीम के सिपाही तुषार के बाएं हाथ में गोली लगी है। दोनों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बस्ती के डीएम आशुतोष की मेहनत लाई रंग श्रमिकों को रोजगार देने में जिला रहा अव्वल

मनरेगा में लक्ष्य के सापेक्ष 166 फीसदी उपलब्धि हासिल कर प्रदेश में जिला बना नंबर वन
रोजाना करते हैं मानीटरिंग, 39 लाख की जगह 65 लाख मानव दिवसों का सृजन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बस्ती। कोरोना काल में मनरेगा में श्रमिकों व प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने में बस्ती जिला पूरे प्रदेश में अव्वल रहा है। वहीं मंडल के जनपद संतकबीरनगर को छठां और सिद्धार्थनगर को 14वां स्थान मिला है। यह जानकारी डीएम आशुतोष ने दी।
डीएम आशुतोष ने बताया कि बस्ती पहला ऐसा जिला है, जिसनेलक्ष्य के सापेक्ष 166 फीसदी की उपलब्धि हासिल की है। जिले में 39 लाख मानव दिवस सृजन करने के लक्ष्य के सापेक्ष 65 लाख मानव दिवस का सृजन किया है। कोरोना महामारी के बाद जब पूरे देश से प्रवासी मजदूर गांव वापस आने लगे तो सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या इन लोगों को त्वरित रोजगार उपलब्ध कराने की थी। इसके लिए सरकार ने रोजगार उपलब्ध कराने के लिए खजाना खोल दिया। पंजीकृत मनरेगा श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा वरदान साबित हो रही है। यह प्रवासी मजदूरों के परिवार के जीविकोपार्जन का सबसे बड़ा जरिया बनी है। इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए वन विभाग, हार्डिकल्चर, मत्स्य पालन विभाग, लघु समिति, कृषि विभाग और सेरी कल्चर में कार्ययोजना बनाई गई। विभागों को निर्देशित किया गया कि हर हाल में प्रवासी मजदूरों को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध कराए है। धन की कोई कमी नहीं है। क्षेत्र पंचायतों और ग्राम पंचायतों को जरूरत के हिसाब से कच्चे और पक्के कार्यों के लिए योजना बनाने का आदेश जारी किया गया। जिन विभागों ने कार्ययोजना बनाने में रुचि नहीं दिखाई उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई। ग्राम पंचायतों को कड़े निर्देश दिए गए कि प्रत्येक ग्राम पंचायतों में हर दिन कोई न कोई काम मनरेगा से होना चाहिए, इसमें लापरवाही बरतने वाले कई बीडीओ को कारण बताओ नोटिस सहित अन्य कार्रवाई की गई। डीएम ने बताया कि चूंकि इसकी मानिटरिंग जिला स्तर पर रोजाना होती थी, इसलिए यह सफलता हासिल हुई।

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