भारत-पाक सीमा पर अघोषित युद्ध के मायने

sanjay sharma

सवाल यह है कि पाकिस्तान सीमा पर भारत के साथ अघोषित युद्ध क्यों लड़ रहा है? क्या इमरान सरकार अपनी आवाम का ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार की हरकत कर रही है? क्या आतंकियों की घुसपैठ कराने में नाकाम हो रही पाकिस्तानी सेना बौखला गई है? क्या पाकिस्तान चीन की शह पर सीमा पर आक्रामकता दिखा रहा है? क्या पाकिस्तान को पीओके पर भारतीय कब्जे का डर सता रहा है?

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। पाकिस्तानी सेना ने दिवाली से ठीक एक दिन पहले सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन किया। पाकिस्तानी सेना ने गुरेज से उड़ी सेक्टर तक गोलाबारी की। इसमें भारत के पांच जवान शहीद हो गए वहीं छह से अधिक नागरिक घायल हो गए। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 11 सैनिक ढेर हो गए जबकि 15 से बीस सैनिक घायल हो गए। यही नहीं भारतीय सेना ने पाकिस्तान की कई चौकियां और बंकर तबाह कर दिए। सवाल यह है कि पाकिस्तान सीमा पर भारत के साथ अघोषित युद्ध क्यों लड़ रहा है? क्या इमरान सरकार अपनी आवाम का ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार की हरकत कर रही है? क्या आतंकियों की घुसपैठ कराने में नाकाम हो रही पाकिस्तानी सेना बौखला गई है? क्या पाकिस्तान चीन की शह पर सीमा पर आक्रामकता दिखा रहा है? क्या पाकिस्तान को पीओके पर भारतीय कब्जे का डर सता रहा है? क्या पाकिस्तान भारत से एक और युद्ध लडऩे की तैयारी कर रहा है? आर्थिक रूप से कमजोर हो चुका पाकिस्तान क्या एक और युद्ध झेल सकेगा?
भारत और पाकिस्तान के बीच कभी भी मधुर संबंध नहीं रहे। जब से केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाया है, इमरान सरकार, पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई बौखला गई है। वह कश्मीर में एक बार फिर आतंकियों के जरिए हिंसा फैलाने की फिराक में है। भारतीय सेना द्वारा आतंकियों को लगातार ढेर करने से भी पाकिस्तानी सेना परेशान है। इसके अलावा भारत पाकिस्तान से कई बार पीओके को खाली करने को कह चुका है। इससे पाकिस्तान सरकार परेशान है क्योंकि पाकिस्तान और चीन का आर्थिक गलियारा पीओके के बीच से होकर गुजरता है। चीन से भी भारत का तनाव चरम पर है। चीन को भी इस बात का डर है कि यदि भारत ने पीओके पर कब्जा कर लिया तो उसका आर्थिक गलियारा हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा। पाकिस्तान में महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है। वहां की आवाम इमरान सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रही है। पीओके में भी आजादी के नारे लगाए जा रहे हैं। इमरान के विरोधी दल भी सरकार के खिलाफ मोर्चा बना चुके हैं और सडक़ों पर उतर रहे हैं। यही सब वजहें हैं कि इमरान सरकार एक बार फिर भारत-पाक की दुश्मनी के जरिए अपनी आवाम का ध्यान भटकाने की चाल चल रही है लेकिन पाकिस्तान को भारत से हुए युद्धों में हुई अपनी पराजय का स्मरण होना चाहिए। एक और युद्ध पाकिस्तान को भारी पड़ेगा। यह स्थिति पाकिस्तानी आवाम के लिए अच्छी नहीं होगी।

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