भारत में चीन के एप्स पर प्रतिबंध के मायने

sanjay sharma

सवाल यह है कि एप्स को प्रतिबंधित करने के फैसले से चीन की अर्थव्यवस्था पर कितना असर पड़ेगा? क्या चीन इसके बदले में भारत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा? क्या कुछ हजार करोड़ के नुकसान से चीन की भारत के प्रति नीति में कोई फर्क पड़ेगा? क्या यह प्रतिबंध दूसरे देशों के लिए मिसाल बन सकेगा?

चीन से बिगड़ते रिश्तों के बीच भारत ने चीन के करीब 59 मोबाइल एप्स को प्रतिबंधित कर दिया है। भारत सरकार ने चीन के जिन एप्स पर बैन लगाया है उनमें टिकटॉक, कैम स्कैनर, शेयर इट, हेलो, विगो वीडियो, और क्लब फैक्ट्री जैसे मशहूर एप्स शामिल हैं। सीमा से इतर यह चीन के खिलाफ भारत की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। सवाल यह है कि एप्स को प्रतिबंधित करने के फैसले से चीन की अर्थव्यवस्था पर कितना असर पड़ेगा? क्या चीन इसके बदले में भारत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा? क्या कुछ हजार करोड़ के नुकसान से चीन की भारत के प्रति नीति में कोई फर्क पड़ेगा? क्या यह प्रतिबंध दूसरे देशों के लिए मिसाल बन सकेगा? क्या चीन की आक्रामक नीति से परेशान तमाम राष्टï्र भारत की इस प्रतिबंध वाली नीति पर आगे बढ़ सकेंगे? क्या यह चीन के लिए भारत का बाजार बंद करने की दिशा में पहला कदम है? क्या इससे स्वदेशी एप्स का बाजार खुल सकेगा?


भारत, चीन के इन मोबाइल एप्स का सबसे बड़ा बाजार है। यहां 100 करोड़ से ज्यादा लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। तमाम एप्स भारत की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा बन चुके थे और इनसे यूजर्स का गोपनीय डेटा लगातार चीन के हाथ लग रहा था। कई बार खुफिया एजेंसियां भारत को इस बारे में आगाह भी कर चुकी हैं। एक आंकलन के मुताबिक चीन के ये एप्स दुनिया भर से जो कमाई करते हैं उसका औसतन 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा भारत से आता है। मसलन टिकटॉक इस साल सितंबर तक भारत से 100 करोड़ कमाना चाहता था। जाहिर है एप्स पर प्रतिबंध लगने से चीन को झटका लगेगा। गौरतलब है कि भारत के मोबाइल एप मार्केट में चाइनीज एप्स की घुसपैठ काफी बढ़ गई थी। मोबाइल एप डाउनलोड के मामले में 2017 में टॉप 100 एप्स में सिर्फ 18 चाइनीज एप्स थे लेकिन 2018 में टॉप 100 एप्स में चाइनीज एप्स बढक़र 44 हो गए। भारत में सबसे लोकप्रिय चाइनीज एप्स टिकटॉक है, जिसके भारत में 20 करोड़ से भी ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं। ऐसा नहीं है कि भारत ने ही चाइनीज एप्स पर प्रतिबंध लगाएं हैं। ऑस्ट्रेलिया ने अपने सैनिकों द्वार वी-चैट एप पर दो वर्ष पहले ही पाबंदी लगा दी थी। इसमें दो राय नहीं कि चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था को एप्स प्रतिबंधित कर कोई बड़ी आर्थिक चोट नहीं पहुंचाई जा सकती लेकिन भारत की यह पहलकदमी चीन की विस्तारवादी नीतियों से प्रभावित देशों के लिए प्रेरणा का काम करेगी। इससे चीन के सामानों का बहिष्कार अंतरराष्टï्रीय स्तर पर शुरू हो जाएगा। यदि ऐसा हो गया तो फिर चीन आर्थिक रूप से घुटनों के बल आ जाएगा।

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